अजमेर. संभागीय आयुक्त डॉक्टर आरुषि मलिक ने संभाग के चारों जिलों के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए हैं कि राज्य सरकार की मंशा के अनुसार मृत्यु भोज पर पाबंदी लगाई जाए वहीं इसके लिए समझा ईश्वर शक्ति से काम दिया जाए, जिलों में कानून और शांति व्यवस्था के लिए खतरा बनने वाले मुद्दों को पहले से ही चयनित कर लिया जाए ताकि समय रहते ही सुधार किया जा सके.
संभागीय आयुक्त डॉ. आरुषि मलिक ने गुरुवार को अजमेर के संभाग के चारों जिलों की कानून और शांति व्यवस्था की समीक्षा की. वहीं उन्होंने जिला बार चर्चा करते हुए कहा कि जिलों में कानून और शांति व्यवस्था से जुड़े मुद्दों को चिन्हित कर योजनाबद्ध काम किया जाए. वहीं उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मृत्यु भोज के खिलाफ संकल्पित होकर कार्य कर रही है. प्रशासन और पुलिस गांवों और शहरों में मृत्यु भोज पर रोक के लिए मिलकर काम करें. वहीं लोगों से समझाइश की जाए और फिर भी कोई ना माने तो उसके खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जाए.
संभागीय आयुक्त डॉ. मालिक एवं पुलिस महा निरीक्षक हवा सिंह घुमरिया ने निर्देश दिए कि अवैध बजरी खनन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. बजरी माफिया की कमर तोड़ने के लिए लगातार कार्यवाही की जाए. वहीं प्रशासन पुलिस और खनन विभाग गंभीरता से कार्रवाई करें. उन्होंने कहा कि आईपीसी स्थानीय और विशिष्ट अधिनियम महिला अत्याचार अनुसूचित जाति और जनजाति एक्ट से जुड़े मामलों में गंभीरता से कार्रवाई की जाए. पुलिस और प्रशासन भविष्य में कानून और शांति व्यवस्था के लिए खतरा बनने वाले मुद्दों को पहचान कर कार्रवाई करें. जिला स्तर पर शांति समिति की बैठक लगातार की जाए, ताकि समन्वय बना रहे.
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उन्होंने सड़क दुर्घटना पर रोक के लिए काम करने महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अत्याचारों की रोकथाम मिलावट के विरुद्ध अभियान तथा डीएफएमटी योजना के तहत कार्यों की भी समीक्षा की जाए. वहीं बैठक में जिला कलेक्टर अजमेर प्रकाश राजपुरोहित, भीलवाड़ा शिव प्रकाश नवाते, टोंक गौरव अग्रवाल, नागौर जितेंद्र सोनी पुलिस अधीक्षक अजमेर कुंवर राष्ट्रदीप सहित नागौर और भीलवाड़ा के पुलिस अधीक्षक और अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे.