अजमेर. जिले में कांग्रेसियों ने जिला शिक्षा अधिकारी देवी सिंह कच्छावा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बुधवार को जिला कलेक्टर को सीएम के नाम पत्र देकर कांग्रेसियों ने जिला शिक्षा अधिकारी की शिकायत की है.
इनका आरोप है कि जिला शिक्षा अधिकारी नियमों को ताक में रखकर अपने चहेतों को उपकृत कर रहे हैं और समस्या लेकर उनके पास आ रहे शिक्षकों को धमकाते या उनके खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज करवाते हैं. जिला मुख्यालय पर लामबन्द हुए कांग्रेसियों ने कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा को सीएम के नाम ज्ञापन सौंप कर जिला शिक्षा अधिकारी देवी सिंह कच्छावा को एपीओ करने और उनके खिलाफ उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.
शहर कांग्रेस के उपाध्यक्ष प्रताप यादव ने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी अपने चहेते लोगों को उपकृत करने के लिए निष्ठा से कार्य करने वाले शिक्षकों को प्रताड़ित कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि परेशान शिक्षक जब उनके पास समस्या लेकर जाते हैं, तो उनको धमकाया जाता है या उनके खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज करवा दिया जाता है. उन्होंने बताया कि एक कर्मचारी अपनी समस्या अपने अफसर के पास लेकर नहीं जाएगा तो कहां जाएगा.
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यह है आरोप:
1. जिला शिक्षा अधिकारी देवी सिंह कच्छावा को अपने आधीन अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी मुन्नी देवी शर्मा को 20 से ज्यादा दिनों के लिए फर्जी हस्ताक्षर करवाकर विषय विरुद्ध उपकृत किया गया.
2. राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय हाटूंदी अजमेर में कार्यरत चंद्र प्रकाश शर्मा जो विद्यालय से 45 दिन के लिए गैरहाजिर था. उसकी हाजिरी माखुपुरा माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य पर दबाव बनाकर जिला शिक्षा अधिकारी देवी सिंह ने अवकाश अवधि पर एक बार में एक साथ हस्ताक्षर करवा कर उपकृत किया. जबकि दोनों विद्यालय के बीच 7 किलोमीटर की दूरी है. जिला शिक्षा अधिकारी देवी सिंह ने गैरहाजिर को हाजिरी में बदलवा कर राजकोष को हानि पहुंचाई है. इस हाजिरी की हानि दोषी जिला शिक्षा अधिकारी देवी सिंह कच्छावा से वसूल की जानी चाहिए.
3. देवी सिंह ने पद का दुरुपयोग कर अपने चहेते लोगों को उपकृत किया है और जिले में दूरदराज विद्यालय से जहां पहले ही शिक्षक की कमी है, वहां से अजमेर शहर के विद्यालयों में पद रिक्त ना होते हुए प्रतिनियुक्ति कर दी है. इन विद्यालयों में पर्याप्त शिक्षक हैं. इससे प्रतिनियुक्ति वाले शिक्षकों को बिना काम वेतन देना पड़ रहा है. इन आरोपों पर जांच हो और जिला शिक्षा अधिकारी देवी सिंह कच्छावा के राजकोष को नुकसान पहुंचाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई हो.