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अजमेर में कांग्रेसियों ने जिला मुख्यालय घेरा, विधानसभा सत्र बुलाने को उठाई आवाज

विधानसभा सत्र बुलाने की मांग को लेकर कांग्रेसियों ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया. शहर और देहात कांग्रेस के कार्यकर्त्ताओं ने लामबन्द होकर राज्यपाल से सत्र बुलाने की अनुमति प्रदान करने की मांग को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. इस दौरान कांग्रेसियों ने जमकर नारेबाजी की.

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Published : Jul 25, 2020, 5:06 PM IST

Congressmen protest on the district headquarters
कांग्रेसियों ने जिला मुख्यालय घेरा

अजमेर. विधानसभा सत्र बुलाने की मांग को लेकर कांग्रेसियों ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया. इस दौरान बड़ी संख्या में शहर और देहात कांग्रेस के कार्यकर्ता जुटे. प्रदर्शन में गहलोत समर्थकों के अलावा कई चेहरे पायलट समर्थक के भी नजर आए. कांग्रेसियों के प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित को राज्यपाल के नाम ज्ञापन भी सौंपा.

प्रदर्शन में डीसीसी के कई पूर्व पदाधिकारी भी नदारद रहे. वहीं कई पायलट समर्थक भी कांग्रेस के आंदोलन में साथ खड़े दिखाई दिए. पूर्व विधायक श्रीगोपाल बाहेती ने कहा कि राज्यपाल विधानसभा सत्र बुलाएं ताकि जनता के दिए वोट पर डाका न पड़े. बाहेती ने कहा कि बीजेपी ने जनादेश पर डाका डाल कर कर्नाटक और मध्य प्रदेश में हॉर्स ट्रेडिंग कर सरकार बना ली. उन्होंने कहा कि भाजपा के पास इतना पैसा कहां से आ रहा है यह जांच का विषय है. इसलिए राज्यपाल से मांग है कि भाजपा को और ज्यादा भ्रष्टाचार करने का मौका ना दें.

कांग्रेसियों ने जिला मुख्यालय घेरा

यह भी पढ़ें : राजस्थान में कांग्रेस के प्रदर्शन पर पूनिया का बयान, कांग्रेस फैला रही अराजकता... महामहिम और अदालत करे कार्रवाई

पूर्व विधायक राजकुमार जयपाल ने कहा कि बीजेपी की सरकार गिराने की कुमंशा की हम निंदा करते हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति और राज्यपाल को ज्ञापन देकर मांग की गई है कि शीघ्र ही विधानसभा सत्र बुलाया जाए ताकि सरकार अपना बहुमत सिद्ध कर सके.

यह भी पढ़ें : विधानसभा सत्र बुलाने के प्रस्ताव को गहलोत कैबिनेट ने दी मंजूरी, राज्यभर में प्रदर्शन आज

पूर्व विधायक ललित भाटी ने कहा कि भाटी ने कहा कि संविधान की धारा 174 स्पष्ट करती है कि चुनी हुई सरकार की मंत्री परिषद विधानसभा सत्र बुलाने के लिए सिफारिश करेगी तो वह राज्यपाल के लिए बाध्यकारी है. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के दबाव में आकर राज्यपाल ने 70 वर्ष के लोकतांत्रिक इतिहास से खिलवाड़ किया किया है.

यह भी पढ़ें : Twitter पर मिला Gehlot को युवाओं का समर्थन, Trend हुआ 'युवा साथ है गहलोत जी थैंक्यू'

यह नहीं आए :
खास बात यह रही कि जिला कार्यकारणी भंग होने तक शहर में विजय जैन और देहात में भूपेंद्र सिंह राठौड़ मौजूद थे. दोनों ही पायलट के समर्थक हैं. इनके अलावा पायलट समर्थकों में नसीराबाद पूर्व विधायक रामनारायण गुर्जर और किशनगढ़ से वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजू गुप्ता, हेमंत भाटी, मसूदा से संग्राम सिंह गुर्जर प्रदर्शन में नहीं रहे. वहीं पूर्व शहर उपाध्यक्ष प्रताप सिंह यादव भी प्रदर्शन में नहीं थे.

यह रहे प्रदर्शन में मौजूद :
पूर्व मंत्री नसीम अख्तर, पूर्व विधायक श्रीगोपाल बाहेती, ललित भाटी राजकुमार जयपाल, नाथूराम सिनोदिया, महेंद्र गुर्जर, पूर्व प्रदेश सचिव महेंद्र सिंह रलावता समेत विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे.

अजमेर. विधानसभा सत्र बुलाने की मांग को लेकर कांग्रेसियों ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया. इस दौरान बड़ी संख्या में शहर और देहात कांग्रेस के कार्यकर्ता जुटे. प्रदर्शन में गहलोत समर्थकों के अलावा कई चेहरे पायलट समर्थक के भी नजर आए. कांग्रेसियों के प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित को राज्यपाल के नाम ज्ञापन भी सौंपा.

प्रदर्शन में डीसीसी के कई पूर्व पदाधिकारी भी नदारद रहे. वहीं कई पायलट समर्थक भी कांग्रेस के आंदोलन में साथ खड़े दिखाई दिए. पूर्व विधायक श्रीगोपाल बाहेती ने कहा कि राज्यपाल विधानसभा सत्र बुलाएं ताकि जनता के दिए वोट पर डाका न पड़े. बाहेती ने कहा कि बीजेपी ने जनादेश पर डाका डाल कर कर्नाटक और मध्य प्रदेश में हॉर्स ट्रेडिंग कर सरकार बना ली. उन्होंने कहा कि भाजपा के पास इतना पैसा कहां से आ रहा है यह जांच का विषय है. इसलिए राज्यपाल से मांग है कि भाजपा को और ज्यादा भ्रष्टाचार करने का मौका ना दें.

कांग्रेसियों ने जिला मुख्यालय घेरा

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पूर्व विधायक राजकुमार जयपाल ने कहा कि बीजेपी की सरकार गिराने की कुमंशा की हम निंदा करते हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति और राज्यपाल को ज्ञापन देकर मांग की गई है कि शीघ्र ही विधानसभा सत्र बुलाया जाए ताकि सरकार अपना बहुमत सिद्ध कर सके.

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पूर्व विधायक ललित भाटी ने कहा कि भाटी ने कहा कि संविधान की धारा 174 स्पष्ट करती है कि चुनी हुई सरकार की मंत्री परिषद विधानसभा सत्र बुलाने के लिए सिफारिश करेगी तो वह राज्यपाल के लिए बाध्यकारी है. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के दबाव में आकर राज्यपाल ने 70 वर्ष के लोकतांत्रिक इतिहास से खिलवाड़ किया किया है.

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यह नहीं आए :
खास बात यह रही कि जिला कार्यकारणी भंग होने तक शहर में विजय जैन और देहात में भूपेंद्र सिंह राठौड़ मौजूद थे. दोनों ही पायलट के समर्थक हैं. इनके अलावा पायलट समर्थकों में नसीराबाद पूर्व विधायक रामनारायण गुर्जर और किशनगढ़ से वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजू गुप्ता, हेमंत भाटी, मसूदा से संग्राम सिंह गुर्जर प्रदर्शन में नहीं रहे. वहीं पूर्व शहर उपाध्यक्ष प्रताप सिंह यादव भी प्रदर्शन में नहीं थे.

यह रहे प्रदर्शन में मौजूद :
पूर्व मंत्री नसीम अख्तर, पूर्व विधायक श्रीगोपाल बाहेती, ललित भाटी राजकुमार जयपाल, नाथूराम सिनोदिया, महेंद्र गुर्जर, पूर्व प्रदेश सचिव महेंद्र सिंह रलावता समेत विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे.

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