अजमेर. मोहर्रम की 7 तारीख को हजरत कासिम की याद में मेहंदी की रस्म को वादा किया गया है. इस दौरान विभिन्न मोहल्लों से अकीदत मन मेहंदी को सजा कर लाए गए और ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह स्थित मकबरे में रखे मुख्य ताजिया शरीफ पर मेहंदी लगाकर खुशहाल जीवन की कामना की गई है.
मेहंदी पेश करने का सिलसिला देर रात से ही शुरू हो चुका है, जो जारी रहेगा. वहीं कोरोना संक्रमण के चलते इस बार मेहंदी का जुलूस नहीं निकाला जा सका. दी सोसायटी पंचायत अंदर कोटियन की ओर से जुलूस नहीं निकाला जा रहा है. केवल बस रस्मो को ही अदा किया जा रहा है. वहीं शुक्रवार को ताजिया शरीफ का जुलूस भी नहीं निकाला जाएगा.
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अंजुमन की ओर से बनवाए गए मुख्य ताजिये शरीफ की सवारी मोहर्रम की 8 तारीख को शुरू होती है, लेकिन इस बार इसकी इजाजत नहीं दी गई है. अंजुमन सैयद जादगान के सचिव वाहिद हुसैन अगारा के अनुसार हर साल मोहर्रम की 8 तारीख को ताजिया शरीफ को निजाम गेट पर रखा जाता है, जिसके बाद रात 10 बजे सवारी शुरू होती है, लेकिन इस बार जुलूस की इजाजत नहीं मिली है.