अजमेर. किशनगढ़ एयरपोर्ट का अब कायाकल्प होने जा रहा है. प्रदेश की गहलोत सरकार इस एरपोर्ट के रनवे को 2 हजार मीटर से 3 हजार करने का फैसला लिया है. इसके लिए बीच में आ रहीं दो पहाड़ियों को आधा काटा जाएगा. जिसके बाद वहां एयरबस और बोइंग विमान भी उतर सकेंगे. सीएस डीबी गुप्ता की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई बैठक में इसके लिए राज्य सरकार और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की टेक्निकल टीम के गठन की मंजूरी दी गई है.
सिविल एविएशन निदेशक केसरी सिंह ने बताया कि, पहाड़ियों की हाइट कम करने के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को टेक्नीकल सर्वे के लिए पत्र लिखा जाएगा. जिसमें एयररपोर्ट अथॉरिटी और राजस्थान सरकार के अधिकारी शामिल होंगे. सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर पहाड़ियों को काटा जाएगा. इसके साथ ही टावर हटाने के लिए मुख्य सचिव प्रसार भारती को पत्र लिखेंगे. टेक्नीकल सर्वे का काम एक महीने में पूरा किया जाएगा.
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इन पहाड़ियों के साथ ऑल इंडिया रेडियो या प्रसार भारती का टावर भी बाधा बना हुआ है. जिसे हटाने या शिफ्ट करने के लिए सीएस डीबी गुप्ता प्रसार भारती को पत्र लिखेंगे. अजमेर कलेक्टर की ओर से किशनगढ़ एयरपोर्ट विस्तार के लिए जरूरी काम या संसाधन की रिपोर्ट पेश की गई है. जिसमें करीब 18 करोड़ का खर्चा आएगा.
इसके तहत 65 हैक्टेयर वन भूमि की जरूरत है. जिसका लैंड कनवर्जन जरूरी है. लेंड कनवर्जन के बाद वन विभाग को राज्य सरकार कंपनसेशन रेट के रूप में 5 करोड़ 75 लाख देगी. वहीं, पहाड़ियों की ऊंचाई कम करने के लिए ड्रिलिंग और ब्लास्टिंग के कामों में 11.04 करोड़ का खर्चा आएगा. बैठक में तय हुआ कि, पहाड़ियों को कितना काटा जाए, इसके लिए राज्य सरकार और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की तकनीकी कमेटी बनाई जाएगी. जो एक माह में रिपोर्ट देगी.