ETV Bharat / city

किसान आंदोलन में घुसे अराजक तत्व...केवल विरोध करना है मकशद : अरुण चतुर्वेदी

कृषि कानून के विरोध में किसान द्वारा आंदोलन किया जा रहा है. वहीं भाजपा कृषि कानून को किसानों का हितकारी बताकर आंदोलन खत्म कराने की कोशिश कर रही है. इसके लिए प्रदेश भाजपा के कई दिग्गजों को राजस्थान के विभिन्न जिलों में भेजा गया है. इस बीच अजमेर में पूर्व कैबिनेट मंत्री अरुण चतुर्वेदी पहुंचे हैं. इस दौरान अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि किसान आंदोलन में कई आराजक तत्व घुस आए हैं, जिनका उद्देश्य किसानों का हित नहीं, बल्कि किसानों के हित में बनाए गए कृषि कानून का विरोध करना है.

farmer movement in rajasthan, agricultural law
अरुण चतुर्वेदी का अजमेर दौरा
author img

By

Published : Dec 15, 2020, 5:45 PM IST

अजमेर. कृषि कानून के विरोध में किसान द्वारा आंदोलन किया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर भाजपा कृषि कानून को किसानों का हितकारी बताकर आंदोलन की गति को धीमा करने की कोशिश कर रही हैं. प्रदेश भाजपा के कई दिग्गजों को राजस्थान के विभिन्न जिलों में भेजा गया है, ताकि केंद्र सरकार के कृषि कानून के बारे में वह आमजन को बता सके. अजमेर में पूर्व कैबिनेट मंत्री अरुण चतुर्वेदी का दौरा रहा. बांदरसिंदरी में किसान चौपाल में चर्चा करने के बाद चतुर्वेदी ने अजमेर पंहुच कर प्रेसवर्त्ता की.

अरुण चतुर्वेदी का अजमेर दौरा

कृषि कानून को लेकर पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि किसान आंदोलन में कई आराजक तत्व घुस आए हैं, जिनका उद्देश्य किसानों का हित नहीं, बल्कि किसानों के हित में बनाए गए कृषि कानून का विरोध करना है. चतुर्वेदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों को कहा है कि देश का हर किसान अपना है, वह जब कहेगा जैसे कहेगा सरकार उससे बात करने के लिए तैयार है. चतुर्वेदी ने बताया कि किसानों और केंद्र सरकार के बीच 6 बार वार्ता हो चुकी है. किसानों ने एमएसपी की गारंटी की बात कही, तो सरकार ने कानून में संशोधन करके एमएसपी की गारंटी देने की बात कही है.

उन्होंने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग में किसी प्रकार से जमीन नहीं जाए, उसको भी केंद्र सरकार ने स्वीकार कर लिया है. कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में 72 घंटे के अंदर यदि किसानों को भुगतान नहीं होता है, तो वह एसडीएम के यहां शिकायत करने के साथ ही सिविल कोर्ट में भी वाद दायर कर सकते हैं. राज्य सरकार अपने स्तर पर यह कानून बना सकती हैं. चतुर्वेदी ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के मुद्दों को बातचीत के आधार पर समाधान कर रही है, लेकिन निहित स्वार्थों के आधार पर किसान आंदोलन के साथ कुछ ऐसे तत्व जुड़े हैं, जो केवल कृषि कानून को वापस लिए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं. उन्होंने कहा कि देश भर का किसान नए कानून के साथ है.

यह भी पढ़ें- किशोरी के साथ सगे भाई समेत तीन लोग दो साल से कर रहे थे दुष्कर्म...पीड़िता ने दिया बच्ची को जन्म

उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में से राष्ट्रीय बातों की आवाज में भी निकलने लगी है, जो पूरे आंदोलन को अपने हिसाब से लेकर चलने का काम कर रहे हैं और इस आंदोलन को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों से आग्रह कर रही है कि वह मुद्दों और समाधान पर बात करें, ताकि यह आंदोलन खत्म हो सके.

अजमेर. कृषि कानून के विरोध में किसान द्वारा आंदोलन किया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर भाजपा कृषि कानून को किसानों का हितकारी बताकर आंदोलन की गति को धीमा करने की कोशिश कर रही हैं. प्रदेश भाजपा के कई दिग्गजों को राजस्थान के विभिन्न जिलों में भेजा गया है, ताकि केंद्र सरकार के कृषि कानून के बारे में वह आमजन को बता सके. अजमेर में पूर्व कैबिनेट मंत्री अरुण चतुर्वेदी का दौरा रहा. बांदरसिंदरी में किसान चौपाल में चर्चा करने के बाद चतुर्वेदी ने अजमेर पंहुच कर प्रेसवर्त्ता की.

अरुण चतुर्वेदी का अजमेर दौरा

कृषि कानून को लेकर पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि किसान आंदोलन में कई आराजक तत्व घुस आए हैं, जिनका उद्देश्य किसानों का हित नहीं, बल्कि किसानों के हित में बनाए गए कृषि कानून का विरोध करना है. चतुर्वेदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों को कहा है कि देश का हर किसान अपना है, वह जब कहेगा जैसे कहेगा सरकार उससे बात करने के लिए तैयार है. चतुर्वेदी ने बताया कि किसानों और केंद्र सरकार के बीच 6 बार वार्ता हो चुकी है. किसानों ने एमएसपी की गारंटी की बात कही, तो सरकार ने कानून में संशोधन करके एमएसपी की गारंटी देने की बात कही है.

उन्होंने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग में किसी प्रकार से जमीन नहीं जाए, उसको भी केंद्र सरकार ने स्वीकार कर लिया है. कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में 72 घंटे के अंदर यदि किसानों को भुगतान नहीं होता है, तो वह एसडीएम के यहां शिकायत करने के साथ ही सिविल कोर्ट में भी वाद दायर कर सकते हैं. राज्य सरकार अपने स्तर पर यह कानून बना सकती हैं. चतुर्वेदी ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के मुद्दों को बातचीत के आधार पर समाधान कर रही है, लेकिन निहित स्वार्थों के आधार पर किसान आंदोलन के साथ कुछ ऐसे तत्व जुड़े हैं, जो केवल कृषि कानून को वापस लिए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं. उन्होंने कहा कि देश भर का किसान नए कानून के साथ है.

यह भी पढ़ें- किशोरी के साथ सगे भाई समेत तीन लोग दो साल से कर रहे थे दुष्कर्म...पीड़िता ने दिया बच्ची को जन्म

उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में से राष्ट्रीय बातों की आवाज में भी निकलने लगी है, जो पूरे आंदोलन को अपने हिसाब से लेकर चलने का काम कर रहे हैं और इस आंदोलन को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों से आग्रह कर रही है कि वह मुद्दों और समाधान पर बात करें, ताकि यह आंदोलन खत्म हो सके.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.