अजमेर. पर्यावरण संरक्षण के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं. प्लास्टिक मुक्त होने के लिए भी कई जन जागरूकता अभियान जारी हैं. ऐसे में बहुत से लोग हैं, जो पर्यावरण संरक्षण की बड़ी-बड़ी बातों तक सीमित रहते हैं, लेकिन पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए जमीनी स्तर पर काम नहीं करते. अजमेर में सहकारिता विभाग में अतिरिक्त रजिस्ट्रार अजमेर खंड पूनम भार्गव अपने पर्यावरण प्रेम को लेकर मिसाल बनी हुई हैं.
दरअसल अजमेर की रहने वाली महिला अफसर पूनम भार्गव को पेड़ पौधों से प्यार है. अपने घर ही नहीं, बल्कि अजमेर में अपने दफ्तर सहकार भवन में भी पूनम भार्गव ने पर्यावरण को संरक्षित करने के उद्देश्य से काफी संख्या में पौधे लगाए हैं, वह भी वेस्ट प्लास्टिक, हैंडबैग और टायर में.
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पूनम भार्गव का मानना है कि यह वेस्ट सामग्री लोग बाहर ही फेंकते हैं, जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है. उन्होंने कहा कि प्लास्टिक का उपयोग नहीं करना चाहिए, लेकिन यह हमारे जीवन में रोजमर्रा का हिस्सा बन गई है. ऐसे में प्लास्टिक टायर हैंडबैग को बाहर फेंकने के बजाय उनका उपयोग पर्यावरण संरक्षण में भी किया जा सकता है.
वेस्ट से बनाया बेस्ट
पूनम भार्गव ने अपने कार्यालय के बाहर की दीवारों गार्डन में प्लास्टिक की बोतल, कैन, टायर महिला हैंडबैग और थर्माकोल जैसी वेस्ट सामग्री में दर्जनों पौधे लगा रखे हैं. लंच टाइम पर पूनम भार्गव उन पौधों का ख्याल रखती हैं. वेस्ट सामग्री में उनके द्वारा लगाए गए पौधे ना केवल पर्यावरण को संरक्षित कर रहे हैं, बल्कि लोगों के आकर्षण का केंद्र भी बन रहे हैं.
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जींस और जूतों में भी उगेंगे पौधे
पूनम भार्गव ने बताया कि पौधों से उनका लगाव बचपन से ही रहा है. पर्यावरण संरक्षण को लेकर बातें करने के बजाए पर्यावरण के संरक्षण पर काम करने में उन्हें ज्यादा रुचि मिलती है. भार्गव ने अपनी सोच से वेस्ट सामग्री को भी उपयोगी बना दिया है. यानी पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली प्लास्टिक की बोतल के टायर थर्माकोल पर्यावरण को लाभ पहुंचाने में सहायक बन गए हैं. पूनम भार्गव ने बताया कि जींस और जूतों में भी वे इसी तरह का प्रयोग करने जा रही है.
गाड़ी में हमेशा होती है 2 बाल्टी
पर्यावरण प्रेम को लेकर पूनम भार्गव की दीवानगी कुछ ऐसी है कि वह अपनी गाड़ी में भी दो बाल्टियां लेकर चलती हैं. टूर के दौरान उन्हें कहीं अच्छे पौधे मिल जाते हैं, तो उन्हें गमलों की बजाए वेस्ट सामग्री में लगा देती हैं. पूनम भार्गव प्रोफेशनल रूप से जितनी ईमानदार हैं, उतनी ही इमानदारी से वेस्ट सामग्री में लगाए गए पौधों का ख्याल भी रखती हैं. दफ्तर में सभी अधिकारी और कर्मचारी से इस बात से भलीभांति से परिचित हैं. यही वजह है कि उनकी मेहनत और सोच का सभी सम्मान करते हैं.
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सहकार भवन में सहायक प्रशासनिक अधिकारी संजीव टंडन बताते हैं कि पूनम भार्गव के लगाए गए पौधों से सब दूर रहते हैं. उन्होंने बताया कि पूनम भार्गव कहती है कि जब आप पौधे लगा नहीं सकते तो उन्हें छूने का भी आपको कोई अधिकार नहीं है..
महिला अफसर पूनम भार्गव की वेस्ट सामग्री के सदुपयोग और उनमें पौधे लगाकर पर्यावरण को संरक्षित करने का कार्य लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है. लोग उनकी इस अनूठी सोच को खुद भी अपना रहे हैं.