अजमेर. अजमेर में नगर निगम की साधारण सभा की बैठक में हुए हंगामे (Ajmer Municipal Corporation General Meeting) के बाद कांग्रेसी पार्षदों ने दूसरे दिन भी साधारण सभा की बैठक को स्थगित करने की मांग उठाई. पार्षदों ने जिला कलेक्टर से निष्पक्ष जांच की गुहार लगाई है. नगर निगम के सभी कांग्रेसी पार्षद जिला कलेक्ट्रेट पर पहुंचे औैर कलेक्टर से साधारण सभा की बैठक को स्थगित करने एवं साधारण सभा की नियमानुसार कार्रवाई कराने को लेकर अपनी बात (Congress Councilors Response on Ajmer Municipal Corporation) रखी. कांग्रेस पार्षदों का आरोप है कि बैठक में जनहित के मुद्दों पर चर्चा नहीं कर के एजेंडे को मनमाने तरीके से पारित करवाकर भाजपा बोर्ड ने लोकतंत्र की हत्या की है.
साधारण सभा में हुए हंगामे के बाद (Conflict between BJP and Congress councilors) कांग्रेसी पार्षदों ने नगर निगम के भाजपा बोर्ड के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. गुरुवार को साधारण सभा की बैठक के बाद कांग्रेसी पार्षदों ने रात 8 बजे तक धरना दिया. शुक्रवार(22 अप्रैल 2022) को भी नगर निगम में कांग्रेसी पार्षदों का धरना जारी रहा. कांग्रेस के पार्षदों ने जिला कलेक्टर अंशदीप से मुलाकात कर साधारण सभा की बैठक को स्थगित करने और साधारण सभा की बैठक में हुई पूरी कार्रवाई की निष्पक्ष जांच करवाने की मांग की है.
कांग्रेस के पार्षद गजेंद्र सिंह रलावता का आरोप है कि नगरपालिका अधिनियम के नियमों की भाजपा बोर्ड ने धज्जियां उड़ाई हैं. उन्होंने बताया कि नियमों को ताक पर रखकर लोकतंत्र की हत्या की गई. साधारण सभा की बैठक में पार्षदों की उपस्थिति रजिस्टर में बिना हस्ताक्षर करवाए और प्रस्ताव बिना पढ़े पारित करवा लिए गए. जबकि नियम अनुसार प्रस्तावों को आयुक्त की ओर से पढ़ा जाना था. क्रमानुसार एजेंडे के 15 प्रस्ताव पर चर्चा होनी थी लेकिन बहुमत की दादागिरी दिखाते हुए भाजपा बोर्ड ने जनहित के मुद्दों पर चर्चा से बचने के लिए नियम विरुद्ध प्रस्ताव पारित करवा लिए हैं.
पढ़ें- अजमेर: अतिक्रमण पर चला नगर निगम का डंडा, दुकान के सामने से कब्जा हटाने के निर्देश
रलावता ने कहा कि सरकार और प्रशासन से कांग्रेसी पार्षद साधारण सभा की बैठक की कार्यवाही की निष्पक्ष जांच करवाने एवं बैठक को स्थगित करने की मांग कर रहे हैं. पार्षद नोरत गुर्जर ने नगर निगम के भाजपा बोर्ड पर नियम विरुद्ध साधारण सभा की बैठक में कार्रवाई करने का आरोप लगाया.गुर्जर ने कहा कि 13 महीने बाद निगम में साधारण सभा की बैठक हो रही है. जनहित को देखते हुए कांग्रेसी पार्षद भी साधारण सभा को आयोजित करवाने के समर्थन में थे लेकिन साधारण सभा में भाजपा बोर्ड ने कांग्रेसी पार्षदों के प्रस्तावों पर गौर ही नहीं किया. साधारण सभा की बैठक से पूर्व कांग्रेसी पार्षदों को विरोध प्रदर्शन करना पड़ा तब जाकर कांग्रेसी पार्षदों से प्रस्ताव लिए गए. महज 9 मिनट में 14 प्रस्तावों को बिना चर्चा के और मौजूद पार्षदों के बिना हस्ताक्षर करवाए पारित करवा लिया गया. भाजपा बोर्ड ने नगरपालिका अधिनियम कानून की धज्जियां उड़ाई है.
साधारण सभा में यू उपजा हंगामा: साधारण सभा की बैठक के एजेंडे में 15 प्रस्ताव लिए गए थे. कांग्रेसी पार्षद प्रत्येक प्रस्ताव पर चर्चा करने की मांग कर रहे थे साथ ही जनहित के मुद्दों को लेकर भी अपनी बात सदन में रखना चाहते थे. इस दौरान भाजपा और कांग्रेसी पार्षद आमने-सामने हो गए और मंच पर चढ़ गए. हंगामे के दौरान ही बैठक के एजेंडे में शामिल 15 में से 14 प्रस्तावों को पारित करवा लिया गया जबकि एक प्रस्ताव को निरस्त कर दिया गया. प्रस्ताव पारित होने के बाद ही राष्ट्रीय गान शुरू कर दिया गया. कांग्रेसी पार्षदों ने भाजपा बोर्ड पर राष्ट्रगान का अपमान करने का भी आरोप लगाया था. इस घटनाक्रम के बाद से ही कांग्रेसी पार्षद भाजपा बोर्ड के खिलाफ आंदोलनरत हैं और साधारण सभा की बैठक की कार्रवाई की निष्पक्ष जांच एवं बैठक को स्थगित करने की मांग उठा रहे हैं.