अजमेर. नगर निगम की साधारण सभा में आरोप-प्रत्यारोप के बीच 3 अरब से अधिक का बजट पारित हुआ. साधारण सभा में प्रस्तावित बजट को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया. इस दौरान कई मुद्दों पर चर्चा समेत कर्मचारियों और अधिकारियों पर अनदेखी और काम में कोताही बरतने का आरोप भी लगाया गया. जिसके बाद धर्मेंद्र गहलोत ने साधारण सभा में कई मुद्दों पर आवाज उठाई.
गांधी भवन स्थित सभागार में नगर निगम की साधारण सभा 2020 -21 के प्रस्तावित बजट को पिछले सालों के मुकाबले कम रखने पर नाराजगी जताई गई. वहीं नगर निगम की आय बढ़ाने के कई जरिए बताए गए. जिसमें लैंड बैंक बनाने, सरकारी जमीनों को अतिक्रमण से मुक्त कराने, एडीआर आवासन मंडल से भूमि विक्रय का 15 फीसदी रहने, होटल और रेस्टोरेंट के अनुज्ञा पत्र जारी करने सहित कई तरह के सुझाव दिए गए.
साधारण सभा में सभी जवाब महापौर धर्मेंद्र गहलोत की ओर से दिए जाने पर पार्षदों ने यहां तक कह दिया कि कब तक अधिकारियों की जगह जवाब दिए जाएंगे. शाखा प्रभारियों ने साधारण सभा के लिए प्रस्ताव तक नहीं भेजे हैं. सिर्फ संस्थापन शाखा से प्रस्ताव आए हैं. जिनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. साधारण सभा में मेयर धर्मेंद्र गहलोत, उपायुक्त गजेंद्र सिंह रलावता, आयुक्त चेन्नई गोपाल सहित निगम के आला अधिकारी मौजूद रहे.
पढ़ें- टिड्डी टेरर को लेकर सरकार ने रखा विधानसभा में अपना पक्ष, केंद्र सरकार से की सहायता की मांग
कांजी हाउस प्रभारी को हटाया
साधारण सभा के दौरान पार्षदों ने कांजी हाउस प्रभारी पर गायों को छोड़ देने में भेदभाव भ्रष्टाचार करने और जनप्रतिनिधियों का सम्मान नहीं करने का आरोप लगाया. इस पर महापौर ने कांजी हाउस प्रभारी प्रदीप गुप्ता से इसके बारे में जानकारी मांगी तो गुप्ता ने आरोपों को नकारते हुए स्वास्थ्य ठीक नहीं होने की बात कही. ऐसे में गुप्ता से तुरंत कांजी हाउस चार्ज वापस लेने के निर्देश दिए गए.