अजमेर. शहर में मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर आशा सहयोगिनी अब हड़ताल पर उतर चुकी हैं. वहीं काफी लंबे समय से लंबित अपने मुख्य मांग मानदेय बढ़ाने को लेकर सरकार की ओर से पूरा नहीं करने पर बुधवार को निश्चित कालीन हड़ताल पर उतर गई हैं.
जहां पर आशा सहयोगिनी ने बताया कि काफी लंबे समय से थोड़े से मानदेय पर आशा सहयोगिनी अपनी जान से बढ़कर कार्य कर रही हैं. साथ ही उनका कहना है कि इसके अलावा कोविड-19 महामारी में भी अपनी जान को जोखिम में डालकर आशा से उन्हें घर-घर जाकर सर्वे कराई जा रही है. बावजूद इसके सरकार उनकी महत्वपूर्ण मांग मानदेय बढ़ाने की को पूरा नहीं कर रही है.
इसी के चलते बुधवार को अजमेर में सभी आशा सहयोगिनी की ओर से कार्य बहिष्कार करते हुए हड़ताल पर उतर गई हैं. उन्होंने बताया कि सरकार जब तक उनकी मांगों पर सकारात्मक कदम नहीं उठाएंगे तब तक उनका विरोध जारी रहेगा. साथ ही आशा सह्योगनियों ने कहा है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती तब तक वह काम पर नहीं लौटेंगी.
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अजमेर में पूर्व मेयर ने तत्कालीन आयुक्त सहित 2 अधिकारियों पर लगाए ये गंभीर आरोप...
नगर निगम के पूर्व मेयर धर्मेंद्र गहलोत ने तत्कालीन आयुक्त चिन्मयी गोपाल, आयुक्त प्रशासन अखिलेश पीपल और उपयुक्त ओमप्रकाश डिंडवाल पर अनियमितता के गंभीर आरोप लगाए हैं. मामले की जांच के लिए गहलोत ने संभागीय आयुक्त आरुषि मलिक से मुलाकात कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. गहलोत का आरोप है कि हेरिटेज योजना से बने फूड कोर्ट के संचालन के लिए ठेकेदार को नियम विरुद्ध लाभ पहुंचाने और नगर निगम को 42 लाख रुपए का नुकसान पहुंचाया गया है.