भरतपुर. कोरोना काल में प्रदेश में तेजी से फैले संक्रमण (Coronavirus) के चलते राज्य सरकार को लॉकडाउन लगाना पड़ा. लॉकडाउन (Lockdown In Rajasthan) के चलते जहां हर क्षेत्र का व्यवसाय प्रभावित हुआ, जबकि लॉकडाउन के दौरान राजस्थान रोडवेज बसों का संचालन करीब एक माह तक बंद रहा. ऐसे में भरतपुर और लोहागढ़ आगार (Bharatpur and Lohagad Agar) की करीब 200 बसों के पहिए थमे रहे. इससे दोनों आगारों को एक माह के दौरान करोड़ों रुपये का घाटा उठाना पड़ा.
हर दिन 15 हजार यात्री करते हैं यात्रा...
केंद्रीय बस स्टैंड के प्रबंधक (प्रशासन) राजेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि लॉकडाउन से पहले भरतपुर और लोहागढ़ आगार से हर दिन करीब 200 बसों का संचालन (Operations of Buses) किया जा रहा था. इन बसों के माध्यम से हर दिन करीब 15 हजार यात्री यात्रा करते थे. हर दिन सभी बसों का कुल औसतन संचालन करीब 46 हजार किलोमीटर होता था.
एक माह में 6 करोड़ का घाटा...
प्रबंधक (प्रशासन) राजेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि केंद्रीय बस स्टैंड से रोडवेज बसों का संचालन राजस्थान के अलावा अन्य राज्यों में भी किया जाता है. लॉकडाउन से पहले यात्री भार (Passenger Load) से भरतपुर और लोहागढ़ आगार को हर दिन औसतन 20 लाख रुपये की आय होती थी, लेकिन लॉकडाउन के चलते 10 मई से 9 जून 2021 तक दोनों आगार की बसों का संचालन बंद रहा. ऐसे में बीते एक माह के दौरान दोनों आगारों को करीब 6 करोड़ का घाटा हुआ है.
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भरतपुर और लोहागढ़ आगार की स्थिति...
गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के चलते रोडवेज बसों और सभी निजी परिवहन वाहनों का करीब एक माह तक संचालन बंद रहा था. लेकिन अब राज्य सरकार ने 10 जून से रोडवेज बसों का फिर से संचालन शुरू कर दिया है. इसके तहत भरतपुर के केंद्रीय बस स्टैंड से फिलहाल 40 बसों का संचालन शुरू किया गया है.