कपासन (चित्तौड़गढ़). अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के भारत बंद के राष्ट्रीय आवाहन पर अखिल भारतीय किसान सभा ने केन्द्र सरकार के कृषि संबंधी तीन विधेयकों को वापस लेने की मांग को लेकर उपखण्ड कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया. धरने की नेतृत्व काॅमरेड रतनलाल जाट व किशनलाल खारोल ने की.
धरने को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने केन्द्र की मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि किसान विरोधी अध्यादेशों से किसान बर्बाद होगा. किसानों के फसल उत्पाद का न्यूनतम रेट नहीं मिलेगा एवं वस्तु अधिनियम अध्यादेश से बड़े कार्पोरेट पूंजीपतियों को व धन्ना सेठों को फायदा होगा. इससे कालाबाजारी, जमाखोरी बढ़ेगी. जिससे आमजन पर महंगाई का भार बढे़ेगा.
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वक्ताओं ने कहा कि किसानों को वन नेशन वन मार्केट नहीं, वन नेशन वन एमएसपी चाहिए और किसान की आय को 2022 तक दुगुना करने की बात करने वाली मोदी सरकार ने किसानों की खेती को चौपट करने वाले अध्यादेश व कानून बनाकर कार्पोरेट घरानों को लाभ देने का कार्य कर रही है.
वक्ताओं ने मांग की है कि किसानों की फसल को देश में कहीं एमएसपी से कम खरीद पर गैर कानूनी घोषित किया जाए. इसके बाद आक्रोशित किसानों ने मोदी सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ उपखण्ड कार्यालय के बाहर जमकर नारेबाजी की. तत्पश्चात तहसीलदार को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.