बांसवाड़ा. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को बांसवाड़ा में मॉडल स्कूल का लोकार्पण और एक हॉस्टल तथा प्राथमिक विद्यालय भवन के शिलान्यास के बाद जनसभा को संबोधित किया. करीब 20 मिनट के भाषण में मुख्यमंत्री गहलोत ने कांग्रेस सरकार की योजनाओं का गुणगान करते हुए कहा कि आजादी के बाद इस देश में अधिकार आधारित युग की शुरुआत यूपीए की देन रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि चाहे शिक्षा का अधिकार हो या रोजगार का या फिर खाद्य सुरक्षा, कांग्रेस ने हमेशा गरीब को ध्यान में रखते हुए इस प्रकार की योजनाएं बनाई. मुख्यमंत्री ने इस दौरान स्थानीय विधायक महेंद्र जीत सिंह मालवीय की मांग पर आनंदपुरी हॉस्पिटल के बेड 30 से बढ़ाकर 50 करने की घोषणा करते हुए कहा कि हमारे निशुल्क इलाज और जांच के मॉडल को पूरे देश ने अपनाया है.
सीएम ने आगे कहा कि भामाशाह योजना को और बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं, केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना को भी मंजूरी दे दी गई है. गहलोत ने अपनी सरकार की स्वास्थ्य नीति के बारे में बताते हुए कहा कि दिल में छेद की जन्मजात बीमारी के चलते हजारों बच्चे मौत के मुंह में समा जाते हैं. हमने ऐसे बच्चों के ऑपरेशन के लिए गुजरात की साईं संस्था से एमओयू किया है. बच्चे को अटेंडर सहित हॉस्पिटल लाने ले जाने के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष से 5 हजार दिए जाएंगे. वहीं, अटेंडर और बच्चे के खाने पीने और रहने तथा ऑपरेशन सहित पूरा खर्चा संस्था वहन करेगी. इस मौके पर गहलोत ने कर्ज माफी पर कहा कि नेशनल बैंक दिल्ली सरकार के अधीन है.
उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि नेशनल बैंक जब उद्योग पतियों के ऋण माफ कर सकते हैं, उनकी किस्तें ऊपर-नीचे कर सकते हैं तो किसानों के साथ ऐसा क्यों नहीं कर सकते. उन्होंने विश्वास दिलाया कि बैंकों से वार्ता चल रही है और किसानों के दो लाख तक के ऋण माफ करने पर शीघ्र ही निर्णय होगा. मुख्यमंत्री गहलोत ने 2 माह बाद फिर से बांसवाड़ा के मानगढ़ आने का आश्वासन दिया.
इस दौरान सभा को शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, विधायक मालवीय, जिला प्रमुख रेश्मा मालवीय, पार्टी जिलाध्यक्ष चांदमल जैन आदि ने भी अपने-अपने विचार रखे. वहीं, सभा में चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा और बांसवाड़ा-डूंगरपुर के प्रभारी मंत्री राजेंद्र यादव के अलावा पार्टी के प्रदेश सचिव जैनेंद्र त्रिवेदी सहित बड़ी संख्या में पार्टी पदाधिकारी मौजूद थे. इससे पहले गहलोत समय से पहले सभा स्थल पर पहुंच गए, बाद में वे प्रतापगढ़ के लिए रवाना हो गए.