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डूंगरपुर: बाल विवाह पर रोकथाम को लेकर प्रशासन सख्त, सभी विभागों को मिलकर काम करने के निर्देश

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Published : Mar 31, 2021, 9:09 PM IST

बाल विवाह की रोकथाम को लेकर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से डूंगरपुर में जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई. इसमें बाल विवाह रोकथाम के लिए सभी विभागों को मिलकर काम करने के निर्देश दिए गए.

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बाल विवाह रोकथाम को लेकर प्रशासन सख्त,

डूंगरपुर. बाल विवाह प्रतिवेष अभियान के तहत जिला विधिक सेवा प्रधिकरण के सचिव अमित सहलोत की अध्यक्षता एवं अतिरिक्त जिला कलेक्टर कृष्णपालसिंह चौहान, मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंजली राजोरिया की मौजूदगी में बुधवार को ईडीपी सभागार में बैठक आयोजित हुई. बैठक में जिला विधिक सेवा प्रधिकरण के सचिव सहलोत ने बताया कि ‘बाल विवाह को कहे ना‘ को लेकर अभियान चलाने और लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिए.

उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों की स्कूलों, गांव के चौराहों एवं राजीव गांधी सेवा केन्द्र पर आने वाले लोगों को बाल विवाह रोकने की जानकारी देने को कहा. उन्होंने बाल विवाह की जानकारी मिलते ही प्राधिकरण, जिला प्रशासन, पुलिस कन्ट्रोल रूम एवं हृदय संस्थान हेल्प लाइन पर सूचना देने के निर्देश दिए. सहलोत ने बताया कि बाल विवाह होने की सूचना मिलने पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि कोविड गाइडलाइन की पालना करते हुए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा.

बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर कृष्णपालसिंह चौहान ने बताया कि अक्षय तृतीया पर अधिकतर बाल विवाह होते है, उसको रोकने के लिए ग्रामीणों के संम्पर्क करते हुए मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए हैं. उन्होने कहा कि ग्राम पंचायत स्तर पर कर्मचारियों की एक बैठक कर बाल विवाह पर जागरूकता अभियान चलाया जाए. उन्होंने कहा कि नेहरू युवा केन्द्र युवा साथियों एवं सदस्यों के माध्यम से बाल विवाह नहीं करने को लेकर जागरूकता फैलाएं एवं जानकारी मिलने पर हेल्प लाइन नम्बर पर सूचना देने के निर्देश दिए. साथ ही उन्होंने बताया कि विधिक सेवा प्रधिकरण की और से मोबाइल ऐप भी लॉन्चिंग किया जाएगा, जिसमें सूचना देने पर व्यक्ति का नाम नहीं आएगा.

यह भी पढ़ें- महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गहलोत सरकार गंभीर, कैबिनेट ने नई महिला नीति का किया अनुमोदन

बैठक में मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंजली राजोरिया ने बताया कि गांवों में जागरूकता फेलाने के साथ अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार कर बाल विवाह होने से रोका जा सकता है. उन्होंने बताया कि उपखण्ड अधिकारी, विकास अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग, सरपंच एवं वार्ड पंच सहयोग रखते हुए बाल विवाह रोक सकते हैं. राजोरिया ने कहा कि विवाह के आयोजनों में बेन्ड वाले, भोजन बनाने वालों के संम्पर्क में रहने से विवाह संम्बधित जानकारी मिल सकती है. बाल विवाह के आयोजनों में रसोईयों एवं बेन्ड बजाने वाले पाये जाने पर उनके खिलाप भी कार्रवाई की जाएगी.

डूंगरपुर. बाल विवाह प्रतिवेष अभियान के तहत जिला विधिक सेवा प्रधिकरण के सचिव अमित सहलोत की अध्यक्षता एवं अतिरिक्त जिला कलेक्टर कृष्णपालसिंह चौहान, मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंजली राजोरिया की मौजूदगी में बुधवार को ईडीपी सभागार में बैठक आयोजित हुई. बैठक में जिला विधिक सेवा प्रधिकरण के सचिव सहलोत ने बताया कि ‘बाल विवाह को कहे ना‘ को लेकर अभियान चलाने और लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिए.

उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों की स्कूलों, गांव के चौराहों एवं राजीव गांधी सेवा केन्द्र पर आने वाले लोगों को बाल विवाह रोकने की जानकारी देने को कहा. उन्होंने बाल विवाह की जानकारी मिलते ही प्राधिकरण, जिला प्रशासन, पुलिस कन्ट्रोल रूम एवं हृदय संस्थान हेल्प लाइन पर सूचना देने के निर्देश दिए. सहलोत ने बताया कि बाल विवाह होने की सूचना मिलने पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि कोविड गाइडलाइन की पालना करते हुए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा.

बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर कृष्णपालसिंह चौहान ने बताया कि अक्षय तृतीया पर अधिकतर बाल विवाह होते है, उसको रोकने के लिए ग्रामीणों के संम्पर्क करते हुए मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए हैं. उन्होने कहा कि ग्राम पंचायत स्तर पर कर्मचारियों की एक बैठक कर बाल विवाह पर जागरूकता अभियान चलाया जाए. उन्होंने कहा कि नेहरू युवा केन्द्र युवा साथियों एवं सदस्यों के माध्यम से बाल विवाह नहीं करने को लेकर जागरूकता फैलाएं एवं जानकारी मिलने पर हेल्प लाइन नम्बर पर सूचना देने के निर्देश दिए. साथ ही उन्होंने बताया कि विधिक सेवा प्रधिकरण की और से मोबाइल ऐप भी लॉन्चिंग किया जाएगा, जिसमें सूचना देने पर व्यक्ति का नाम नहीं आएगा.

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बैठक में मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंजली राजोरिया ने बताया कि गांवों में जागरूकता फेलाने के साथ अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार कर बाल विवाह होने से रोका जा सकता है. उन्होंने बताया कि उपखण्ड अधिकारी, विकास अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग, सरपंच एवं वार्ड पंच सहयोग रखते हुए बाल विवाह रोक सकते हैं. राजोरिया ने कहा कि विवाह के आयोजनों में बेन्ड वाले, भोजन बनाने वालों के संम्पर्क में रहने से विवाह संम्बधित जानकारी मिल सकती है. बाल विवाह के आयोजनों में रसोईयों एवं बेन्ड बजाने वाले पाये जाने पर उनके खिलाप भी कार्रवाई की जाएगी.

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