भीलवाड़ा. निर्जला एकादशी के महापर्व पर शहर की महिलाएं बिना खाए - पीये ग्यारस माता की पूजा कर रही है. साथ ही आने वाले अच्छे मानसून सहित परिवार की सुख-शांति की कामना कर रही है.
परिवार में सुख शांति और अच्छी बरसात की कामना को लेकर गुरूवार को महिलाओं ने निर्जला एकादशी का व्रत रखा. भीलवाड़ा शहर के एकमात्र जिला कलेक्टर कार्यालय के पास स्थित ग्यारस माता के मंदिर में सैकड़ों की संख्या में महिलाओं की भारी भीड़ उमड़ी. इस दौरान महिलाएं अपने घर से मिट्टी के कलश में पानी और फल लेकर आती है और मंदिर में माता को अर्पित कर के परिवार में सुख-शांति सहित आने वाले अच्छे मानसून की कामना करती है. महिलाएं पूरे दिनभर बिना पानी पियें यह व्रत रखकर शाम को तारा देखने के बाद पानी पीने के साथ ही कुछ फल खाकर व्रत को खोलती है.
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निर्जला एकादशी के अवसर पर शहर में दान पुण्य का दौर चल रहा है. जगह-जगह सेवादार सक्रिय होकर शीतल जल, पेय पदार्थ व ठंडाई का वितरण कर रहे. सुबह से ही सड़कों के आस पास बड़ी सख्या में पेय पदार्थ स्टॉल्स लगी है. छोटी काशी गुलाबीनगरी में भी निर्जला एकादशी के अवसर पर शहर में दान पुण्य का दौर चला.जगह जगह सेवादार सक्रिय होकर शीतल जल, पेय पदार्थ व ठंडाई का वितरण कर रहे.
भीषण गर्मी को देखते हुए भी सामाजिक संस्थाओं से जुड़े लोगों ने उचित व्यवस्था की है. तो वहीं बाजार में भी आमजन सेव की जमकर खरीदारी कर रहे है. जानकारों की माने तो शास्त्रो में निर्जला एकादशी का विशेष महत्व माना गया है. इस दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए निर्जला यानी कि बिना पानी के उपवास किया जाता है और पूजन के बाद हवन, दान पुण्य करने का विशेष महत्व है.