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अजमेर: वन विभाग 511 हेक्टेयर वन भूमि पर लगाएगा 2 लाख 38 हजार पौधे, हो रहा मानसून का इंतजार

अजमेर में वन विभाग ने आगामी मानसून में पौधरोपण को तैयारियां पूरी कर ली है. विभाग की ओर से 6 वन रेंजों में 511 हेक्टयर वन भूमि पर 2 लाख 38 हजार पौधे लगाए जाएंगे. विभाग ने पौधे लगाने के लिए गड्ढे खुदवा दिए है. अब बस मानसून का इंतजार किया जा रहा है.

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पौधरोपण की तैयारी पूरी
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Published : Jun 18, 2020, 9:26 PM IST

अजमेर. प्रदेश भर में भीषण गर्मी का दौर जारी है और आमजन को मानसून का बेसब्री से इंतजार है. बताया जा रहा है कि, गुजरात मध्यप्रदेश तक मानसून पहुच चुका है. आगामी एक हफ्ते के बाद मानसून राजस्थान में प्रवेश करेगा. जहां किसान मानसून के इंतजार में बुवाई की आस लगाए बैठा है. वहीं अजमेर वन विभाग ने भी सघन पौधरोपण की तैयारियां पूरी कर ली है. मानसून की पहली अच्छी बारिश के बाद से ही वन विभाग पौधरोपण शुरू करेगा.

पौधरोपण की तैयारी पूरी

बता दें कि, आगामी मानसून को देखते हुए वन विभाग ने जिले के वन क्षेत्रों में पौधरोपण की तैयारी पूरी कर ली है. 6 रेंज में पौधरोपण के लिए विभाग की ओर से गड्ढे खुदवा दिए है. जिले में वन विभाग ने 511 हेक्टेयर वन भूमि क्षेत्र में 2 लाख 38 हजार पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है.

अतिरिक्त वन अधिकारी लोकेश शर्मा ने बताया कि विभाग ने 6 रेंज में पौधरोपण के लिए गड्ढे खुदवा लिए है. नर्सरी में पौधे भी तैयार है. आगामी मानसून का इंतजार हो रहा है. मानसून की बारिश से पौधरोपण के लिए खोदे गए गड्ढे पानी से भरने के बाद ही पौधरोपण की शुरुआत की जाएगी. ताकि लगाए गए पौधों को पोषण मिल सके.

ये पढ़ें: अजमेरः गुटका व्यापारी पर इनकम टैक्स की बड़ी कार्रवाई

शर्मा ने बताया कि दो प्रकार से वन क्षेत्रों में पौधरोपण की प्रक्रिया अपनाई जाती है. इनमे बालू के टीबा स्थिरीकरण (एएनआर मॉडल) और वनों का पुनरुद्धार (एसडीएस मॉडल) है. इनमें एसडीएस मॉडल में खेजड़ी, बबूल, टोटलिस बेर जंगल जलेबी, चुरेल और एएनआर मॉडल में अर्जून, छीला, इमली, पीपल, बड, कुमठा, चुरेल, बेर बबूल, नीम, करंज और शीशम के पौधे लगाए जाएंगे.

बता दें कि, पौधरोपण के बाद लगाए गए पौधों की वन विभाग की ओर से मॉनिटरिंग की जाएगी. वहीं आगामी दिनों में एक रेंज दूसरे रेंज के कार्यों का निरीक्षण भी करेगी. इसके अलावा वन विभाग ने पौधों के वितरण के लिए भी 4 लाख 84 हजार का लक्ष्य रखा है. कई सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं की मांग पर उन्हें पौधरोपण के लिए पौधे उपलब्ध करवाए जाते हैं.

अजमेर. प्रदेश भर में भीषण गर्मी का दौर जारी है और आमजन को मानसून का बेसब्री से इंतजार है. बताया जा रहा है कि, गुजरात मध्यप्रदेश तक मानसून पहुच चुका है. आगामी एक हफ्ते के बाद मानसून राजस्थान में प्रवेश करेगा. जहां किसान मानसून के इंतजार में बुवाई की आस लगाए बैठा है. वहीं अजमेर वन विभाग ने भी सघन पौधरोपण की तैयारियां पूरी कर ली है. मानसून की पहली अच्छी बारिश के बाद से ही वन विभाग पौधरोपण शुरू करेगा.

पौधरोपण की तैयारी पूरी

बता दें कि, आगामी मानसून को देखते हुए वन विभाग ने जिले के वन क्षेत्रों में पौधरोपण की तैयारी पूरी कर ली है. 6 रेंज में पौधरोपण के लिए विभाग की ओर से गड्ढे खुदवा दिए है. जिले में वन विभाग ने 511 हेक्टेयर वन भूमि क्षेत्र में 2 लाख 38 हजार पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है.

अतिरिक्त वन अधिकारी लोकेश शर्मा ने बताया कि विभाग ने 6 रेंज में पौधरोपण के लिए गड्ढे खुदवा लिए है. नर्सरी में पौधे भी तैयार है. आगामी मानसून का इंतजार हो रहा है. मानसून की बारिश से पौधरोपण के लिए खोदे गए गड्ढे पानी से भरने के बाद ही पौधरोपण की शुरुआत की जाएगी. ताकि लगाए गए पौधों को पोषण मिल सके.

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शर्मा ने बताया कि दो प्रकार से वन क्षेत्रों में पौधरोपण की प्रक्रिया अपनाई जाती है. इनमे बालू के टीबा स्थिरीकरण (एएनआर मॉडल) और वनों का पुनरुद्धार (एसडीएस मॉडल) है. इनमें एसडीएस मॉडल में खेजड़ी, बबूल, टोटलिस बेर जंगल जलेबी, चुरेल और एएनआर मॉडल में अर्जून, छीला, इमली, पीपल, बड, कुमठा, चुरेल, बेर बबूल, नीम, करंज और शीशम के पौधे लगाए जाएंगे.

बता दें कि, पौधरोपण के बाद लगाए गए पौधों की वन विभाग की ओर से मॉनिटरिंग की जाएगी. वहीं आगामी दिनों में एक रेंज दूसरे रेंज के कार्यों का निरीक्षण भी करेगी. इसके अलावा वन विभाग ने पौधों के वितरण के लिए भी 4 लाख 84 हजार का लक्ष्य रखा है. कई सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं की मांग पर उन्हें पौधरोपण के लिए पौधे उपलब्ध करवाए जाते हैं.

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