अजमेर. राजस्व मंडल के विघटन को लेकर आशंकाओं के बादल मंडराने लगे हैं. बार के अध्यक्ष और वकीलों ने राजस्व मंडल की प्रशासनिक व्यवस्थाओं को यहां से ले जाकर जयपुर में आयुक्तालय स्थापित करने का विरोध शुरू कर दिया है. साथ ही जनप्रतिनिधियों एवं को साथ लेकर आमजन विखंडन को रोकने के लिए जन आंदोलन खड़ा करने की दिशा में कदम आगे बढ़ रहे हैं.
राजस्थान एकीकरण के इतिहास से जुड़ा मुद्दा
देश की आजादी के बाद राजस्थान के एकीकरण (Unification of Rajasthan) की कवायद शुरू हुई. तब सबसे आखिर में अजमेर रियासत (मेरवाड़ा स्टेट Merwara State) का विलय हुआ. जबकि इससे पहले तक अजमेर अलग स्टेट था. यहां की अपनी सरकार हुआ करती थी. अजमेर का विलय सशर्त हुआ था. इसके तहत राव कमीशन (Rao Commission) के कहने पर अजमेर को राजस्व मंडल (revenue board), राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Rajasthan Board of Secondary Education), आरपीएससी (RPSC) और राजस्थान आयुर्वेद निदेशालय (Rajasthan Directorate of Ayurveda) जैसे महत्वपूर्ण सरकारी संस्थाएं मिली थीं. जिससे अजमेर का महत्व बढ़ गया था.
आयुक्तालय जयपुर ले जाने की आशंका, कड़ा विरोध
अजमेर के जनप्रतिनिधियों का आरोप है कि धीरे-धीरे अजमेर को सौगात में मिली संस्थाओं का विखंडन किया जा रहा है. इस बार राजस्व मंडल से प्रशासनिक व्यवस्था जयपुर ले जाने और वहां आयुक्तालय बनाने की कवायद की जा रही है. इसको लेकर सीएस की अध्यक्षता में बैठक भी हो चुकी है. हालांकि आयुक्तालय को लेकर अभी निर्णय नहीं हुआ है. लेकिन राजस्व मंडल के विखंडन को लेकर विरोध के स्वर बुलंद हो गए हैं.
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घटेगा अजमेर का महत्व
राजस्थान राजस्व अभिभाषक संघ (Rajasthan Revenue Advocates Association) के अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा ने वकीलों की नाराजगी का पत्र सरकार को लिखा है. इस मामले में जनप्रतिनिधियों और अजमेर की जनता के साथ जन आंदोलन खड़ा करने की भी चेतावनी दी गई है. मंडल के वकीलों का कहना है कि राजस्व मंडल के विघटन से अजमेर का महत्व घटेगा. उनका कहना है कि पटवारी भर्ती का अधिकार राजस्व मंडल से लेकर कर्मचारी चयन बोर्ड (staff selection board) को दिया गया. पूर्व में सर्किट बैंच संभाग मुख्यालय पर दी गई. इस बार प्रशासनिक व्यवस्था के लिए जयपुर में आयुक्तालय बनाकर राजस्व मंडल के विघटन का काम किया जा रहा है. वकील इसका पुरजोर विरोध करेंगे.
वकीलों का कहना है कि राजस्व मंडल राजस्थान में राजस्व और किसानों से जुड़े मामलों की सबसे बड़ी अदालत है. यदि इसका विखंडन होता है तो अजमेर के सम्मान को बहुत बड़ा धक्का लगेगा.
विरोध के किसी भी स्तर तक जाएंगे- भदेल
इधर राजस्व मंडल के विघटन को लेकर सियासी गलियारों में थी सियासत तेज हो चुकी है. महिला एवं बाल विकास विभाग की पूर्व राज्यमंत्री और अजमेर दक्षिण क्षेत्र से विधायक अनिता भदेल (Ajmer MLA Anita Bhadel) ने राजस्व मंडल के विखंडन को लेकर राज्य सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं. भदेल ने कहा कि राजस्व मंडल का विखंडन अजमेर की जनता के साथ कुठाराघात होगा. जिसे अजमेर की जनता कभी बर्दाश्त नहीं करेगी. विखंडन को रोकने के लिए हम विरोध के किसी भी स्तर पर जाएंगे.
अजमेर को राजधानी होना चाहिए था- देवनानी
पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री और अजमेर उत्तर क्षेत्र से विधायक वासुदेव देवनानी (Ajmer North MLA Vasudev Devnani) ने कहा कि जब-जब कांग्रेस की सत्ता में आती है तब अजमेर के हितों पर कुठाराघात करती है. राजस्व मंडल का विखंडन को लेकर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. देवनानी ने कहा कि अजमेर के विलय के समय राजस्व मंडल, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, आरपीएससी और राजस्थान आयुर्वेद निदेशालय राव कमीशन के कहने पर अजमेर को सौगात के रूप में मिले थे. अजमेर को राजधानी बनाया जाना था लेकिन राजधानी जयपुर को बनाया गया और भौगोलिक स्थिति के चलते राव कमीशन की सिफारिशों पर ये सौगातें अजमेर को मिली. उन्होंने कहा कि राजस्व मंडल के विघटन को बर्दाश्त नहीं करेंगे.
उन्होंने कहा कि राजस्व मंडल, आरपीएससी, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड एवं राजस्थान आयुर्वेद निदेशालय ये बड़े सरकारी दफ्तर ही नहीं हैं. बल्कि अजमेर की अस्मिता और हक हैं. जिनकी वजह से अजमेर का कद हमेशा से ऊंचा रहा है. लेकिन इनमें से किसी भी संस्था का विखंडन होता है तो निश्चित ही अजमेर की अस्मिता पर प्रहार होगा.