जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने वर्ष 1991 में नियुक्त हुए शिक्षाकर्मियों को पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ नहीं देने पर प्रमुख शिक्षा सचिव, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक और राजस्थान शिक्षाकर्मी बोर्ड सहित अन्य को नोटिस जारी किए हैं. न्यायाधीश अशोक कुमार गौड़ ने यह आदेश राजेंद्र व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में अधिवक्ता राम प्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ताओं को नवंबर 1991 में शिक्षाकर्मी नियुक्त किया गया था. वहीं वर्ष 1998 में उन्हें पदोन्नत कर वरिष्ठ शिक्षाकर्मी बना दिया गया. याचिका में कहा गया कि मार्च 2001 में विभाग ने उन पर पेंशन नियम लागू कर दिए.
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वहीं याचिकाकर्ताओं को वर्ष 2008 में प्रबोधक पद पर नियुक्त करते हुए पुरानी सेवा की गणना कर वेतन वृद्धि दे दी गई. इसके बावजूद अब विभाग उनकी नियुक्ति 2008 से मानते हुए उन पर वर्ष 2004 की अंशदाई पेंशन योजना लागू कर रहा है, जबकि उनकी नियुक्ति अंशदाई पेंशन योजना के आने से पहले ही हो गई थी.
याचिका में कहा गया है कि विभाग एक तरफ तो उनकी नियुक्ति पहले से मानते हुए उन्हें वेतन वृद्धि दे रहा है. वहीं दूसरी ओर पेंशन लागू करने में उनकी नियुक्ति वर्ष 2008 से मानी जा रही है. ऐसे में उन्हें पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ दिया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.