धौलपुर. कोविड संक्रमण की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा तैयारियां शरू कर दी गई हैं. जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने बताया कि विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना से संक्रमण की तीसरी लहर में बच्चे प्रभावित हो सकते है. इसकी संभावना को देखते हुए इससे बचाव के लिए स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को पुख्ता एवं सुदृढ़ करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है. संक्रमित बच्चों को संक्रमण के दौर में किसी भी परेशानी नहीं हो, इसको देखते हुए जिले में विभिन्न चिकित्सा संस्थानों में कार्यरत चिकित्सकों तथा नर्सिंग स्टाफ को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर तथा अन्य जीवन रक्षक उपकरणों के संचालन के लिए जिला अस्पताल में प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए निर्देश दिए गए हैं, ताकि तीसरी लहर में किसी भी प्रकार की जनहानि की संभावना नहीं रहे.
उन्होंने बताया कि जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सक तथा नर्सिंग कर्मियों को कोविड गाइडलाइन की पालना सुनिश्चित करवाते हुए विभिन्न बैच में प्रशिक्षित किया जाएगा, जिसके तहत 28 मई से प्रशिक्षण कार्य आरंभ हो चुका है. प्रथम बैच में सीएचसी बसेड़ी, कंचनपुर, तथा बसईनवाब से एक एक चिकित्सक तथा 2 मेल नर्स जिला अस्पताल में प्रशिक्षण प्राप्त करेगें. इन चिकित्सा कार्मिकों को कोविड वार्ड मे ऑक्सीजन कंसंट्रेटर तथा अन्य चिकित्सकीय उपकरणों के प्रयोग के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा. जिला कलक्टर ने बताया कि सभी सामुदायिक तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के तकरीबन 250 चिकित्सा कार्मिकों को अलग-अलग समय प्रशिक्षण दिया जाने की कार्ययोजना तैयार की गई है.
यह भी पढ़ें- 11 करोड़ की नशीली दवाओं का मामला, टेंपो चालक साजिद ने किया सरेंडर...मुख्य आरोपी फरार
उन्होंने बताया कि कोविड संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए चिकित्सकीय तंत्र को सुदृढ बनाने के लिए जिला अस्पताल के एमसीएच विंग में 200 बेड का कोविड डेडिकेटेड पीडियाट्रिक अस्पताल संचालित करने की तैयारी शुरू की जा चुकी है. विशेषज्ञों के अनुसार कोविड संक्रमण की संभावित तीसरी लहर का असर बच्चों पर रहने की संभावना है. बच्चों की कोविड से सुरक्षा हेतु व्यापक स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी गई है, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में जिले में ही बेहतर उपचार मुहैया हो सके.
उन्होंने बताया कि इस डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में ऑक्सीजन बेड, पीडियाट्रिक आईसीयू, एनआईसीयू, कोविड लेबर रूम तथा मैटरनिटी वार्ड भी शमिल होंगे. निर्बाध ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए सेंट्रल ऑक्सीजन सिस्टम सहित 2 ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट स्थापित किये जाएंगे.