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पुष्कर सरोवर के फीडर में जमी मिट्टी...हटाने में लगे 515 मनरेगा श्रमिक

अजमेर में मनरेगा के तहत पुष्कर सरोवर के फीडर में जमा मिट्टी साफ करने का काम करवाया जा रहा है. जिससे बरसात के पानी की आवक तालाब में सही से हो सके. मनरेगा के तहत 515 श्रमिक फीडर से मिट्टी निकालने का काम कर रहे हैं.

अजमेर में मनेरगा का काम, पुष्कर में फीडर की सफाई, Cleaning of feeders, MNREGA in Pushkar
मनरेगा के तहत फीडर की सफाई
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Published : May 25, 2020, 4:28 PM IST

अजमेर. ग्रामीण विकास विभाग एवं पंचायत राज मंत्री सचिन पायलट की फटकार के बाद जिले में मनरेगा योजना ने गति पकड़ ली है. जिले में मनरेगा से रोजगार पाने वाले श्रमिकों का आंकड़ा करीब 2 लाख पहुंचने वाला है. एक गांव चार काम के तहत मनरेगा श्रमिकों से कार्य लिया जा रहा है. मनरेगा के तहत पहली बार पुष्कर के पवित्र सरोवर में फीडर के जरिये आने वाले बरसाती पानी की रुकावट को दूर करने का काम किया जा रहा है.

मनरेगा के तहत फीडर की सफाई

बता दें कि पिछले साल मानसून की मेहरबानी से 20 वर्षो के बाद पुष्कर के पवित्र सरोवर में 35 फीट पानी की आवक हुई थी. फिलाल गर्मी आते ही सरोवर का जलस्तर घटकर 4 फीट रह गया है. सरोवर में बरसाती पानी के आवक का बड़ा जल स्त्रोत फीडर है. 9 साल पहले फीडर बनने के बाद कुछ मरम्मत तो हुई, लेकिन उसकी सफाई नहीं हुई. लिहाजा इस साल फीडर में जमा मिट्टी को हटाने का काम मनरेगा के तहत किया जा रहा है. ताकि सरोवर में फीडर के जरिये बरसाती पानी के पहुंचने में मिट्टी रुकावट न बने. साथ ही वहीं बारिश के पानी के साथ मिट्टी सरोवर में न पहुंचे.

ये पढ़ें: सूना पड़ा ख्वाजा का दर...800 साल में पहली बार नहीं हो पाई दरगाह में ईद की नमाज अदा

जिला परीषद सीईओ गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि पुष्कर के कानस और गनाहेड़ा ग्राम पंचायत को मनरेगा के तहत 5 कार्य दिए गए है. इनमें कुल 57 लाख रुपए कार्य स्वीकृति के लिए जारी किए गए. उन्होंने बताया कि 515 श्रमिक फीडर में से मिट्टी निकलने का कार्य कर रहे हैं. इससे श्रमिकों को रोजगार का फायदा मिल रहा है. वहीं आगामी दिनों में पुष्कर सरोवर को भी इसका लाभ मिलेगा. फीडर से मिट्टी हटने के बाद साफ पानी पुष्कर सरोवर में बिना रुकावट के पहुंचेगा. राठौड़ ने बताया कि फीडर को बने 8 साल से अधिक समय हो गया है. इसकी सफाई मनरेगा के तहत पहली बार हो रही है.

ये पढ़ें: अजमेर: कोरोना के बीच मनाया गया ईद-उल-फितर का पर्व, घरों में रहकर अदा की गई नमाज

बता दें कि, पुष्कर का पवित्र सरोवर करोड़ो हिंदुओ की आस्था का केंद्र है. पुष्कर क्षेत्र डार्क जोन में होने की वजह से सरोवर का जल स्तर लगातार घट रहा है. दो दशक बाद पुष्कर सरोवर में विगत वर्ष मानसून की मेहरबानी से पानी की अच्छी आवक हुई थी, लेकिन यह खुशियां पूरे 1 वर्ष भी नहीं टिक सकी. पुष्कर सरोवर का घटता जल स्तर चिंता का विषय बना हुआ है.

अजमेर. ग्रामीण विकास विभाग एवं पंचायत राज मंत्री सचिन पायलट की फटकार के बाद जिले में मनरेगा योजना ने गति पकड़ ली है. जिले में मनरेगा से रोजगार पाने वाले श्रमिकों का आंकड़ा करीब 2 लाख पहुंचने वाला है. एक गांव चार काम के तहत मनरेगा श्रमिकों से कार्य लिया जा रहा है. मनरेगा के तहत पहली बार पुष्कर के पवित्र सरोवर में फीडर के जरिये आने वाले बरसाती पानी की रुकावट को दूर करने का काम किया जा रहा है.

मनरेगा के तहत फीडर की सफाई

बता दें कि पिछले साल मानसून की मेहरबानी से 20 वर्षो के बाद पुष्कर के पवित्र सरोवर में 35 फीट पानी की आवक हुई थी. फिलाल गर्मी आते ही सरोवर का जलस्तर घटकर 4 फीट रह गया है. सरोवर में बरसाती पानी के आवक का बड़ा जल स्त्रोत फीडर है. 9 साल पहले फीडर बनने के बाद कुछ मरम्मत तो हुई, लेकिन उसकी सफाई नहीं हुई. लिहाजा इस साल फीडर में जमा मिट्टी को हटाने का काम मनरेगा के तहत किया जा रहा है. ताकि सरोवर में फीडर के जरिये बरसाती पानी के पहुंचने में मिट्टी रुकावट न बने. साथ ही वहीं बारिश के पानी के साथ मिट्टी सरोवर में न पहुंचे.

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जिला परीषद सीईओ गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि पुष्कर के कानस और गनाहेड़ा ग्राम पंचायत को मनरेगा के तहत 5 कार्य दिए गए है. इनमें कुल 57 लाख रुपए कार्य स्वीकृति के लिए जारी किए गए. उन्होंने बताया कि 515 श्रमिक फीडर में से मिट्टी निकलने का कार्य कर रहे हैं. इससे श्रमिकों को रोजगार का फायदा मिल रहा है. वहीं आगामी दिनों में पुष्कर सरोवर को भी इसका लाभ मिलेगा. फीडर से मिट्टी हटने के बाद साफ पानी पुष्कर सरोवर में बिना रुकावट के पहुंचेगा. राठौड़ ने बताया कि फीडर को बने 8 साल से अधिक समय हो गया है. इसकी सफाई मनरेगा के तहत पहली बार हो रही है.

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बता दें कि, पुष्कर का पवित्र सरोवर करोड़ो हिंदुओ की आस्था का केंद्र है. पुष्कर क्षेत्र डार्क जोन में होने की वजह से सरोवर का जल स्तर लगातार घट रहा है. दो दशक बाद पुष्कर सरोवर में विगत वर्ष मानसून की मेहरबानी से पानी की अच्छी आवक हुई थी, लेकिन यह खुशियां पूरे 1 वर्ष भी नहीं टिक सकी. पुष्कर सरोवर का घटता जल स्तर चिंता का विषय बना हुआ है.

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