ETV Bharat / city

मोहर्रम के मौके पर 72 घंटे के लिए खोला गया बाबा फरीद का चिल्ला - अजमेर में मोहर्रम

अजमेर में मोहर्रम के मौके पर ख्वाजा साहब की दरगाह स्थित बाबा फरीद का चिल्ला को 72 घंटे के लिए खोला दिया गया है. मोहर्रम पर देश के अलग-अलग हिस्सों से जायरीनों का यहां आना शुरू हो चुका है और दरगाह क्षेत्र में हर कोई हजरत इमाम हुसैन की याद में चिश्तिया रंग में डूबा हुआ नजर आने लगा है.

Chilla of Baba Farid, अजमेर में मोहर्रम,
author img

By

Published : Sep 4, 2019, 2:24 PM IST

अजमेर. मोहर्रम पर देश के अलग-अलग हिस्सों से जायरीनों का अजमेर शरीफ में आना शुरू हो चुका है. इसके चलते कायड़ विश्राम असली और दरगाह क्षेत्र में मिनी उर्स का माहौल सा नजर आने लगा है. ख्वाजा साहब की दरगाह में स्थित बाबा फरीद का चिल्ला भी बुधवार सुबह 4 बजे जियारत के लिए खोल दिया गया.

अजमेर में ख्वाजा साहब की दरगाह स्थित बाबा फरीद का चिल्ला जायरीनों के लिए खोला गया

यह चिल्ला साल में सिर्फ एक बार ही मोहर्रम के वक्त खोला जाता है. ये सिर्फ 72 घंटे के लिए खोला जाता है, जिसकी जियारत के लिए देश-विदेश से जायरीन यहां पहुंचने लगे हैं. इस मौके पर मुस्लिम समुदाय के लोग के अलावा सभी समाजों के लोग बाबा फरीद की जियारत करने के लिए पहुंचते हैं.

पढ़ें: पुष्कर में RSS प्रमुख मोहन भागवत...राम मंदिर निर्माण पर दिए साकारत्मक संकेत

बता दें कि बाबा फरीद की मजार पाकिस्तान स्थित पाक-पठन में मौजूद है. जहां मोहर्रम की 5 तारीख को उर्स बनाया जाता है. उनके उर्स के मौके पर ही अजमेर में चिल्ले को भी जियारत के लिय खोल दिया जाता है. बाबा फरीद गंज-शकर के नाम से भी जाने जाते हैं, जहां उन्होंने ख्वाजा साहब की दरगाह में 40 दिन इस स्थान पर इबादत की थी. उसी जगह को बाबा फरीद का चिल्ला कहा जाता है.

पढ़ें: अजमेर: केकड़ी में लगे ग्रामोत्थान शिविर में पहुंचे चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा

दरगाह क्षेत्र में हर कोई हजरत इमाम हुसैन की याद में चिश्तिया रंग में डूबा हुआ नजर आने लगा है. क्षेत्र में ढोल - ताशों की गूंज के बीच मर्सियाख्यानी और शहादत का दौर शुरू हो चुका है. जहां चारों तरफ हरे कपड़े पहने अकीदतमंद हजरत इमाम हुसैन की याद में हुए नजर आने लगे हैं.

अजमेर. मोहर्रम पर देश के अलग-अलग हिस्सों से जायरीनों का अजमेर शरीफ में आना शुरू हो चुका है. इसके चलते कायड़ विश्राम असली और दरगाह क्षेत्र में मिनी उर्स का माहौल सा नजर आने लगा है. ख्वाजा साहब की दरगाह में स्थित बाबा फरीद का चिल्ला भी बुधवार सुबह 4 बजे जियारत के लिए खोल दिया गया.

अजमेर में ख्वाजा साहब की दरगाह स्थित बाबा फरीद का चिल्ला जायरीनों के लिए खोला गया

यह चिल्ला साल में सिर्फ एक बार ही मोहर्रम के वक्त खोला जाता है. ये सिर्फ 72 घंटे के लिए खोला जाता है, जिसकी जियारत के लिए देश-विदेश से जायरीन यहां पहुंचने लगे हैं. इस मौके पर मुस्लिम समुदाय के लोग के अलावा सभी समाजों के लोग बाबा फरीद की जियारत करने के लिए पहुंचते हैं.

पढ़ें: पुष्कर में RSS प्रमुख मोहन भागवत...राम मंदिर निर्माण पर दिए साकारत्मक संकेत

बता दें कि बाबा फरीद की मजार पाकिस्तान स्थित पाक-पठन में मौजूद है. जहां मोहर्रम की 5 तारीख को उर्स बनाया जाता है. उनके उर्स के मौके पर ही अजमेर में चिल्ले को भी जियारत के लिय खोल दिया जाता है. बाबा फरीद गंज-शकर के नाम से भी जाने जाते हैं, जहां उन्होंने ख्वाजा साहब की दरगाह में 40 दिन इस स्थान पर इबादत की थी. उसी जगह को बाबा फरीद का चिल्ला कहा जाता है.

पढ़ें: अजमेर: केकड़ी में लगे ग्रामोत्थान शिविर में पहुंचे चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा

दरगाह क्षेत्र में हर कोई हजरत इमाम हुसैन की याद में चिश्तिया रंग में डूबा हुआ नजर आने लगा है. क्षेत्र में ढोल - ताशों की गूंज के बीच मर्सियाख्यानी और शहादत का दौर शुरू हो चुका है. जहां चारों तरफ हरे कपड़े पहने अकीदतमंद हजरत इमाम हुसैन की याद में हुए नजर आने लगे हैं.

Intro:अजमेर/ मोहर्रम पर देश के विभिन्न स्थानों से जायरीनों की आवक अजमेर शरीफ में लगातार शुरू हो चुकी है इसके चलते कायड़ विश्राम असली और दरगाह क्षेत्र में मिनी उर्स का माहौल सा नजर आने लगा है ख्वाजा साहब के स्थित बाबा फरीद का चिल्ला भी बुधवार सुबह 4 बजे जियारत के लिए खोल दिया गया


Body:यह चिल्ला साल में सिर्फ एक बार ही मोहर्रम के समय में खोला जाता है जो 72 घंटे के लिए खोला जाता जिसकी जियारत के लिए देश-विदेश जायरीन यहां पहुंचने लगे हैं

जायरीनों की लगी लंबी कतार यह साफ तौर पर दर्शा रही है कि जायरीन बाबा फरीद के चिल्ले के मुबारक मौके पर ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर अपनी हाजिरी देने पहुंचे हैं इस मौके पर मुस्लिम समुदाय के लोग ही नहीं बल्कि सभी समाजों के साथ-साथ पंजाब के लोग बाबा फरीद की जियारत करने के लिए पहुंचते हैं


Conclusion:हम आपको बता दे कि बाबा फरीद की मजार पाकिस्तान स्थित पाक-पठन में मौजूद है जहां मोहर्रम की 5 तारीख को उर्स बनाया जाता है उनके उर्स के मौके पर ही अजमेर में चिल्ले को भी जियारत के लिय खोल दिया जाता है बाबा फरीद गंज -शकर के नाम से भी जाने जाते हैं जहां उन्होंने ख्वाजा साहब की दरगाह में 40 दिन इस स्थान पर इबादत की थी उसी जगह को बाबा फरीद का चिल्ला कहा जाता है

दरगाह क्षेत्र में हर कोई हजरत इमाम हुसैन की याद में चिश्तिया रंग में डूबा हुआ नजर आने लगा है क्षेत्र में ढोल - ताशों की गूंज के बीच मर्सियाख्यानी और शहादत का दौर शुरू हो चुका है जहां चारों तरफ हरे कपड़े पहने अकीदतमंद हजरत इमाम हुसैन की याद में हुए नजर आने लगे हुए हैं


बाईट-मो नजीर जायरीन

बाईट- सैयद शाकिर हुसैन खादिम

बाईट-मो अहमद अंसारी-जायरीन
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.