अजमेर. इतिहास में पहली बार ऐसा होगा कि देश में क्रिसमस का त्यौहार बड़ी पाबंदियों के बीच मनाया जाएगा. चर्च में क्रिसमस प्राथना के मौके पर भीड़-भाड़ ना रहे इसके लिए ऑनलाइन प्रार्थनाएं भी की जाएगी. कोविड-19 के कारण जहां पिछले 10 महीनों से दुनिया भर के लोग विभिन्न त्योहारों को मनाने से वंचित रह गए हैं तो वहीं, अब इसका असर आने वाले क्रिसमस पर भी पूर्ण रूप से देखा जा रहा है.
क्रिसमस के मौके पर विश्व में प्रभु यीशु मसीह के पैदा होने की खुशी बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, लेकिन इस बार लोग कोरोना माहमारी से डरे होने के कारण विशेष सावधानियां बरती जा रही हैं. इसके संबंध में सरकार की तरफ से भी विशेष गाइडलाइन को जारी किया गया है. जिसका अनुपालन सभी लोगों की ओर से किया जा रहा है. वैसे तो सतर्कता के चलते कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण किया गया है, लेकिन फिर भी वैक्सीन के आने तक विशेष सावधानी को बरतने की आवश्यकता है.
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क्रिसमस के त्यौहार की तैयारियां नवंबर माह के अंतिम रविवार से ही शुरू हो जाती है. 25 दिसंबर की पूर्व संध्या को सभी गिरजाघरों में विशेष प्रार्थना सभाएं भी की जाती हैं. जिसमें सभी समुदाय के लोग भारी संख्या में हर साल हिस्सा लेते हैं, लेकिन इस बार कोरोना के कारण मुख्य पर्व बहुत ही क्रिसमस बड़े ही एतिहात के साथ मनाया जाना तय हुआ है.
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डायसिस ऑफ राजस्थान के बिशप दरबारा सिंह ने कहा कि इतिहास में पहली बार ऐसा होगा की पाबंदियों के बीच क्रिसमस डे मनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस पर्व का सभी को इंतजार रहता है. इस बार चर्च में होने वाली प्रार्थना को देखने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है. जिससे सभी समुदाय के लोग यूट्यूब और फेसबुक के माध्यम से प्रार्थना सभा में शामिल हो पाएंगे.