अजमेर. अजमेर नगर निगम में मेयर पद के चुनाव में भाजपा उम्मीदवार ब्रजलता हाड़ा ने शानदार जीत दर्ज की है. ब्रजलता हाड़ा को 80 में से 61 पार्षदों के वोट मिले. जबकि, कांग्रेस उम्मीदवार द्रोपदी कोली को 19 पार्षदों के मत मिले.
अजमेर नगर निगम की नवनिर्वाचित मेयर ब्रजलता हाड़ा ने ईटीवी भारत से बातचीत की. इस दौरान अजमेर लोकसभा सांसद भागीरथ चौधरी भी साथ रहे. अजमेर नगर निगम में भाजपा ने अपना मेयर बना लिया है. भाजपा का नगर निगम चुनाव में शानदार प्रदर्शन रहा. भाजपा के 48 पार्षद जीत कर आये थे. भाजपा की एकजुटता की बदौलत नगर निगम मेयर पद पर भी भाजपा ने शानदार जीत दर्ज करवाई है. ब्रजलता हाड़ा को 61 वोट मिले है. भाजपा निर्दलीय पार्षदों में भी सेंध लगाने में कामयाब रही. अजमेर नगर निगम की नवनिर्वाचित मेयर ब्रजलता हाड़ा ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में कहा कि कार्यकर्ताओं की मेहनत और एक जुटता का ही नतीजा है कि वो मेयर बन पाई है.
उन्होंने बताया कि वह अपने कार्यकाल में सफाई पर विशेष ध्यान रखेंगी. ब्रजलता हाड़ा भाजपा शहर अध्यक्ष डॉ. प्रियशील हाड़ा की पत्नी है. बातचीत में अजमेर लोकसभा सांसद भागीरथ चौधरी ने कहा कि ब्रजलता हाड़ा के मेयर बनने से विकास को गति मिलेगी. सांसद, विधायक और नगर निगम में भाजपा के पार्षद मिलकर स्वच्छता मिशन, स्मार्ट सिटी परियोजना सहित कई योजना को बेहत्तर क्रियान्वयन करेंगे. चौधरी ने कहा कि अजमेर नगर निगम मेयर पद में भाजपा को 60 वोट मिलने का दावा किया गया था. भाजपा को 61 वोट मिले है. उन्होंने कहा कि किशनगढ़ नगर परिषद और विजयनगर नगर पालिका में भी भाजपा के मेयर बने हैं. केकड़ी सरवाड़ में नगर पालिका अध्यक्ष चुनाव के सवाल पर चौधरी ने अनभिज्ञता जाहिर की.
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बता दें कि जिले की पांच स्थानीय निकाय चुनाव में भाजपा को तीन और कांग्रेस दो निकायों में अध्यक्ष बनाने में कामयाब हो पाई है. बता दें कि अजमेर में नगर निगम चुनाव भाजपा एक जुट नजर आई. वहीं, कांग्रेस में स्थानीय नेताओं में जबरदस्त गुटबाजी रही. इस कारण कांग्रेस के महज 18 पार्षद ही जीत पाए. कांग्रेस के 10 बागी भी निर्दलीय पार्षद चुने गए. लेकिन, मेयर चुनाव में उनका भी सहयोग नही मिला. यूं कहे कि कांग्रेस के 18 वोट में एक वोट का इजाफा होने से कांग्रेस की इज्जत बच गई. मेयर चुनाव में भी कांग्रेस एक जुट नही दिखी. इसका बड़ा नुकसान कांग्रेस को हुआ. भाजपा के 48 पार्षद जीतने के बाद भी 13 वोट ज्यादा मिले.
बता दें कि अजमेर नगर निगम में मेयर पद को लेकर भाजपा अपनी जीत को लेकर आश्वस्त थी. नगर निगम चुनाव में 80 में से भाजपा के 48 पार्षद जीत कर आए थे. इसके बावजूद इसके चुनाव के दूसरे दिन से ही भाजपा ने अपने पार्षदों को जयपुर में बाड़े बंदी में रख रखा था. भाजपा को डर था कि सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस भाजपा के पार्षदों को अपनी और ना मिला ले. भाजपा के निकाय प्रभारी अरुण चतुर्वेदी, अजमेर उत्तर से विधायक वासुदेव देवनानी और अजमेर दक्षिण से विधायक अनिता भदेल भाजपा पार्षदों के साथ नगर निगम पहुंचे. तीन मिनी बसों में पार्षदों को जयपुर से अजमेर मतदान के लिए लाया गया. इधर, अल्पमत में होने के बावजूद कांग्रेस जीत का दावा करती रही. कांग्रेस के पूर्व विधायक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती और डॉ. राजकुमार जयपाल ने कहा था कि भाजपा में फूट है, इसका लाभ कांग्रेस को मिलेगा.