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अजमेर: ईद-उल-अजहा कल, घरों में ही अदा करें नमाज- काजी-ए-शहर

ईद-उल-अजहा यानी बकरीद का त्यौहार शनिवार को मनाया जाएगा. काजी-ए-शहर ने नमाजियों से अपील की है कि वे घरों में ही रहकर नमाज अदा करें. कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए इस बार केसरगंज स्थित ईदगाह में मुस्लिस समाज के लोग नमाज अदा नहीं कर पाएंगे.

Appeal to offer namaz in homes.
घरों में नमाज अदा करने की अपील.
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Published : Jul 31, 2020, 1:49 PM IST

अजमेर. अजमेर में मुस्लिम समाज की ओर से ईद उल अजहा यानी बकरीद का त्यौहार मनाया जाएगा. लेकिन हर साल की तरह इस साल मुस्लिम समाज के लोग शहर की केसरगंज स्थित ईदगाह में ईद की नमाज अदा नहीं कर पाएंगे.

नमाजियों से घरों में ही नमाज अदा करने की अपील

कोरोना संक्रमण को देखते हुए शहर काजी अजमेर मोहम्मद तौसीफ अहमद सिद्दीकी ने बयान जारी किया है कि इस साल ईदगाह में ईद-उल-अजहा कि नमाज अदा नहीं कि जाएगी. मुस्लिम समुदाय के लोग ईद की नमाज की जगह अपने घरों में 2 रकात चाश्त अदा करें और जिन हजरात पर कुर्बानी फर्ज है वह घरों में ही कुर्बानी करें और साफ-सफाई रखें.

यह भी पढ़ें : 'ईद-उल-अजहा' पर कोरोना हावी, बकरों की खरीद में आई भारी गिरावट

ईद की जगह घरों में चाश्त की नमाज अदा करने की अपील की गई है. मुफ्ती-ए-शहर मोहम्मद बशीरुल कादरी ने बयान जारी किया है कि कोरोना महामारी के हालात में इज्तेमाई तौर से जब नमाज अदा नहीं कर सकते हैं तो मुस्लिम समुदाय के लोग सूरज निकलने के बीस मिनट बाद यानी सुबह तकरीबन 6 बजकर 20 मिनट के बाद नमाज-ए-चाश्त अदा कर कुर्बानी कर सकते हैं. इस दौरान साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखा जाए.

यह भी पढ़ें : महाराष्ट्र सरकार की अनुमित नहीं मिलने पर राजस्थान के बकरी व्यापारियों को हो रहा नुकसान

दरगाह परिसर स्थित मस्जिदों में भी ईद की नमाज नहीं पढ़ी जाएगी. दरगाह कमेटी के नाजिम शकील अहमद ने जानकारी दी कि कोरोना वायरस के कारण राज्य के समस्त धार्मिक स्थल बंद हैं. ऐसे में 1 अगस्त को दरगाह शरीफ में पढ़ी जाने वाली ईद की सामूहिक नमाज दरगाह शरीफ स्थित मस्जिदों में अदा नहीं कि जाएगी.

अजमेर. अजमेर में मुस्लिम समाज की ओर से ईद उल अजहा यानी बकरीद का त्यौहार मनाया जाएगा. लेकिन हर साल की तरह इस साल मुस्लिम समाज के लोग शहर की केसरगंज स्थित ईदगाह में ईद की नमाज अदा नहीं कर पाएंगे.

नमाजियों से घरों में ही नमाज अदा करने की अपील

कोरोना संक्रमण को देखते हुए शहर काजी अजमेर मोहम्मद तौसीफ अहमद सिद्दीकी ने बयान जारी किया है कि इस साल ईदगाह में ईद-उल-अजहा कि नमाज अदा नहीं कि जाएगी. मुस्लिम समुदाय के लोग ईद की नमाज की जगह अपने घरों में 2 रकात चाश्त अदा करें और जिन हजरात पर कुर्बानी फर्ज है वह घरों में ही कुर्बानी करें और साफ-सफाई रखें.

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ईद की जगह घरों में चाश्त की नमाज अदा करने की अपील की गई है. मुफ्ती-ए-शहर मोहम्मद बशीरुल कादरी ने बयान जारी किया है कि कोरोना महामारी के हालात में इज्तेमाई तौर से जब नमाज अदा नहीं कर सकते हैं तो मुस्लिम समुदाय के लोग सूरज निकलने के बीस मिनट बाद यानी सुबह तकरीबन 6 बजकर 20 मिनट के बाद नमाज-ए-चाश्त अदा कर कुर्बानी कर सकते हैं. इस दौरान साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखा जाए.

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दरगाह परिसर स्थित मस्जिदों में भी ईद की नमाज नहीं पढ़ी जाएगी. दरगाह कमेटी के नाजिम शकील अहमद ने जानकारी दी कि कोरोना वायरस के कारण राज्य के समस्त धार्मिक स्थल बंद हैं. ऐसे में 1 अगस्त को दरगाह शरीफ में पढ़ी जाने वाली ईद की सामूहिक नमाज दरगाह शरीफ स्थित मस्जिदों में अदा नहीं कि जाएगी.

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