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टंकी निर्माण में गुणवत्ता जांच के लिए लिया क्यूब सैंपल जांच में फेल, जलदाय विभाग अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप

राजधानी के सीकर रोड पर जलदाय विभाग की ओर से बनाई जा रही निर्माणाधीन टंकी का अफसरों द्वारा क्यूब सैंपल लिया गया तो जांच में वह नमूना फेल हो गया. वहीं इसके बावजूद भी टंकी का निर्माण 70 फीसदी तक पूरा हो चुका है. ऐसे में अफसरों की लापरवाही साफ तौर पर नजर आ रही है.

paani ki tanki, पानी की टंकी की गुणवत्ता जांच
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Published : Nov 2, 2019, 12:24 PM IST

जयपुर. शहर के सीकर रोड पर जलदाय विभाग की ओर से बनाई जा रही पानी की टंकी के निर्माण में अफसरों की लापरवाही देखने को मिली है. इस टंकी के निर्माण के दौरान उसकी गुणवत्ता जांच के लिए अफसरों ने नमूना लिया था, लेकिन वह नमूना फेल हो गया है, इसके बावजूद भी टंकी का निर्माण 70 फीसदी तक पूरा हो चुका है.

टंकी निर्माण में गुणवत्ता जांच के लिए लिया क्यूब सैंपल जांच में फेल

बता दें कि सीकर रोड पर ढेहर का बालाजी मंदिर के सामने जलदाय विभाग एक पानी की टंकी का निर्माण करा रहा है. यह टंकी 12 लाख 50 हजार लीटर क्षमता की है. इसका निर्माण मार्च 2018 में शुरू किया गया था. इस पानी की टंकी का निर्माण का ठेका मैसर्स घासीराम गोयल को दिया गया था. बाद में इस कंपनी ने अपना नाम बदल कर जीआरजी इंफ्रा कर लिया. यह टंकी अधिशासी अभियंता पवन गोयल की देखरेख में बन रही हैं.

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इस निर्माणाधीन टंकी का क्यूब सैंपल लिया गया तो जांच में वह नमूना फेल हो गया. जब इस बारे में अधिशासी अभियंता पवन गोयल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें गुणवत्ता जांच की रिपोर्ट 2 अक्टूबर को फोन से मिली थी और उसके बाद से ही पानी की टंकी का काम रुकवा दिया गया है. ओरिजिनल रिपोर्ट डाक के जरिए उन्हें 31 अक्टूबर को मिली है. उन्होंने कहा कि सैंपल की जांच सेंट्रल गवर्नमेंट की लैब में कराई गई है. जिसमें सैंपल फेल हो गया. अब एमएनआईटी की लैब में सैंपल भेजा गया है. हालांकि एमएनआईटी की प्राइमरी रिपोर्ट आ चुकी है, लेकिन उस रिपोर्ट में भी कोई निष्कर्ष नही निकला.

अब एमएनआईटी को वापस निष्कर्ष निकालने वाली रिपोर्ट देने का कहा गया है. जिससे टंकी के बारे में निर्णय किया जा सके. टंकी निर्माण में फाउंडेशन तक क्यूब टेस्ट सैंपल पास हुए, लेकिन टंकी के डोम निर्माण में क्यूब टेस्ट में नमूने फेल हो गए. यह पानी की टंकी 199 लाख रुपए से बनाई जानी है. इसकी क्षमता 12 लाख 50 हजर लीटर है और इससे ढेहर का बालाजी से लेकर पथ नंबर 6 तक करीब 15 कॉलोनियों को पानी सप्लाई किया जाना था और इस पानी से 20 से 25 हजार की आबादी को बीसलपुर का पानी मिलना था.

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सीकर रोड पर बन रही इस टंकी के आसपास आबादी क्षेत्र भी है. यहां आस-पास दुकानें और घर बने हुए हैं. जहां काफी संख्या में लोग निवास करते हैं. ऐसे में अगर कोई हादसा होगा तो बड़े नुकसान का अंदेशा है. विभाग का कहना है कि एमएनआईटी से जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इस टंकी के बारे में आगे का निर्णय किया जाएगा.

जयपुर. शहर के सीकर रोड पर जलदाय विभाग की ओर से बनाई जा रही पानी की टंकी के निर्माण में अफसरों की लापरवाही देखने को मिली है. इस टंकी के निर्माण के दौरान उसकी गुणवत्ता जांच के लिए अफसरों ने नमूना लिया था, लेकिन वह नमूना फेल हो गया है, इसके बावजूद भी टंकी का निर्माण 70 फीसदी तक पूरा हो चुका है.

टंकी निर्माण में गुणवत्ता जांच के लिए लिया क्यूब सैंपल जांच में फेल

बता दें कि सीकर रोड पर ढेहर का बालाजी मंदिर के सामने जलदाय विभाग एक पानी की टंकी का निर्माण करा रहा है. यह टंकी 12 लाख 50 हजार लीटर क्षमता की है. इसका निर्माण मार्च 2018 में शुरू किया गया था. इस पानी की टंकी का निर्माण का ठेका मैसर्स घासीराम गोयल को दिया गया था. बाद में इस कंपनी ने अपना नाम बदल कर जीआरजी इंफ्रा कर लिया. यह टंकी अधिशासी अभियंता पवन गोयल की देखरेख में बन रही हैं.

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इस निर्माणाधीन टंकी का क्यूब सैंपल लिया गया तो जांच में वह नमूना फेल हो गया. जब इस बारे में अधिशासी अभियंता पवन गोयल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें गुणवत्ता जांच की रिपोर्ट 2 अक्टूबर को फोन से मिली थी और उसके बाद से ही पानी की टंकी का काम रुकवा दिया गया है. ओरिजिनल रिपोर्ट डाक के जरिए उन्हें 31 अक्टूबर को मिली है. उन्होंने कहा कि सैंपल की जांच सेंट्रल गवर्नमेंट की लैब में कराई गई है. जिसमें सैंपल फेल हो गया. अब एमएनआईटी की लैब में सैंपल भेजा गया है. हालांकि एमएनआईटी की प्राइमरी रिपोर्ट आ चुकी है, लेकिन उस रिपोर्ट में भी कोई निष्कर्ष नही निकला.

अब एमएनआईटी को वापस निष्कर्ष निकालने वाली रिपोर्ट देने का कहा गया है. जिससे टंकी के बारे में निर्णय किया जा सके. टंकी निर्माण में फाउंडेशन तक क्यूब टेस्ट सैंपल पास हुए, लेकिन टंकी के डोम निर्माण में क्यूब टेस्ट में नमूने फेल हो गए. यह पानी की टंकी 199 लाख रुपए से बनाई जानी है. इसकी क्षमता 12 लाख 50 हजर लीटर है और इससे ढेहर का बालाजी से लेकर पथ नंबर 6 तक करीब 15 कॉलोनियों को पानी सप्लाई किया जाना था और इस पानी से 20 से 25 हजार की आबादी को बीसलपुर का पानी मिलना था.

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सीकर रोड पर बन रही इस टंकी के आसपास आबादी क्षेत्र भी है. यहां आस-पास दुकानें और घर बने हुए हैं. जहां काफी संख्या में लोग निवास करते हैं. ऐसे में अगर कोई हादसा होगा तो बड़े नुकसान का अंदेशा है. विभाग का कहना है कि एमएनआईटी से जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इस टंकी के बारे में आगे का निर्णय किया जाएगा.

Intro:जयपुर। जयपुर के सीकर रोड पर जलदाय विभाग की पानी की टंकी के निर्माण में अफसरों की एक लापरवाही उजागर हुई है। टंकी निर्माण के दौरान उसकी गुणवत्ता जांच के लिए लिया गया नमूना फेल हो गया है इसके बावजूद भी टंकी का निर्माण 70 फीसदी तक पूरा हो चुका है।


Body:सीकर रोड पर ढेहर का बालाजी मंदिर के सामने जलदाय विभाग एक पानी की टंकी का निर्माण करा रहा है यह टंकी 12 लाख 50 हजार लीटर की है। इसका निर्माण मार्च 2018 में शुरू किया गया था इस पानी की टंकी का निर्माण का ठेका मैसर्स घासीराम गोयल को दिया गया। बाद में इस कंपनी ने अपना नाम बदल कर जीआरजी इंफ़्रा कर लिया।
यह टंकी अधिशासी अभियंता पवन गोयल की देखरेख में बन रही थी इस निर्माणाधीन टंकी का क्यूब सैंपल लिया गया तो जांच में वह नमूना फेल हो गया। इस पानी की टंकी के निर्माण में जलदाय विभाग के अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है जब इस बारे में अधिशासी अभियंता पवन गोयल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें गुणवत्ता जांच की रिपोर्ट 2 अक्टूबर को फोन से मिली थी और उसके बाद से ही पानी की टंकी का काम रुकवा दिया गया। ओरिजिनल रिपोर्ट डाक के जरिए उन्हें 31 अक्टूबर को मिली है। उन्होंने कहा कि सैंपल की जांच सेंट्रल गवर्नमेंट की लैब में कराया गया जिसमें सैंपल फेल हो गया अब एमएनआईटी की लैब में सैंपल भेजा गया है हालांकि एमएनआईटी की प्राइमरी रिपोर्ट आ चुकी है लेकिन उस रिपोर्ट में भी कोई निष्कर्ष नही निकला। अब एमएनआईटी को वापस निष्कर्ष निकालने वाली रिपोर्ट देने का कहा गया है। ताकि टंकी के बारे में निर्णय किया जाए। टंकी निर्माण में फाउंडेशन तक क्यूब टेस्ट सैंपल पास हुए लेकिन टंकी के डोम निर्माण में क्यूब टेस्ट में नमूने फेल हो गए।
अधिकारियों पर इस बात का आरोप लगाया गया था कि जांच रिपोर्ट आने के बाद भी वह जांच रिपोर्ट को दबाकर बैठे रहे और उच्च अधिकारियों को इस रिपोर्ट के बारे में नहीं बताया गया। लेकिन अधिशासी अभियंता ने इस बात से इनकार कर दिया। अधिशासी अभियंता पवन गोयल ने कहा कि वे नियमित रूप से टंकी के निरीक्षण के लिए जाते थे।
यह पानी की टंकी 199 लाख रुपए से बनाई जानी है इसकी क्षमता 12 लाख 50 हजर लीटर है और इससे ढेहर का बालाजी से लेकर पथ नंबर 6 तक करीब 15 कॉलोनियों को पानी सप्लाई किया जाना था और इस पानी से 20 से 25 हजार की आबादी को बीसलपुर का पानी मिलना था।

सीकर रोड पर बन रही इस टंकी के आसपास आबादी क्षेत्र भी है यहां आस-पास दुकानें और घर बने हुए हैं जहां काफी संख्या में लोग निवास करते हैं। यदि कोई हादसा होगा तो बड़े नुकसान का अंदेशा भी है। विभाग का कहना है कि एमएनआईटी से जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इस टंकी के बारे में आगे निर्णय किया जाएगा।


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