धौलपुर. दंबगों के डर से एक दलित परिवार रेलवे स्टेशन पर खुले आसमान के नीचे अपने परिवार के साथ बसर करने को मजबूर है. दबंगों ने दलित परिवार पर पैसे छिपाने का आरोप लगाया था. साथ ही पैसे ना मिलने पर दलित परिवार को थाने तक में बंद कराने की बात सामने आई है. जिसके बाद जमानत पर बाहर आए लोगों को गांव से बाहर निकाला दिया. अब पीड़ित परिवार तीन दिन से रेलवे स्टेशन पर खुले में रहने को मजबूर है.
धौलपुर जिले के कंचनपुर थाना इलाके का मामला
पूरा मामला धौलपुर जिले के कंचनपुर थाना क्षेत्र का है, जहां चुराए गए पैसों से भरे कुर्ते को छिपाने का आरोप दलित परिवार के लोगों पर लगाया. साथ ही आरोप लगाने के बाद उनकी बुरी तरह पिटाई की कर दी, जिसकी पीड़ित दलित परिवार ने जब पुलिस से शिकायत की तो पुलिस ने दबंग पर कार्रवाई करने की बजाय गुंडागर्दी करने वालों से शिकायत लेकर दलित परिवार के पांच लोगों को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार करते हुए थाने में बंद कर दिया.
जान से मारने की धमकी देकर गांव से निकाला
वहीं पाीड़ित परिवार ने पुलिस पर थाने में पिटाई का आरोप लगाते हुए बताया कि जब जमानत पर छूटकर सभी लोग जैसे ही घर पहुंचे. तो दबंगों ने उन्हें जान से मारने की धमकी देकर गांव से निकाल दिया. तीन दिन पहले गांव को छोड़कर धौलपुर पहुंचे पूरे परिवार ने धौलपुर रेलवे स्टेशन पर डेरा डाल दिया. रेलवे स्टेशन पर डाली जा रही तीसरी लाइन के ठेकेदार ने दो दिन तक जब पूरे परिवार को स्टेशन पर भूखा प्यासा देखा तो ठेकेदार धर्मेंद्र ने पहले तो पूरे परिवार को खाना खिलाया. फिर उसके परिवार के लिए पॉलीथिन का टैंट लगवाकर उन्हें दिहाड़ी मजदूरी पर लगा लिया. जिससे उनका पेट भर सकें.
लाठी-डंडों से की परिवार के लोगों की पिटाई
जानकारी मिलने पर जब मीडिया की टीम ने मौके पर जाकर मामले की जानकारी ली तो दलित परिवार के मुखिया गोपाल पुत्र मटरे जाति हरिजन निवासी गामरी थाना कंचनपुर ने बताया कि 14 अप्रैल को गांव के ही दबंग बद्री पुत्र पंछी गुर्जर के 17 हजार रुपयों से भरे कुर्ते को लेकर एक कोई भाग गया. जानवर के पैसों से भरा कुर्ता ले जाने पर दबंग अपने परिवार के लोगों के साथ हरिजन बस्ती में घुस गया. जहां दबंगों ने दलित परिवार पर पैसों से भरा कुर्ता छिपाने का आरोप लगाते हुए गाली गलौच कर दी. पीड़ित ने बताया कि मामले के शांत हो जाने के 21 अप्रैल को फिर लोगों ने गांव के रास्ते में पत्नी को लेकर आ रहे उसके छोटे भाई हरी सिंह और उसकी पत्नी की लाठी डंडों से पीटा. साथ ही पिटाई करने के बाद दबंग उनके थाने में पहुंचने से पहले थाने में पहुंच गए. जहां दलितों के खिलाफ ही मारपीट का आरोप लगाते हुए शिकायत दे दी.
थाने में बंद कर पिटाई करने का पुलिस पर लगाया आरोप
थाने में पिटाई की शिकायत लेकर पहुंचे दलित परिवार से पुलिस ने शिकायत नहीं ली. पीड़ित परिवार के मुखिया ने बताया कि थाने में पुलिस ने शिकायत लेने की जगह शिकायत देने पहुंचे परिवार के मुखिया गोपाल और उसके छोटे भाई हरी सिंह के साथ भतीजे बबलू पुत्र रामभजन,ममेरे भाई ब्रजेश पुत्र रामभरोसी और साले मढ़ा कांकोली निवासी ब्रजेश पुत्र रामभरोसी को शांतिभंग के अंदेशे में बंद कर दिया. पीड़ित परिवार ने बताया कि थाने में बंद दलित परिवार के सभी लोगों की पिटाई की. जिसके बाद उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया. जमानत पर छूटने के बाद घर पहुंचे परिवार को दबंग के परिवार ने जान से मारने की धमकी देते हुए गांव छोड़कर जाने को मजबूर कर दिया. जिस पर पूरा परिवार गांव को छोड़कर बच्चे पालने के लिए दिहाड़ी मजदूरी ढूढ़ते हुए रेलवे स्टेशन पहुंच गए.
शिकायत के बाद भी नहीं हुई कोई कार्रवाई
पीड़ित परिवार के मुखिया ने बताया कि पुलिस में बंद किये जाने और दबंगों द्वारा धमकी दी जाने की शिकायत को लेकर पूरा परिवार ने एसपी और कलेक्टर से मिलकर न्याय की गुहार भी लगाई. लेकिन, दबंगों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. बल्कि दबंगों ने उन्हें जान से मारने के साथ गांव से निकाले जाने की धमकी दी जाने लगी. जिससे भयभीत होकर पीड़ित परिवार ने गांव को छोड़कर रेलवे स्टेशन को अपना आसरा बना लिया.