अजमेर. अजमेर में मुस्लिम समाज की ओर से ईद उल अजहा यानी बकरीद का त्यौहार मनाया जाएगा. लेकिन हर साल की तरह इस साल मुस्लिम समाज के लोग शहर की केसरगंज स्थित ईदगाह में ईद की नमाज अदा नहीं कर पाएंगे.
कोरोना संक्रमण को देखते हुए शहर काजी अजमेर मोहम्मद तौसीफ अहमद सिद्दीकी ने बयान जारी किया है कि इस साल ईदगाह में ईद-उल-अजहा कि नमाज अदा नहीं कि जाएगी. मुस्लिम समुदाय के लोग ईद की नमाज की जगह अपने घरों में 2 रकात चाश्त अदा करें और जिन हजरात पर कुर्बानी फर्ज है वह घरों में ही कुर्बानी करें और साफ-सफाई रखें.
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ईद की जगह घरों में चाश्त की नमाज अदा करने की अपील की गई है. मुफ्ती-ए-शहर मोहम्मद बशीरुल कादरी ने बयान जारी किया है कि कोरोना महामारी के हालात में इज्तेमाई तौर से जब नमाज अदा नहीं कर सकते हैं तो मुस्लिम समुदाय के लोग सूरज निकलने के बीस मिनट बाद यानी सुबह तकरीबन 6 बजकर 20 मिनट के बाद नमाज-ए-चाश्त अदा कर कुर्बानी कर सकते हैं. इस दौरान साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखा जाए.
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दरगाह परिसर स्थित मस्जिदों में भी ईद की नमाज नहीं पढ़ी जाएगी. दरगाह कमेटी के नाजिम शकील अहमद ने जानकारी दी कि कोरोना वायरस के कारण राज्य के समस्त धार्मिक स्थल बंद हैं. ऐसे में 1 अगस्त को दरगाह शरीफ में पढ़ी जाने वाली ईद की सामूहिक नमाज दरगाह शरीफ स्थित मस्जिदों में अदा नहीं कि जाएगी.