बांसवाड़ा. प्रदेश में उचित मूल्य की दुकानों (राशन दुकान) से दिए जाने वाले गेहूं का उठाव कम होने की शिकायतों के बाद राज्य सरकार ने 5 महीने बाद ही अपना एक आदेश वापस ले लिया. साथ ही उचित मूल्य दुकानदारों को एडवांस में कमीशन की व्यवस्था को बहाल कर दिया है. इससे गेहूं वितरण व्यवस्था पुनः पटरी पर आने की संभावना है.
प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार ने सत्ता में आने के साथ ही गरीबों को एक रुपए किलो दर से गेहूं देने के साथ ही राशन डीलर कमीशन व्यवस्था में भी परिवर्तन कर दिया था. इसके तहत राशन दुकानदारों को थोक विक्रेता से सामग्री उठाने पर कमीशन सहित राशि जमा कराने के आदेश दिए थे. दुकानदारों की कमीशन राशि जिला रसद अधिकारी के जरिए उन्हें लौटाने का प्रावधान किया गया.
लेकिन एक माह बाद ही उक्त व्यवस्था फेल होती नजर आई. दुकानदारों को कमीशन राशि मई में जाकर मिली. फरवरी और मार्च की कमीशन राशि दुकानदारों तक नहीं पहुंची तो दुकानदारों ने थोक विक्रेताओं से माल उठाने में रुचि लेना बंद कर दिया. इसके अलावा थोक विक्रेताओं ने राज्य सरकार को ज्ञापन भेजकर इससे होने वाले नुकसान के बारे में बताया. उचित मूल्य दुकानदारों द्वारा गेहूं पर्याप्त मात्रा में नहीं उठाने के कारण बीपीएल और अंतोदय परिवार के लोगों को समय पर निर्धारित मात्रा में गेहूं मिलना मुश्किल हो गया.
इस प्रकार की शिकायतें रसद विभाग को भी पहुंचने लगी. अंत में सरकार ने अपना नया आदेश वापस ले लिया और पुरानी योजना के तहत कमीशन राशि एडवांस में देने के आदेश को बहाल कर दिया. जुलाई में होने वाले एलॉटमेंट से कमीशन राशि एडवांस में उचित मूल्य दुकानदारों को प्रदान की जाएगी. आपको बता दें कि फरवरी से लेकर जून तक 5 माह में से सरकार उचित मूल्य दुकानदारों को केवल फरवरी और मार्च का ही कमीशन जारी कर पाई जबकि 3 माह का कमीशन अभी भी अटका हुआ है. जुलाई से नया आदेश प्रभावी होने के साथ ही वितरण व्यवस्था में सुधार आने की संभावना है.
आपको बता दें कि अकेला बांसवाड़ा जिले में 5261 मैट्रिक टन गेहूं ₹2 प्रति किलोग्राम एवं 2871 मैट्रिक टन गेहूं एक रुपए किलो की दर से वितरित किए जा रहे हैं. बीपीएल और अंत्योदय श्रेणी के उपभोक्ताओं को क्रमश ₹2 और एक रुपए किलो की दर से गेहूं प्रदान किए जाते हैं. राज्य सरकार द्वारा इसके बदले उचित मूल्य दुकानदारों को ₹2 प्रति किलो की दर से कमीशन दिया जाता है.
नई व्यवस्था के बाद दुकानदारों को थोक विक्रेताओं से एक प्रकार फ्री में गेहूं मिल सकेंगे. अपनी कमीशन की राशि उपभोक्ताओं से मिलने वाली राशि से हासिल करेंगे. बांसवाड़ा जिले में उचित मूल्य दुकानदारों को प्रतिमाह ₹10 लाख बतौर कमीशन दिया जा रहा है. इस नई व्यवस्था से विभागीय अधिकारियों ने भी राहत की सांस ली है. प्रवर्तन निरीक्षक मणिलाल खींची के अनुसार जुलाई से कमीशन एडवांस में दिए जाने की व्यवस्था बहाल कर दी गई है. इससे वितरण व्यवस्था में सुधार होगा. 5 में से 2 माह की कमीशन राशि दुकानदारों को भुगतान की जा चुकी है और 3 माह का कमीशन शीघ्र ही दिया जाएगा.