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जयपुर एयरपोर्ट पर 5000 यात्रियों की कोरोना रिपोर्ट की जांच के लिए महज 4 कर्मचारी

कोरोना के बढ़ते केस को देखते हुए राजस्थान सरकार ने दूसरे प्रदेश से आने वाले लोगों को कोरोना की नेगेटिव जांच लाना अनिवार्य कर दिया है. वहीं जयपुर एयरपोर्ट पर कोरोना रिपोर्ट देखना संभव नहीं हो पा रहा है. जयपुर एयरपोर्ट पर रोजाना बाहरी राज्यों से 5000 तक यात्री आते हैं, जबकि जांच के लिए चिकित्सा विभाग के 4  कर्मचारी ही मौजूद हैं.

Jaipur Airport, investigating corona report
जयपुर एयरपोर्ट पर 4 कर्मचारी ही कर रहे हैं 5000 यात्रियों की कोरोना रिपोर्ट की जांच
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Published : Mar 26, 2021, 7:14 PM IST

जयपुर. कोरोना के बढ़ते केस को देखते हुए राजस्थान सरकार के द्वारा प्रदेश के अंतर्गत आने वाले लोगों को कोरोना की नेगेटिव जांच लाना अनिवार्य कर दिया है. बता दें कि एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशनों और बस अड्डे पर जो भी व्यक्ति बाहरी प्रदेश से आ रहे हैं. उनकी कोरोना की जांच नेगेटिव आने पर ही उन्हें उनके घर जाने दिया जा रहा है. ऐसे में यदि कोई व्यक्ति अपनी जांच लेकर नहीं आता है, तो उसे क्वॉरेंटाइन भी किया जा रहा है. जयपुर एयरपोर्ट की बात की जाए तो जयपुर एयरपोर्ट पर भी चिकित्सा विभाग के एक कर्मचारी मौजूद है और इसके साथ ही जो भी व्यक्ति जयपुर एयरपोर्ट पर आ रहा है. उसकी कोरोना वायरस की रिपोर्ट भी देखी जा रही है. हालांकि जयपुर एयरपोर्ट पर यात्रियों को लेकर थोड़ी दिलाई भी देखने को मिल रही है.

यह भी पढ़ें- भारत बंद को कांग्रेस का सांकेतिक समर्थन, सक्रिय रूप से कांग्रेस नहीं होगी शामिल

बता दें कि राजस्थान सरकार के द्वारा यात्रा समय के अधिकतम 72 घंटे पूर्व करवाई रिपोर्ट ही मान्य की जा रही है. जयपुर एयरपोर्ट पर सभी यात्रियों की चेकिंग नहीं हो पा रही है. एक फ्लाइट में से कुछ यात्रियों को अचानक रोककर उनकी रिपोर्ट भी देखी जा रही है, जिनके पास रिपोर्ट नहीं होने पर उनके मौके पर ही सैंपल लिए जा रहे हैं और घर पर क्वॉरेंटाइन रहने की हिदायत के साथ उन्हें जयपुर एयरपोर्ट से उनके घर के लिए भी भेजा जा रहा है.

बता दें कि जयपुर एयरपोर्ट से दूसरे राज्यों से रोजाना 43 फ्लाइट का आवागमन भी होता है. जिनके अंतर्गत करीब 4800 से 5000 यात्री जयपुर एयरपोर्ट पर आते हैं, लेकिन मेडिकल स्टाफ की कमी के चलते एक साथ इतने यात्रियों की जांच कर पाना ना ही जयपुर एयरपोर्ट के लिए मुमकिन है और ना ही चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के लिए. बता दें कि इस समय जयपुर एयरपोर्ट पर चिकित्सा विभाग की केवल 4 अधिकारी ही मौजूद है. ऐसे में चार अधिकारियों के लिए सभी की रिपोर्ट जांच पाना काफी मुश्किल भी है.

यह भी पढ़ें- किसानों के भारत बंद आंदोलन से रेल सेवा प्रभावित, जानें कौन-कौन रूट रहेगा बाधित

जयपुर एयरपोर्ट पर सुबह के समय बड़ी संख्या में यात्रियों की भीड़ रहती है. ऐसे में सबो की कोरोना की रिपोर्ट जांच पाना संभव नहीं हो पा रहा है. प्रत्येक फ्लाइट से कुछ यात्री की रिपोर्ट की जांच की जा रही है. सही ढंग से रिपोर्ट नहीं जांचने से एक बार फिर प्रदेश में परेशानी भी बढ़ सकती है. ऐसे में सही रिपोर्ट नहीं जांचने के चलते प्रदेश में कोविड-19 बारा बढ़ने की आशंका भी जताई जा रही है. बता दें कि जयपुर एयरपोर्ट पर यात्रियों की जांच के लिए करीब 1 दर्जन से अधिक चिकित्सा विभाग के कर्मचारियों की आवश्यकता है.

जयपुर. कोरोना के बढ़ते केस को देखते हुए राजस्थान सरकार के द्वारा प्रदेश के अंतर्गत आने वाले लोगों को कोरोना की नेगेटिव जांच लाना अनिवार्य कर दिया है. बता दें कि एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशनों और बस अड्डे पर जो भी व्यक्ति बाहरी प्रदेश से आ रहे हैं. उनकी कोरोना की जांच नेगेटिव आने पर ही उन्हें उनके घर जाने दिया जा रहा है. ऐसे में यदि कोई व्यक्ति अपनी जांच लेकर नहीं आता है, तो उसे क्वॉरेंटाइन भी किया जा रहा है. जयपुर एयरपोर्ट की बात की जाए तो जयपुर एयरपोर्ट पर भी चिकित्सा विभाग के एक कर्मचारी मौजूद है और इसके साथ ही जो भी व्यक्ति जयपुर एयरपोर्ट पर आ रहा है. उसकी कोरोना वायरस की रिपोर्ट भी देखी जा रही है. हालांकि जयपुर एयरपोर्ट पर यात्रियों को लेकर थोड़ी दिलाई भी देखने को मिल रही है.

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बता दें कि राजस्थान सरकार के द्वारा यात्रा समय के अधिकतम 72 घंटे पूर्व करवाई रिपोर्ट ही मान्य की जा रही है. जयपुर एयरपोर्ट पर सभी यात्रियों की चेकिंग नहीं हो पा रही है. एक फ्लाइट में से कुछ यात्रियों को अचानक रोककर उनकी रिपोर्ट भी देखी जा रही है, जिनके पास रिपोर्ट नहीं होने पर उनके मौके पर ही सैंपल लिए जा रहे हैं और घर पर क्वॉरेंटाइन रहने की हिदायत के साथ उन्हें जयपुर एयरपोर्ट से उनके घर के लिए भी भेजा जा रहा है.

बता दें कि जयपुर एयरपोर्ट से दूसरे राज्यों से रोजाना 43 फ्लाइट का आवागमन भी होता है. जिनके अंतर्गत करीब 4800 से 5000 यात्री जयपुर एयरपोर्ट पर आते हैं, लेकिन मेडिकल स्टाफ की कमी के चलते एक साथ इतने यात्रियों की जांच कर पाना ना ही जयपुर एयरपोर्ट के लिए मुमकिन है और ना ही चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के लिए. बता दें कि इस समय जयपुर एयरपोर्ट पर चिकित्सा विभाग की केवल 4 अधिकारी ही मौजूद है. ऐसे में चार अधिकारियों के लिए सभी की रिपोर्ट जांच पाना काफी मुश्किल भी है.

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जयपुर एयरपोर्ट पर सुबह के समय बड़ी संख्या में यात्रियों की भीड़ रहती है. ऐसे में सबो की कोरोना की रिपोर्ट जांच पाना संभव नहीं हो पा रहा है. प्रत्येक फ्लाइट से कुछ यात्री की रिपोर्ट की जांच की जा रही है. सही ढंग से रिपोर्ट नहीं जांचने से एक बार फिर प्रदेश में परेशानी भी बढ़ सकती है. ऐसे में सही रिपोर्ट नहीं जांचने के चलते प्रदेश में कोविड-19 बारा बढ़ने की आशंका भी जताई जा रही है. बता दें कि जयपुर एयरपोर्ट पर यात्रियों की जांच के लिए करीब 1 दर्जन से अधिक चिकित्सा विभाग के कर्मचारियों की आवश्यकता है.

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