अजमेर. जीआरपी पुलिस के क्षेत्राधिकार में 17 थानों में सन 2018 की तुलना में 2019 में आईपीसी के तहत दर्ज मुकदमों में 15 फ़ीसदी का इज़ाफ़ा हुआ है. इनमें कुल दर्ज प्रकरणों में 8 फ़ीसदी पेंडेंसी रही है. वहीं चोरी के प्रकरणों में भी जीआरपी पुलिस ने गत वर्ष की तुलना में 28 फ़ीसदी से बढ़ाकर 2019 में 54 फ़ीसदी रिकवरी करने में सफलता पाई है.
जीआरपी एसपी मनीष अग्रवाल ने बताया कि राजस्थान सरकार और डीजीपी के निर्देश पर थानों में फ्री एफआईआर दर्ज किए गए थे जिनमें परिवारों को प्रकरण दर्ज करने में सहयोग दिया गया फिर चाहे परिवादी अन्य राज्य का ही क्यों ना हो. उन्होंने बताया कि अन्य राज्यों की पुलिस प्रकरण दर्ज करने में आनाकानी करती है ऐसे में परिवादी जीरो एफ आई आर यहां दर्ज करवाते हैं जिन्हें संबंधित राज्यों के थानों को भिजवा दिया जाता है.
जेब तराशी और जहरखुरानी के प्रकरणों में भी कमी आई है उन्होंने बताया कि मादक पदार्थों के खिलाफ हुई कार्रवाई में दर्ज 41 प्रकरण पंजीबद्ध हुए थे इनमें से 47 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. तस्करों के कब्जे से 19.5 ग्राम एमडी, 200 ग्राम स्मैक, 24 किलो 570 ग्राम अफीम, 42 किलो गांजा, 399 किलो 560 ग्राम डोडा चूरा बरामद किया गया.
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आर्म्स एक्ट के अंतर्गत 166 प्रकरण दर्ज कर 166 आरोपियों के कब्जे से एक देशी कट्टा, 135 चाकू, 47 कटार, एक गुप्ती, चार छुर्री एवं एक तलवार बरामद की गई. वहीं 2019 में 194 स्थाई वारंटो का भी निस्तारण किया गया. जिला स्तर पर इनाम घोषित तीन अपराधियों को भी गिरफ्तार किया गया. उन्होंने बताया कि जीआरपी के थानों में कुल 2091 प्रकरण दर्ज किए गए जिनमें 65 प्रकरण पेंडिंग है.
अजमेर जीआरपी एसपी मनीष अग्रवाल ने जीआरपी पुलिस की उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि वर्ष में 5 बड़े आपराधिक प्रकरणों में समय रहते अनुसंधान कर उनमें रिकवरी की गई. वही अपराधियों को भी पकड़ा गया. जीआरपी पुलिस ने महिलाओं से संबंधित शिकायतों के लिए हेल्पलाइन नंबर 15121 और शिकायत और सलाह के लिए व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबर 95304 22591 भी जारी किया है. इसके अलावा ट्विटर और फेसबुक पर भी अकाउंट बनाए गए हैं.
वर्ष 2020 की यह रहेंगी प्राथमिकताएं
- जघन्य एवं संगठित अपराधों की रोकथाम एवं त्वरित अनुसंधान और सफल आयोजन हेतु समन्वित प्रयास
- महिलाओं बच्चों एवं कमजोर वर्गों को के विरुद्ध अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण एवं त्वरित अनुसंधान
- सड़क दुर्घटनाओं में मृतकों की संख्या में कमी लाना
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प्रशासनिक प्राथमिकताएं
- पुलिस थानों में स्वागत कक्ष एवं अन्य ध्यान केंद्रित सुविधाओं का विकास
- पुलिस परिसरों में पुलिसकर्मियों व उनके परिजनों के हेतु कल्याणकारी गतिविधियों का विकास
- पुलिस कर्मियों की तकनीकी कार्य दक्षता में अभिवृद्धि
स्थानीय पुलिस की प्राथमिकताएं
- धारा 173(8) व रिओपन के पेंडिंग प्रकरणों का अधिक से अधिक निस्तारण करना
- यात्री ट्रेनों में घटित संपत्ति अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण कर चालानी एवं बरामदगी प्रतिशत में वृद्धि हेतु प्रयास करना
- जिले के क्षेत्राधिकार की ट्रेनों में हो रहे अवैध मादक पदार्थों की तस्करी की रोकथाम हेतु प्रभावी कार्रवाई करना.