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अजमेर के JLN अस्पताल में Residents Doctors ने किया काम ठप, मारपीट के आरोपियों को न पकड़े जाने से हैं नाराज

अजमेर संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल में के रेजीडेन्ट डॉक्टर्स ने काम ठप कर दिया है. आपातकालीन सेवा के अलावा और सभी सेवाओं का बहिष्कार कर दिया है. ये कदम मारपीट के आरोपियों को न गिरफ्तार किए जाने को लेकर उठाया गया है. इससे पहले उन्होंने पुलिस को अल्टीमेटम भी दिया था.

residents doctor boycott
मारपीट की घटना से नाराज रेजीडेंट डॉक्टरर्स ने किया कार्य बहिष्कार
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Published : Sep 2, 2021, 11:35 AM IST

Updated : Sep 2, 2021, 1:46 PM IST

अजमेर: अजमेर संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल में 30 अगस्त को हुई मारपीट की घटना अब तूल पकड़ चुकी है. दो रेजिडेंट डॉक्टर्स से हुई मारपीट के मामले में चिकित्सकों में भारी रोष है. उसका असर गुरुवार को जेएलएन अस्पताल में भी नजर आया. आपातकालीन वार्ड को छोड़कर शेष सभी विभागों में रेजिडेंट चिकित्सकों ने कार्य बहिष्कार कर दिया है. जिससे अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था चरमराने लगी है.

अजमेर के JLN अस्पताल में Residents Doctors ने किया काम ठप

Food Poisoining: शादी की दावत में खाना पड़ा भारी, 45 बच्चे सहित 100 से ज्यादा लोग बीमार

अजमेर संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल (JLN Hospital) में 30 अगस्त को हुई मारपीट की घटना को लेकर दोनों ही पक्षों ने परस्पर मुकदमे कोतवाली थाने में दर्ज करवाए. दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर मारपीट का आरोप लगाया है.

इधर रेजिडेंट डॉक्टर्स मारपीट की घटना से खासे नाराज हैं. रेजिडेंट डॉक्टर्स ने पुलिस से बुधवार को आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी करने की मांग की थी. चेतावनी के साथ की सुबह 8 बजे तक आरोपियों की गिरफ्तारी न होने पर कार्य बहिष्कार की चेतावनी भी दी थी.

आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर नाराज रेजिडेंट डॉक्टर्स ने जेएलएन अस्पताल में कार्य बहिष्कार कर दिया है. इस एलान के साथ कि आपातकालीन वार्ड में काम जारी रहेगा.

राजस्थान रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ अभिषेक ने बताया कि 30 अगस्त को मरीज के परिजनों ने कार्यरत डॉक्टर सौरभ और डॉक्टर त्रिवेंद्र के साथ मारपीट की थी. इस घटना के बाद डॉ सौरभ की हालत दिनों दिन बिगड़ रही है. डॉ अभिषेक का आरोप है कि पुलिस ने घटना के बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की है. इससे रेजिडेंट डॉक्टर्स में भारी रोष व्याप्त है.

उन्होंने अस्पताल प्रशासन से रेजिडेंट डॉक्टर की सुरक्षा के लिए गार्ड लगाने की भी मांग की है. डॉ अभिषेक ने बताया कि अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टर्स मानवता की सेवा के लिए है न की किसी का अहित करने के लिए है. कोरोना काल में जहां डॉक्टर्स को भगवान का दर्जा दिया जा रहा था वहीं असफल होने पर उनके साथ मारपीट की घटना अशोभनीय है. इसे रेजिडेंट डॉक्टरर्स कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे.

उन्होंने कहा कि अस्पताल में 125 रेजिडेंट डॉक्टर्स कम है उसके बावजूद कार्यभार अधिक होने पर भी रेजीडेंट्स डॉक्टर बिना अवकाश लिए अपना कार्य पूरी निष्ठा के साथ कर रहे हैं. रेजिडेंट डॉक्टरों ने अतिरिक्त कार्य की एवज में वित्तीय और अवकाश की मांग नहीं की. उसके बाद भी यदि यह परिणाम मिल रहा है तो यह बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं है. उन्होंने बताया कि घटना के बाद कोतवाली थाने में आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज करवा दी गई लेकिन पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया और बताया कि अस्पताल में यह घटना उस वक्त हुई जब मरीजों के परिजनों का वार्ड में प्रवेश निषेध होता है. घटना के वक्त मरीज के 6 परिजन मौजूद थे फिर भी पुलिस ने उन्हें नामजद नहीं किया.

गौरतलब है कि, अजमेर जेएलएन अस्पताल संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल है. यहां 4 जिलों के मरीज इलाज के लिए रेफर होकर आते हैं. अस्पताल पर मरीजों के इलाज का दबाव रहता है. वरिष्ठ चिकित्सकों से ज्यादा रेजीडेंट डॉक्टर्स चिकित्सा व्यवस्था संभालते हैं. इनके कार्य बहिष्कार से जेएलएन अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था चरमराने लगी है. हालांकि आंदोलनरत डॉक्टर्स ने आपातकालीन वार्ड को कार्य बहिष्कार से मुक्त रखा है.

रेजिडेंट डॉक्टरर्स के साथ हुई मारपीट की घटना से वरिष्ठ चिकित्सकों में भी नाराजगी है. कार्य बहिष्कार का असर राजकीय जनाना अस्पताल एवं सेटेलाइट अस्पताल पर भी पड़ने लगा है.

अजमेर: अजमेर संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल में 30 अगस्त को हुई मारपीट की घटना अब तूल पकड़ चुकी है. दो रेजिडेंट डॉक्टर्स से हुई मारपीट के मामले में चिकित्सकों में भारी रोष है. उसका असर गुरुवार को जेएलएन अस्पताल में भी नजर आया. आपातकालीन वार्ड को छोड़कर शेष सभी विभागों में रेजिडेंट चिकित्सकों ने कार्य बहिष्कार कर दिया है. जिससे अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था चरमराने लगी है.

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अजमेर संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल (JLN Hospital) में 30 अगस्त को हुई मारपीट की घटना को लेकर दोनों ही पक्षों ने परस्पर मुकदमे कोतवाली थाने में दर्ज करवाए. दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर मारपीट का आरोप लगाया है.

इधर रेजिडेंट डॉक्टर्स मारपीट की घटना से खासे नाराज हैं. रेजिडेंट डॉक्टर्स ने पुलिस से बुधवार को आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी करने की मांग की थी. चेतावनी के साथ की सुबह 8 बजे तक आरोपियों की गिरफ्तारी न होने पर कार्य बहिष्कार की चेतावनी भी दी थी.

आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर नाराज रेजिडेंट डॉक्टर्स ने जेएलएन अस्पताल में कार्य बहिष्कार कर दिया है. इस एलान के साथ कि आपातकालीन वार्ड में काम जारी रहेगा.

राजस्थान रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ अभिषेक ने बताया कि 30 अगस्त को मरीज के परिजनों ने कार्यरत डॉक्टर सौरभ और डॉक्टर त्रिवेंद्र के साथ मारपीट की थी. इस घटना के बाद डॉ सौरभ की हालत दिनों दिन बिगड़ रही है. डॉ अभिषेक का आरोप है कि पुलिस ने घटना के बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की है. इससे रेजिडेंट डॉक्टर्स में भारी रोष व्याप्त है.

उन्होंने अस्पताल प्रशासन से रेजिडेंट डॉक्टर की सुरक्षा के लिए गार्ड लगाने की भी मांग की है. डॉ अभिषेक ने बताया कि अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टर्स मानवता की सेवा के लिए है न की किसी का अहित करने के लिए है. कोरोना काल में जहां डॉक्टर्स को भगवान का दर्जा दिया जा रहा था वहीं असफल होने पर उनके साथ मारपीट की घटना अशोभनीय है. इसे रेजिडेंट डॉक्टरर्स कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे.

उन्होंने कहा कि अस्पताल में 125 रेजिडेंट डॉक्टर्स कम है उसके बावजूद कार्यभार अधिक होने पर भी रेजीडेंट्स डॉक्टर बिना अवकाश लिए अपना कार्य पूरी निष्ठा के साथ कर रहे हैं. रेजिडेंट डॉक्टरों ने अतिरिक्त कार्य की एवज में वित्तीय और अवकाश की मांग नहीं की. उसके बाद भी यदि यह परिणाम मिल रहा है तो यह बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं है. उन्होंने बताया कि घटना के बाद कोतवाली थाने में आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज करवा दी गई लेकिन पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया और बताया कि अस्पताल में यह घटना उस वक्त हुई जब मरीजों के परिजनों का वार्ड में प्रवेश निषेध होता है. घटना के वक्त मरीज के 6 परिजन मौजूद थे फिर भी पुलिस ने उन्हें नामजद नहीं किया.

गौरतलब है कि, अजमेर जेएलएन अस्पताल संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल है. यहां 4 जिलों के मरीज इलाज के लिए रेफर होकर आते हैं. अस्पताल पर मरीजों के इलाज का दबाव रहता है. वरिष्ठ चिकित्सकों से ज्यादा रेजीडेंट डॉक्टर्स चिकित्सा व्यवस्था संभालते हैं. इनके कार्य बहिष्कार से जेएलएन अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था चरमराने लगी है. हालांकि आंदोलनरत डॉक्टर्स ने आपातकालीन वार्ड को कार्य बहिष्कार से मुक्त रखा है.

रेजिडेंट डॉक्टरर्स के साथ हुई मारपीट की घटना से वरिष्ठ चिकित्सकों में भी नाराजगी है. कार्य बहिष्कार का असर राजकीय जनाना अस्पताल एवं सेटेलाइट अस्पताल पर भी पड़ने लगा है.

Last Updated : Sep 2, 2021, 1:46 PM IST
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