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सेवारत सीएचओ को नई भर्ती की लिखित परीक्षा से छूट क्यों नहीं: हाईकोर्ट

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Published : Sep 23, 2020, 7:49 PM IST

वर्तमान में कार्यरत सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए नई भर्ती में पुनः लिखित परीक्षा की बाध्यता को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया है.

jaipur news, rajasthan high court
सीएचओ भर्ती मामले को लेकर हाईकोर्ट का आदेश

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि वर्तमान में कार्यरत सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए नई भर्ती में पुनः लिखित परीक्षा की बाध्यता क्यों रखी गई है. न्यायाधीश सतीश शर्मा ने यह आदेश लोकेश्वर कुमार पारीक व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

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सीएचओ भर्ती मामले को लेकर हाईकोर्ट का आदेश

याचिका में अधिवक्ता लक्ष्मीकांत मालपुरा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता एनएचएम योजना में जीएनएम पद पर कार्यरत थे. विभाग ने उन्हें 6 माह का आवासीय ब्रिज कोर्स कराने के बाद मेरिट के आधार पर सीएचओ के पद पर तैनात किया था. वहीं विभाग की ओर से गत अगस्त माह में संविदा के आधार पर सीएचओ पद पर भर्ती निकाली गई. जिसके भर्ती विज्ञापन में हर अभ्यर्थी को लिखित परीक्षा में शामिल होने की अनिवार्यता की शर्त लगाई गई है.

पढ़ें- पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण शौरी को राजस्थान हाईकोर्ट से मिली राहत

याचिका में कहा गया कि उनका चयन पूर्व में लिखित परीक्षा के माध्यम से ही हुआ था. ऐसे में अब उन्हें नई भर्ती में लिखित परीक्षा की शर्त से मुक्त रखा जाए. इसमें सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि वर्तमान में कार्यरत सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए नई भर्ती में पुनः लिखित परीक्षा की बाध्यता क्यों रखी गई है. न्यायाधीश सतीश शर्मा ने यह आदेश लोकेश्वर कुमार पारीक व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

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सीएचओ भर्ती मामले को लेकर हाईकोर्ट का आदेश

याचिका में अधिवक्ता लक्ष्मीकांत मालपुरा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता एनएचएम योजना में जीएनएम पद पर कार्यरत थे. विभाग ने उन्हें 6 माह का आवासीय ब्रिज कोर्स कराने के बाद मेरिट के आधार पर सीएचओ के पद पर तैनात किया था. वहीं विभाग की ओर से गत अगस्त माह में संविदा के आधार पर सीएचओ पद पर भर्ती निकाली गई. जिसके भर्ती विज्ञापन में हर अभ्यर्थी को लिखित परीक्षा में शामिल होने की अनिवार्यता की शर्त लगाई गई है.

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याचिका में कहा गया कि उनका चयन पूर्व में लिखित परीक्षा के माध्यम से ही हुआ था. ऐसे में अब उन्हें नई भर्ती में लिखित परीक्षा की शर्त से मुक्त रखा जाए. इसमें सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया है.

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