अजमेर. नागौर नगर परिषद में शहरी वितरण जल प्रदाय योजना में ऑडिटर और जेईएन को नागौर एसीबी ने अजमेर एसीबी कोर्ट में गुरुवार में पेश किया है. दोनों आरोपियों को नागौर एसीबी ने बुधवार को 1 लाख 25 हजार की (Rs 1.25 lakh bribery case ) रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. आरोपियों को एसीबी कोर्ट ने 16 मार्च तक न्यायिक अभिरक्षा में भेजा है.
सहायक निदेशक अभियोजन सत्यनारायण चितारा ने बताया कि बुधवार को नागौर नगर परिषद में वितरण जल प्रदाय योजना में ऑडिटर नंद किशोर भाटी और कनिष्ठ अभियंता ( जेईएन ) मानक चंद सांखला को 1 लाख 25 हजार 400 रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया था. नागौर एसीबी ने दोनों आरोपियों को गुरुवार को अजमेर एसीबी कोर्ट में पेश किया है. चितारा ने बताया कि दोनों आरोपियों को अजमेर एसीबी कोर्ट ने 16 मार्च तक न्यायिक अभिरक्षा में भेजा है. परिवादी ठेकेदार तेजाराम प्रजापत की फर्म मैसर्स एमआरटी इंफ्रा की धरोहर की 7 लाख रुपए राशि का भुगतान करने की एवज में कनिष्ठ अभियंता माणक चंद सांखला ने 1 लाख रुपये की राशि परिवादी से मांगी थी.
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जबकि परिवादी तेजाराम की फर्म के जनवरी और फरवरी माह के बिलों का भुगतान करने की एवज में ऑडिटर नंदकिशोर भाटी ने 25 हजार 400 रुपए की डिमांड की थी. रिश्वत की राशि के लिए ऑडिटर और जेईएन ठेकेदार को परेशान कर रहे थे. परिवादी ने एसीबी को शिकायत दी थी. नागौर एसीबी ने बुधवार को कार्यालय पर ही दोनों को परिवादी से रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. प्रकरण में तीसरे व्यक्ति की भूमिका को लेकर एसीबी की ओर से अनुसंधान किया जा रहा है.