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JLN अस्पताल के ट्रॉमा वार्ड में भर्ती दो कोरोना मरीजों की मौत का मामला, प्रशासन ने दी अपनी सफाई

अजमेर के जेएलएन अस्पताल में शुक्रवार देर रात ट्रॉमा वार्ड में भर्ती दो कोरोना मरीजों की मौत हो गई. मामले को लेकर अस्पताल प्रशासन का कहना है कि ऑक्सीजन सप्लाई ड्रॉप होने से मरीज की मौत नहीं हुई थी.

Case of death of corona patients in Ajmer,  Ajmer JLN Hospital
प्रशासन ने दी अपनी सफाई
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Published : May 22, 2021, 10:19 PM IST

अजमेर. जिले में कोरोना काल में आमजन की उम्मीदें अस्पतालों पर टिकी हुई है. कोरोना से ग्रस्त मरीजों के लिए अस्पतालों में बेहतर इलाज के दावे किए जा रहे हैं. अजमेर में संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल में शुक्रवार देर रात ऑक्सीजन सप्लाई ड्रॉप होने से दो मरीजों की मौत हो गई. अस्पताल प्रशासन मामले को दुर्घटना बता रहा है. अस्पताल अधीक्षक अनिल जैन का कहना है कि घटना में किसी मरीज की मौत नहीं हुई है.

प्रशासन ने दी अपनी सफाई

पढ़ें- जोधपुर में ब्लैक फंगस मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी, MDM अस्पताल में 21 मरीज भर्ती

बता दें, अजमेर जेएलएन अस्पताल में 550 कोरोना पॉजिटिव लोगों का इलाज किया जा रहा है. कोरोना की दूसरी लहर में पूरे अस्पताल को क्रिटिकल कोविड केयर सेंटर बनाया गया है. अस्पताल में गंभीर मरीजों को रखा गया है. 4 जिलों से रेफर होकर मरीज स्वस्थ होने की उम्मीद लेकर जेएलएन अस्पताल आते हैं, लेकिन अस्पताल की व्यवस्थाओं पर प्रश्नचिन्ह लग रहा है.

शुक्रवार देर रात अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई ड्राप होने से हड़कंप मच गया. अस्पताल प्रशासन का दावा है कि प्लान बी को लागू कर कुछ ही समय में हालातों पर काबू पा लिया गया. अस्पताल प्रशासन की दलील है कि पाइप फटने से ऑक्सीजन सप्लाई ड्राप हुई थी, लेकिन इस घटना से किसी मरीज की मौत नहीं हुई है.

बता दें कि अस्पताल प्रशासन जब प्रेस वार्ता के माध्यम से अपनी सफाई दे रहा था, इस दौरान अजमेर दक्षिण से विधायक अनिता भदेल भी पहुंच गई. भदेल ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए अस्पताल अधीक्षक डॉ. अनिल जैन को खरी-खोटी सुनाई. इस बीच मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. वीबी सिंह उन्हें अपने साथ अपने दफ्तर में ले गए जहां उन्हें पूरी घटना के बारे में जानकारी दी.

अस्पताल अधीक्षक डॉ. अनिल जैन ने बताया कि ऑक्सीजन सप्लाई का ड्रॉप होना एक दुर्घटना था, जिस पर तत्काल नियंत्रण पा लिया गया. इस दुर्घटना की वजह से अस्पताल में किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है. ऑक्सीजन सप्लाई में ड्रॉप होने की घटना को लेकर अस्पताल प्रशासन ने जांच के लिए कमेटी गठित की है.

अजमेर. जिले में कोरोना काल में आमजन की उम्मीदें अस्पतालों पर टिकी हुई है. कोरोना से ग्रस्त मरीजों के लिए अस्पतालों में बेहतर इलाज के दावे किए जा रहे हैं. अजमेर में संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल में शुक्रवार देर रात ऑक्सीजन सप्लाई ड्रॉप होने से दो मरीजों की मौत हो गई. अस्पताल प्रशासन मामले को दुर्घटना बता रहा है. अस्पताल अधीक्षक अनिल जैन का कहना है कि घटना में किसी मरीज की मौत नहीं हुई है.

प्रशासन ने दी अपनी सफाई

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बता दें, अजमेर जेएलएन अस्पताल में 550 कोरोना पॉजिटिव लोगों का इलाज किया जा रहा है. कोरोना की दूसरी लहर में पूरे अस्पताल को क्रिटिकल कोविड केयर सेंटर बनाया गया है. अस्पताल में गंभीर मरीजों को रखा गया है. 4 जिलों से रेफर होकर मरीज स्वस्थ होने की उम्मीद लेकर जेएलएन अस्पताल आते हैं, लेकिन अस्पताल की व्यवस्थाओं पर प्रश्नचिन्ह लग रहा है.

शुक्रवार देर रात अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई ड्राप होने से हड़कंप मच गया. अस्पताल प्रशासन का दावा है कि प्लान बी को लागू कर कुछ ही समय में हालातों पर काबू पा लिया गया. अस्पताल प्रशासन की दलील है कि पाइप फटने से ऑक्सीजन सप्लाई ड्राप हुई थी, लेकिन इस घटना से किसी मरीज की मौत नहीं हुई है.

बता दें कि अस्पताल प्रशासन जब प्रेस वार्ता के माध्यम से अपनी सफाई दे रहा था, इस दौरान अजमेर दक्षिण से विधायक अनिता भदेल भी पहुंच गई. भदेल ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए अस्पताल अधीक्षक डॉ. अनिल जैन को खरी-खोटी सुनाई. इस बीच मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. वीबी सिंह उन्हें अपने साथ अपने दफ्तर में ले गए जहां उन्हें पूरी घटना के बारे में जानकारी दी.

अस्पताल अधीक्षक डॉ. अनिल जैन ने बताया कि ऑक्सीजन सप्लाई का ड्रॉप होना एक दुर्घटना था, जिस पर तत्काल नियंत्रण पा लिया गया. इस दुर्घटना की वजह से अस्पताल में किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है. ऑक्सीजन सप्लाई में ड्रॉप होने की घटना को लेकर अस्पताल प्रशासन ने जांच के लिए कमेटी गठित की है.

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