अजमेर. सीएम अशोक गहलोत की गुरुवार को हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सख्ती का असर अब धरातल पर नजर आने लगा है. शुक्रवार को अजमेर जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा ने संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान कई चिकित्सक और मेडिकल स्टाफ ड्यूटी से नदारद पाए गए. वहीं डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर और वेयरहाउस में भी दवाइयों की उपलब्धता कम मिली.
कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा ने जेएलएन अस्पताल में औचक निरीक्षण के दौरान चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ के हाजिरी रजिस्टर को खंगाला. उन्होंने उपस्थित और अनुपस्थित चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ के बारे में जानकारी जुटाई. जिसमें सामने आया, कि 44 चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ ड्यूटी से नदारद थे. इनमें से 2 ने मेडिकल लीव ले रखी थी. ड्यूटी से नदारद चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ को नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगा गया है. इसके बाद कलेक्टर ने दवाइयों के डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर और वेयरहाउस में जाकर निरीक्षण किया. इस निरीक्षण के दौरान कई अनियमितताएं सामने आईं. इसको लेकर कलेक्टर ने केंद्र संचालक को जमकर लताड़ लगाई.
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कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं, कि राज्य सरकार से स्वीकृत सभी दवाइयों की उपलब्धता सेंटर पर होनी चाहिए. दवाइयों के लिए मरीजों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए. कलेक्टर ने अस्पताल अधीक्षक डॉ. अनिल जैन सहित सभी विभागाध्यक्षों को कहा है, कि अस्पताल में आने वाले मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं, नि:शुल्क जांच और दवा मिले. जिससे उन्हें परेशान होकर इधर-उधर भटकना ना पड़े.
कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा ने बताया, कि औचक निरीक्षण के दौरान दवा के केंद्र पर 90 से ज्यादा दवाई नहीं मिली है. इसको लेकर सेंटर संचालक से जवाब मांगा गया है. अस्पताल प्रशासन से बातचीत कर मरीजों की सुविधाओं को लेकर जो भी खामियां है, उनका प्रतिवेदन तैयार कर रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है. क्लेक्टर ने सख्त रवैया अपनाते हुए अस्पताल में मरीजों को बाहर की दवा खरीदने के लिए मजबूर करने वाले चिकित्सकों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.