जयपुर. राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों में गर्मिर्यों में सफल पेयजल प्रबंधन के लिए जिला कलेक्टर्स को सतत मॉनिटरिंग करते हुए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सुचारू आपूर्ति व्यवस्था के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत ने सभी जिला कलेक्टर्स को इस सम्बंध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए हैं. पटवारी से लेकर अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट तक पेयजल आपूर्ति पर नजर रखेंगे.
यह भी पढ़ें- राजस्थान : चुनावी रणभेरी तैयार, जानिये जनसभाओं के बाद क्यों बढ़ी भाजपा-कांग्रेस की टेंशन
अतिरिक्त मुख्य सचिव पंत ने बताया कि राज्य में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) के सभी अधिकारियों को सजगता के साथ अपने दायित्व निभाने के लिए पाबंद किया है. शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में निर्बाध पेयजल आपूर्ति व्यवस्था के लिए समर कंटीजेंसी प्लान, जल परिवहन व्यवस्था के लिए राशि, अतिरिक्त संविदा कर्मिर्यों एवं किराए के वाहन उपलब्ध कराने सहित अनेक कदम उठाए हैं. उन्होंने बताया कि सभी जिला कलेक्टर्स से कहा गया है कि वे अपने जिलों में समस्त गांवों के स्तर पर ग्राम सेवक और पटवारियों सहित तहसीलदार, उपखण्ड अधिकारी और अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट्स को गर्मियों के दिनों में संवेदनशीलता के साथ पेयजल आपूर्ति व्यवस्था पर पूरी नजर बनाए रखने की हिदायत दें, ताकि किसी भी स्थान पर पेयजल आपूर्ति में व्यवधान का समाधान कर सकें.
नहरबंदी वाले जिलों पर विशेष फोकस
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि इंदिरा गांधी नहर में री-लाइनिंग के कार्यों के कारण नहरबंदी से प्रभावित बीकानेर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, बाड़मेर, जोधपुर, जैसलमेर, चुरू, नागौर, झुंझुनू और सीकर जिलों में सम्बंधित जिला कलेक्टर्स को प्रशासन एवं पीएचईडी के अधिकारियों के समन्वय से विशेष मॉनिटरिंग के निर्देश दिए हैं, जिससे वहां लोगों को पेयजल सम्बंधी किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हो. उन्होंने बताया कि जलदाय विभाग ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ समन्वय करते हुए इन सभी जिलों के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जल परिवहन, पर्याप्त मात्रा में जल संग्रहण, निजी जल स्रोतों को लीज पर लेने सहित कई आवश्यक तैयारियां पहले से पूरी कर ली है.
पीएचईडी के स्रोतों का कोई निजी उपयोग नहीं हो
पंत ने बताया कि जिला कलेक्टर्स को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि किसी भी जिले में जलदाय विभाग के हैंडपम्प, सिंगल फेज बोरवेल और ट्यूबवेल का कोई भी निजी इस्तेमाल नहीं करे, इसके लिए पूरी सर्तकता बरती जाए. विभागीय अधिकारियों द्वारा ऐसे स्थानों के बारे में जानकारी दिए जाने पर जिला प्रशासन इस सम्बंध में कार्रवाई करने में पूरा सहयोग दे. जिला कलेक्टर्स को आगामी दिनों में अपने स्तर पर आयोजित की जाने वाली साप्ताहिक समीक्षा बैठक में पेयजल आपूर्ति व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए इस पर फोकस करने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा पेयजल समस्या की किसी भी सम्भावित स्थिति का आंकलन कर पूर्व तैयारी रखने, पेयजल की गुणवत्ता की जांच के लिए पीएचईडी, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग तथा स्थानीय निकायों के कार्मिकों की ड्यूटी लगाने और जलदाय विभाग के वाहनों को अन्य कार्यों से पूरी तरह मुक्त रखने के निर्देश भी दिए गए हैं.
अब तक उठाए गए महत्वपूर्ण कदम और निर्णय
- सभी जिलों में आकस्मिक कार्यों के लिए जिला कलेक्टर्स 50-50 लाख राशि के कंटीजेसी कार्य की स्वीकृति के लिए अधिकृत
- समस्याग्रस्त क्षेत्रों का आंकलन कर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में जल परिवहन व्यवस्था के लिए 4180.25 लाख रुपए की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी. इसमें बीकानेर, झालावाड़, जैसलमेर, बाड़मेर, पाली और प्रतापगढ़ में अकाल से प्रभावित आबादियों में जल परिवहन व्यवस्था के लिए 426.38 लाख रुपए की स्वीकृति शामिल है.
- शहरी क्षेत्रों में प्रदेश के 119 कस्बों में जल परिवहन व्यवस्था के लिए 2776.70 लाख रुपए की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी.
- जिलों में टैंकरों से जल परिवहन व्यवस्था एवं दरों के निर्धारण के लिए जिला कलेक्टर्स एवं उपखण्ड स्तर पर उपखण्ड अधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी गठन कर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश.
- टैंकरों से जलापूर्ति के लिए 3 कूपन सिस्टम की सभी जिलों में पालना के निर्देश, मॉनिटरिंग के लिए जीपीएस/ओटीपी व्यवस्था के भी निर्देश.
- पेयजल की समस्या वाले गांव, कस्बों एवं आबादियों में नए टयूबवेल, हैंडपम्प आदि स्वीकृत कर कार्य प्रगति पर वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 4937 हैंडपम्प एवं 2272 टयूबवेल की कमीशनिंग.
- जिलों में पेयजल व्यवस्था की मॉनिटरिंग के लिए चीफ इंजीनियर एवं एडिशनल चीफ इंजीनियर स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों को जिलों का प्रभारी अधिकारी बनाया गया है.
- प्रदेश में 31 मार्च तक सम्पन्न 44वें हैंडपम्प मरम्मत अभियान में ग्रामीण क्षेत्रों में 2 लाख 521 तथा शहरी क्षेत्र में 28 हजार 883 हैंडपम्पों की मरम्मत. 45वां हैंडपंप मरम्मत अभियान एक अप्रैल 2021 से प्रारम्भ होगा.
- गर्मिर्यों में पेयजल प्रबंधन के लिए प्रदेश में 421 अतिरिक्त वाहनों एवं 2500 संविदा श्रमिकों की अतिरिक्त स्वीकृति.
- उपभोक्ताओं की सुनवाई के लिए जिला एवं राज्य स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित.
- पूरे प्रदेश में अवैध जल कनेक्शनों के खिलाफ तीन माह का विशेष अभियान आरम्भ किया गया.