पोकरण (जैसलमेर). राज्य सरकार से वित्त पोषित स्वामी केशवानन्द राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर से संबद्ध कृषि विज्ञान केन्द्रों बीकानेर, लूनकरणसर, पोकरण, जैसलमेर, चुरू, झुंझुनू और श्रीगंगानगर पर कार्यरत विषय वस्तु विशेषज्ञों, सहायक आचार्यों एवं वरिष्ठ वैज्ञानिकों की विभिन्न मांगों प्रोबेशनर्स नियमितीकरण तथा सातवां वेतनमान इत्यादि को लेकर विश्व विद्यालय में आयोजित धरना-प्रदर्शन के बाहरवें दिन भी वैज्ञानिक राजवीर चौधरी का आमरण अनशन जारी रखते हुए उन्होंने आज मौन व्रत भी धारण किया है.
राजवीर चौधरी की तबीयत निरन्तर गंभीर होती जा रही है. स्थिति को देखते हुए ऐसा प्रतीत हो रहा है कि प्रशासन उसके जीवन को दांव पर लगाने के बावजूद भी चेत नहीं जा रहा है. पूर्व जिला अध्यक्ष एनएसयूआई शिवराज गोदारा, पूर्व जिला उपाध्यक्ष रामनिवास गोदारा ने धरना स्थल पर पहुंचकर वैज्ञानिकों की मांगों को जायज और नियमानुसार उचित ठ्हराया और प्रदर्शनकारियों को समर्थन प्रदान किया. धरना स्थल पर बाहरवें दिन कोटा कृषि विश्वविध्यालय के कृषि वैज्ञानिकों ने प्रशासन के ढीले रवैये के खिलाफ विरोध जताकर बताया कि वैज्ञानिक किसानों के साथ कृषि नवाचारों एवं उन्नत तकनीकों का प्रचार प्रसार करते हुए सरकारी योजनाओं को खेत तक ले जाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा कराते है फिर भी सरकार इनके अधिकार तथा हितों पर ध्यान नही दे रही है.
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उन्होंने कहा कि यह बड़ा ही पीड़ादायक एवं दुखद विषय है, जिसको लेकर राज्य सरकार कतई गंभीर दिखाई नहीं दे रही है. कार्य बहिष्कार करके वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. दुर्गा सिंह राठोड़, डॉ. दयानन्द, डॉ बलवीर, डॉ. दीपक चतुर्वेदी, डॉ. भूपेंद्र सिंह शेखावत, डॉ. राजेश शिवरान और चंद्र प्रकाश मीणा ने बताया कि इन सब समस्याओं का निस्तारण नहीं होने तक विश्व विधालय बीकानेर में धरना प्रदर्शन तथा राजवीर चौधरी का आमरण अनशन लगातार जारी रहेगा.