अजमेर : देश में कोरोना महामारी का असर कलाकारों पर भी देखने को मिला है. कलाकारों को इस बार काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. कुछ ऐसे कलाकार भी हैं, जो छोटे स्तर पर सिर्फ अपनी कला के माध्यम से अपने परिवार का लालन पालन करते हैं. हम बात कर रहे हैं भजन कलाकारों की. जहां नवरात्र महोत्सव में हर साल भजन कलाकारों की धूम रहती है. लेकिन इस बार भजन गायक कलाकारों को भी काफी नुकसान का सामना करना पड़ा है.
भजन कलाकारों की मानें तो जिले में लगभग 100 से 150 कलाकार ऐसे हैं. जो भजन संध्या में प्रस्तुती देकर अपने घर का खर्च चलाते हैं. लेकिन इस बार राजस्थान सरकार ने धारा 144 लागू कर दिया. जिसकी वजह से कहीं पर भी नवरात्र महोत्सव का आयोजन नहीं किया गया और ना ही जगराता या भजन संध्या आयोजित हुई. भजन कलाकारों को इस बार नवरात्र महोत्सव पर उम्मीद थी कि वह भजन संध्या कर पाएंगे. लेकिन वह आशा निराशा में बदल गई.
भजन गायक विमल गर्ग बताते हैं कि उन्होंने अजमेर में काफी भजन संध्या प्रस्तुती दी है. लेकिन इस बार भजन कलाकारों को आशा थी कि कोरोना महामारी नवरात्र महोत्सव तक खत्म हो जाएगी और फिर से एक बार भजन संध्या का आयोजित की जाएंगी. लेकिन उनकी आशाओं पर पानी फिर गया. उन्होंने कहा कि ऐसे में एक कलाकार को लगभग 50 से 60 हजार का नुकसान हुआ है. राजस्थान सरकार को कलाकारों के हित को ध्यान में रखते हुए उनके परिवार के बारे में भी सोचना चाहिए.
कलाकारों को हुआ लाखों का नुकसान
भजन गायक राहुल भट्ट बताते हैं कि इस बार कोरोना संक्रमण महामारी के चलते भजन गायक कलाकारों के साथ-साथ उनसे जुड़े ऑर्केस्ट्रा पार्टी सहित म्यूजिशियन को भी काफी नुकसान हुआ है. जिनसे उनका रोजगार चलता है. जहां नवरात्र महोत्सव के 5 महीने पहले ही भजन संध्या के ऑर्डर बुक कर लिए जाते हैं. लेकिन इस बार भजन गायक कलाकार एकदम फ्री है. जिनके पास किसी तरह का भी रोजगार नहीं ऐसे में भजन कलाकारों को दूसरा व्यवसाय करना पड़ रहा है.
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म्यूजिशियन बेच रहे हैं मास्क
इस कोरोना माहमारी ने जीवन के रंगों को बदल कर रख दिया है. उन्होंने कहा कि परिवार पालने के लिए अब उनके पास में और कोई दूसरा रास्ता नहीं है. अब उन्हें ऐसे में रामगंज की सड़कों पर मक्का बेच कर अपने परिवार का लालन-पालन करना पड़ रहा है.