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जयपुर में मजबूरी पर भारी पानी टैंकर चालक की मनमानी...संभागीय आयुक्त की तय रेट से ज्यादा वसूल रहे पैसे

प्रदेश की राजधानी जयपुर में पानी का संकट गहराया हुआ है. सरकारी पेयजल आपूर्ति लोगों तक समय पर नहीं पहुंच पा रही है. ऐसे में इसका पूरा फायदा प्राइवेट टैंकर चालक उठा रहे हैं. जिसके चलते टैंकर चालक मनमानी रकम वसूल रहे हैं. ऐसे में आमेर में रहने वाले स्थानीय लोगों की हालत क्या है ये वो खुद अपनी जुबानी बयां कर रहे हैं.

जयपुर में पानी टैंकर चालक तय रेट से ज्यादा वसूल रहे
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Published : Jun 20, 2019, 9:35 PM IST

जयपुर. गर्मी के मौसम में शहर की पेयजल आपूर्ति पहले से भी ज्यादा ठप हो गई है. जिससे चारों तरफ पानी के लिए मारामारी चल रही है. कहने को तो जलदाय विभाग की ओर से पानी के टैंकरों की सप्लाई तो की जा रही है. लेकिन, लोगों को सरकारी टैंकरों से भी पानी नहीं मिल पा रहा है. कई क्षेत्रों में तो पीने के लिए एक बाल्टी भी नसीब नहीं हो रही. मजबूरन लोगों को प्राइवेट टैंकरों से पानी मंगवाना पड़ रहा है. ऐसे में पानी के इस संकट में लोगों की मजबूरी का फायदा प्राइवेट टैंकर वाले उठा रहे हैं.

जयपुर में पानी टैंकर चालक तय रेट से ज्यादा वसूल रहे

संभागीय आयुक्त की टैंकर रेट को ठेंगा दिखा रहे प्राइवेट टैंकर चालक
प्राइवेट टैंकर चालक गर्मी में पानी की समस्या और लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर 200 से 500 रुपए प्रति टैंकर वसूल रहे हैं. पानी की इस मजबूरी में गरीब आदमी की जेब कट रही है. जबकि संभागीय आयुक्त ने जयपुर शहर में प्राइवेट पेयजल टैंकरों की दरें निर्धारित की थी. संभागीय आयुक्त ने टैंकरों की दरें 5 किलोमीटर तक प्रति टैंकर कीमत 180 रुपए, 5 से 10 किलोमीटर तक प्रति टैंकर 232 रुपए, 10 से 15 किलोमीटर तक प्रति टैंकर 296 रुपए और 15 से 20 किलोमीटर तक 300 रुपए निर्धारित की थी. दरें निर्धारित करने के बावजूद भी प्राइवेट टैंकर चालक संभागीय आयुक्त के आदेश की पालना नहीं कर रहे हैं और पहले की तरह तय की गई दरों से ज्यादा राशि वसूल रहे हैं.

मजबूरी पर भारी...प्राइवेंट टैंकर चालकों की मनमानी
उधर, लोगों ने बताया कि गर्मी के चलते पानी की समस्या भी ज्यादा बढ़ गई है. सरकारी टैंकर भी समय पर नहीं मिल रहा. कई क्षेत्रों में तो महीने में एक ही टैंकर पहुंचता है. जिससे लोगों की एक-एक बाल्टी भी नहीं भर पाती हैं. वहीं मजबूरी में प्राइवेट टैंकर मंगवाने पढ़ते हैं. जो कि 200 से 500 रुपये तक वसूलते हैं. जलदाय विभाग के अधिकारियों को शिकायत करने के बाद भी कोई समाधान नहीं हो रहा. वहीं आमेर वासियों ने बताया कि क्षेत्र में कई महीनों से पानी की किल्लत हो रही है. सरकारी टैंकर भी नहीं आते और जब शिकायत करने के लिए जलदाय विभाग के कार्यालय पर पहुंचते हैं. तो वहां पर कोई अधिकारी भी नहीं मिलते हैं. फोन करने पर भी अधिकारी नहीं सुनते. आमेर पीएचईडी कार्यालय में जेईएन की कुर्सी हमेशा खाली ही नजर आती है.

जयपुर. गर्मी के मौसम में शहर की पेयजल आपूर्ति पहले से भी ज्यादा ठप हो गई है. जिससे चारों तरफ पानी के लिए मारामारी चल रही है. कहने को तो जलदाय विभाग की ओर से पानी के टैंकरों की सप्लाई तो की जा रही है. लेकिन, लोगों को सरकारी टैंकरों से भी पानी नहीं मिल पा रहा है. कई क्षेत्रों में तो पीने के लिए एक बाल्टी भी नसीब नहीं हो रही. मजबूरन लोगों को प्राइवेट टैंकरों से पानी मंगवाना पड़ रहा है. ऐसे में पानी के इस संकट में लोगों की मजबूरी का फायदा प्राइवेट टैंकर वाले उठा रहे हैं.

जयपुर में पानी टैंकर चालक तय रेट से ज्यादा वसूल रहे

संभागीय आयुक्त की टैंकर रेट को ठेंगा दिखा रहे प्राइवेट टैंकर चालक
प्राइवेट टैंकर चालक गर्मी में पानी की समस्या और लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर 200 से 500 रुपए प्रति टैंकर वसूल रहे हैं. पानी की इस मजबूरी में गरीब आदमी की जेब कट रही है. जबकि संभागीय आयुक्त ने जयपुर शहर में प्राइवेट पेयजल टैंकरों की दरें निर्धारित की थी. संभागीय आयुक्त ने टैंकरों की दरें 5 किलोमीटर तक प्रति टैंकर कीमत 180 रुपए, 5 से 10 किलोमीटर तक प्रति टैंकर 232 रुपए, 10 से 15 किलोमीटर तक प्रति टैंकर 296 रुपए और 15 से 20 किलोमीटर तक 300 रुपए निर्धारित की थी. दरें निर्धारित करने के बावजूद भी प्राइवेट टैंकर चालक संभागीय आयुक्त के आदेश की पालना नहीं कर रहे हैं और पहले की तरह तय की गई दरों से ज्यादा राशि वसूल रहे हैं.

मजबूरी पर भारी...प्राइवेंट टैंकर चालकों की मनमानी
उधर, लोगों ने बताया कि गर्मी के चलते पानी की समस्या भी ज्यादा बढ़ गई है. सरकारी टैंकर भी समय पर नहीं मिल रहा. कई क्षेत्रों में तो महीने में एक ही टैंकर पहुंचता है. जिससे लोगों की एक-एक बाल्टी भी नहीं भर पाती हैं. वहीं मजबूरी में प्राइवेट टैंकर मंगवाने पढ़ते हैं. जो कि 200 से 500 रुपये तक वसूलते हैं. जलदाय विभाग के अधिकारियों को शिकायत करने के बाद भी कोई समाधान नहीं हो रहा. वहीं आमेर वासियों ने बताया कि क्षेत्र में कई महीनों से पानी की किल्लत हो रही है. सरकारी टैंकर भी नहीं आते और जब शिकायत करने के लिए जलदाय विभाग के कार्यालय पर पहुंचते हैं. तो वहां पर कोई अधिकारी भी नहीं मिलते हैं. फोन करने पर भी अधिकारी नहीं सुनते. आमेर पीएचईडी कार्यालय में जेईएन की कुर्सी हमेशा खाली ही नजर आती है.

Intro:जयपुर
एंकर- राजधानी जयपुर में पानी का संकट गहराया हुआ है सरकारी पेयजल आपूर्ति लोगों तक समय पर नहीं पहुंच पा रही है। जिसका पूरा फायदा प्राइवेट टैंकर चालक उठा रहे हैं।


Body:गर्मी के मौसम में शहर की पेयजल आपूर्ति पहले से भी ज्यादा ठप हो गई है। जिससे चारों तरफ पानी के लिए मारामारी चल रही है। कहने को तो जलदाय विभाग की ओर से पानी के टैंकरों की सप्लाई तो की जा रही है। लेकिन लोगों को सरकारी टैंकरों से भी पानी नहीं मिल पा रहा है। कई क्षेत्रों में तो पीने के लिए एक बाल्टी भी नसीब नहीं हो रही। मजबूरन लोगों को प्राइवेट टैंकरों से पानी मंगवाना पड़ रहा है। और पानी के इस संकट में लोगों की मजबूरी का फायदा प्राइवेट टैंकर वाले उठा रहे हैं। प्राइवेट टैंकर चालक गर्मी में पानी की समस्या और लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर 200 से 500 रुपये प्रति टैंकर वसूल रहे हैं। पानी की इस मजबूरी में गरीब आदमी की जेब कट रही है। जबकि संभागीय आयुक्त ने जयपुर शहर में प्राइवेट पेयजल टैंकरों की दरें निर्धारित की थी। संभागीय आयुक्त ने टैंकरों की दरें 5 किलोमीटर तक प्रति टैंकर कीमत 180 रुपये, 5 से 10 किलोमीटर तक प्रति टेंकर 232 रुपये, 10 से 15 किलोमीटर तक प्रति टेंकर 296 रुपये और 15 से 20 किलोमीटर तक 300 रुपये निर्धारित की थी। दरें निर्धारित करने के बावजूद भी प्राइवेट टैंकर चालक संभागीय आयुक्त के आदेश की पालना नहीं कर रहे हैं। और पहले की तरह तय की गई दरों से ज्यादा राशि वसूल रहे हैं।
लोगों ने बताया कि गर्मी के चलते पानी की समस्या भी ज्यादा बढ़ गई है। सरकारी टैंकर भी समय पर नहीं मिल रहा। कई क्षेत्रों में तो महीने में एक ही टैंकर पहुंचता है। जिससे लोगों की एक-एक बाल्टी भी नहीं भर पाती है। वही मजबूरी में प्राइवेट टैंकर मंगवाने पढ़ते हैं। जो कि 200 से 500 रुपये तक वसूलते हैं। जलदाय विभाग के अधिकारियों को शिकायत करने के बाद भी कोई समाधान नहीं हो रहा। वहीं आमेर वासियो ने बताया कि क्षेत्र में कई महीनों से पानी की किल्लत हो रही है। सरकारी टैंकर भी नहीं आते और जब शिकायत करने के लिए जलदाय विभाग के कार्यालय पर पहुंचते हैं तो वहां पर कोई अधिकारी भी नहीं मिलते हैं। फोन करने पर भी अधिकारी नहीं सुनते। आमेर पीएचईडी कार्यालय में जेईएन की कुर्सी हमेशा खाली ही नजर आती है।
अब लोगों की इस समस्या पर प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत है।

बाईट- भागचंद
बाईट- अफजल खान
बाईट- राधाकृष्ण
बाईट- विजेंद्र कुमार









Conclusion:
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