अजमेर. नव संवत्सर 2078 और चैत्र नवरात्र मंगलवार से शुरू हो गए. इससे माता के श्रद्धालुओं में उत्साह और उमंग की लहर है. वहीं मंदिरों में भी विशेष सजावट की गई है. इस बार कोरोना की दूसरी लहर के प्रकोप को देखते हुए मंदिर प्रबंधन कमेटी की ओर से सख्त कदम उठाए जा रहे हैं. बिना मास्क के किसी भी श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है. वहीं माला और प्रसाद पर भी पूर्णतया रोक लगाई गई है.
चैत्र नवरात्र के पहले दिन श्रद्धालुओं ने मां शैल पुत्री की पूजा अर्चना की और व्रत रखकर माता को रिझाने का प्रयास किया. अजमेर में बजरंगगढ़ स्थित अम्बे माता मंदिर, शास्त्री नगर स्थित मेंहदी खोला माता मंदिर, चामुंडा माता मंदिर सहित अन्य मंदिरों में भी सुबह घट स्थापना करके माता की आरती उतारी गई और ज्योत ली गई.
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बजरंगगढ़ स्थित अंबे माता मंदिर समिति के करण सिंह ने कहा कि घट स्थापना करके आरती उतारी गई. कोरोना के चलते मंदिर में किसी को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है. मास्क अनिवार्य रूप से लगवाया जा रहा है. साथ ही माला और प्रसाद का चढ़ावा भी नहीं लिया जा रहा है. इसी तरह अन्य मंदिर में भी कोरोना के प्रकोप को देखते हुए गाइडलाइन के अनुसार ही पूजा अर्चना करवाई जा रही है.