जयपुर. राज्य सरकार ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए जमाबंदी की साइन प्रति ऑनलाइन जारी करने और राजस्थान कृषि ऋण पोर्टल की शुरुआत कर दी है. राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने बुधवार को शासन सचिवालय में पोर्टल का अनावरण किया. यह दोनों सुविधाएं प्रतियोगी के तौर पर झुंझुनूं जिले में लागू की गई हैं.
राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने भू-प्रबंधन विभाग की ओर से विकसित प्रक्रिया से अपना खाता वेबसाइट से जमाबंदी की ई-साइन प्रति ऑनलाइन जारी करने का अनावरण किया. यह प्रक्रिया एनआईसी ने विकसित की है. अब कोई भी किसान भूमि ऋण का अधिकृत दस्तावेज ऑनलाइन प्राप्त कर सकेगा. यदि कृषक के पास कंप्यूटर नहीं है तो वह ई-मित्र केंद्र से साइन प्रति प्राप्त कर सकेगा. राज्य सरकार के आदेशानुसार यह हस्ताक्षरित प्रति विधि न्याय है और प्रत्येक हस्ताक्षरित प्रति पर क्यूआर कोड अंकित है जिसे स्कैन कर जारी नकल की प्रविष्टियों को कोई भी व्यक्ति मोबाइल पर पुष्टि कर सकता है.
इस मौके पर राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि राजस्थान कृषि ऋण पोर्टल का भी अनावरण किया, जिसके माध्यम से काश्तकार बैंक में जाकर फॉर्म 61 ऑनलाइन भर सकेगा तथा इसकी बैंक अधिकारियों द्वारा प्रमाण की प्रक्रिया भी ऑनलाइन है. बैंक की ओर से सिक्स वन फॉर्म जमा कराने पर स्वत: ही नामांकन प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी पटवारी और तहसीलदार के द्वारा राजस्व अधिकारी एप्लीकेशन के माध्यम से टिप्पणी पुष्टि किए जाने के पश्चात नामांतरण को मंजूर किया जा सकेगा. ऐसा करने से जिस प्रक्रिया में 1 से 2 माह का समय लगता था अब वह सिर्फ पांच से 10 दिनों में पूर्ण हो सकेगी. हरीश चौधरी ने कहा कि कृषि पोर्टल प्रदेश के किसानों के लिए बैंक से कृषि ऋण लेना बहुत आसान है और त्वरित हो गया है. उसे पटवारियों और तहसीलदार कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे.
हालांकि इसके लिए दो गवाहों के साथ जरूर दस्तावेज लेकर बैंक में आवेदन करना होगा और सारी प्रक्रिया ऑनलाइन हो जाएगी. चौधरी ने कहा कि आज का दिन राजस्व डिजिटलाइजेशन के लिए ऐतिहासिक दिन है. प्रदेश का झुंझुनूं जिला राजस्व रिकॉर्ड के मामले में पूर्ण डिजिटल हो गया है जो बधाई का पात्र है. उन्होंने तय समय में दोनों कार्य को पूर्ण करने के लिए प्रबंधन विभाग और संपूर्ण राजस्व रिकॉर्ड ऑनलाइन करने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े झुंझुनूं कलेक्टर रवि जैन और उनकी टीम को बधाई दी. चौधरी ने कहा कि किसानों को सूचना तकनीकी का अधिकार लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है. शेष रही सभी तहसीलों का राजस्व रिकॉर्ड शीघ्र ऑनलाइन कर दिया जाएगा.