बांसवाड़ा. जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ नियंत्रण एवं आपदा राहत अनुभाग में बतौर स्वयं सेवक 50 पदों के लिए विज्ञप्ति जारी की गई. 3 वर्ष के लिए यह पद नियुक्ति नहीं बल्कि मनोनयन से भरे जाने हैं. इसके अलावा ड्यूटी भी रोस्टर आधारित है. इसके बावजूद आदिवासी बहुल बांसवाड़ा में आवेदकों की लंबी कतारें बेरोजगारी की तस्वीर को उजागर करती है.
स्वयंसेवक पद पर मनोनयन के लिए आवेदन की बुधवार को अंतिम तिथि थी. इसके चलते सुबह से ही आवेदन पत्र भरने वालों की कलेक्ट्रेट में आपदा राहत विभाग के बाहर लंबी कतारें लगी थी. बेरोजगारों की कतार जिला कलेक्टर कंपाउंड से भी आगे निकल गई थी. लंबी कतार में 10वीं, 12वीं से लेकर B.A. और M.A. तक शिक्षित युवा भी शामिल थे. स्वयंसेवक के 50 पदों में 15 पद महिलाओं के लिए आरक्षित है. विभाग के पास कुल 1 हजार 209 आवेदन पत्र पहुंचे. जिनमें महिला वर्ग से 147 आवेदन पत्र शामिल है. इस भर्ती का आश्चर्यजनक पहलू यह है कि स्वयंसेवक के पदों पर स्थायी नियुक्ति ना होकर 3 वर्ष के लिए मनोनयन किया जाना है. इसके अलावा ड्यूटी फिक्स ना होकर रोस्टर प्रणाली के आधार पर किए जाने का प्रावधान है.
स्थायी पद नहीं होने के बाद भी इन पदों के लिए युवाओं का कतारबद्ध होना बेरोजगारी की तस्वीर को सामने लाता है. आवेदन करने वालों में बड़ी संख्या में स्नातक और स्नातकोत्तर तक शिक्षित युवा शामिल है. चीफ वार्डन नागरिक सुरक्षा सीईओ स्काउट दीपेश शर्मा के अनुसार आवेदन प्रक्रिया बुधवार को पूरी हो गई. अब अगले महीने के प्रथम सप्ताह में चयन प्रक्रिया शुरू होगी. पदों के मुकाबले आवेदकों की संख्या अधिक होने के कारण शैक्षणिक और सह शैक्षणिक योग्यता के आधार पर आवेदन पत्रों की छंटनी की जाएगी और उसी आधार पर चयन प्रक्रिया होगी.