अजमेर. विश्वविख्यात सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का सालाना उर्स इस बार भी होगा. सरकार की गाइड लाइन के अनुसार उर्स की तैयारियां जोर शोर से की जा रही है. गाइडलाइन की बंदिशों के अनुसार ही तमाम इंतजाम किए जा रहे हैं (Urs of Khwaja Moinuddin Hasan Chishti).
अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज के 810वें उर्स की रस्में इस बार भी होगी. सरकार की गाइडलाइन के अनुसार ही आम जायरीन को प्रवेश की अनुमति होगी. खास बात यह है कि उर्स में देश के कोने कोने से आने वाली बसों और अन्य साधनों के टैक्स में राहत नहीं दी गई गई है. इस बार उर्स स्पेशल ट्रेनें भी नही चलेंगी. राजस्थान रोडवेज को जायरीन की संख्या अनुसार मुस्तैद रहने के निर्देश दिए गए हैं (Guideline for Ajmer Dargah).
कायड़ विश्राम स्थली में भी जायरीन के ठहरने की व्यवस्था रखने के कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं. जिला कलेक्टर अंश दीप ने बताया कि वर्तमान गाइड लाइन के अनुसार सभी धार्मिक स्थल खुले हुए हैं. यात्रा पर भी कोई प्रतिबंध नहीं है. ऐसे में यदि कोई जायरीन जियारत के लिए आता है तो उसे रोका नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि जो गाइडलाइन में नियम है उसकी पालना दरगाह में करवाई जाएगी. बच्चों और बुजुर्गों का प्रवेश निषेध रहेगा (Ajmer Urs Time Table).
जायरीन को वैक्सीनेशन की दोनों डोज लगी है. इसको सुनिश्चित करने के बाद ही जायरीन को दरगाह में जियारत के लिए प्रवेश दिया जाएगा. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीमें दरगाह और कायड़ विश्राम स्थली पर तैनात रहेंगी. जिन जायरीन के वैक्सीनेशन की दूसरी डोज नहीं लगी है, उनके लिए वैक्सीनेशन की व्यवस्था रहेगी.
फूल चादर और प्रसाद पर रहेगा प्रतिबंध
उर्स के मौके पर देश और दुनिया से आने वाले जायरीन दरगाह में चादर फूल और प्रसाद पेश करते हैं. लेकिन वर्तमान गाइड लाइन के अनुसार दरगाह में फूल चादर और प्रसाद पेश करने की अनुमति नहीं दी गई है. दरगाह में खादिमों की संस्था के सदर सैय्यद मोइन हसन चिश्ती ने सरकार से मांग की है कि दरगाह में चादर फूल और प्रसाद पेश करने की अनुमति दी जाए.
चिश्ती ने कहा कि देश मे कई लोग वर्षो से उर्स के मौके पर दरगाह आते हैं. उन्हें रोका नहीं जा सकता. दरगाह में चादर, फूल, प्रसाद पेश करने का सवाल जायरीन की अकीदत से जुड़ा हुआ है. दूरदराज से आने वाले जायरीन चादर फूल पेश नहीं कर पाएगा तो उसकी आस्था को ठेस लगेगी. उन्होंने बताया कि उर्स पर चादर, फूल, प्रसाद की अनुमति मिलनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि लोगों से अपील की जा रही है कि दरगाह में भीड़भाड़ कम हो. दरगाह दीवान के साहबजादे सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि उर्स में आने वाले जायरीन गाइडलाइन को भलीभांति समझ कर ही अजमेर आएं ताकि उन्हें किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हो.