ETV Bharat / briefs

अजमेर: तीन दिन में मनरेगा के तहत 12 हजार लोगों को मिला रोजगार

अजमेर की 297 पंचायतों में महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत काम शुरू हो गया है. मात्र तीन दिनों में ही 12 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है.

 employment under MGNREGA, Ajmer news
तीन दिनों में मनरेगा के तहत 12 हजार लोगों को मिला रोजगार
author img

By

Published : May 28, 2021, 10:51 PM IST

अजमेर. पिछले साल लॉकडाउन में ग्रामीणों और दूसरे राज्यों से रोजगार बंद होने के बाद गांव लौटे श्रमिकों के लिए वरदान बनी महात्मा गांधी नरेगा योजना इस साल भी गांवों में बड़ा सहारा बन कर उभरी है. राज्य सरकार द्वारा अनुमति दिए जाने के मात्र 3 दिन में जिले में मनरेगा के तहत 297 गांवों में व्यक्तिगत और सामुदायिक श्रेणी के 1493 काम शुरू करवा दिए गए हैं. इन पर 12 हजार से ज्यादा श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध हो रहा है.

कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि हाल ही में राज्य सरकार की ओर से अनुमति मिलने के बाद ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के माध्यम से जिले के गांवों में काम शुरू करवा दिए गए हैं. जिले में 325 में से 297 ग्राम पंचायतों में व्यक्तिगत एवं सामुदायिक श्रेणी के कार्य शुरू करवाए गए हैं. उन्होंने बताया कि जिले की विभिन्न पंचायत समितियों में 12027 श्रमिकों को रोजगार मिला है. अजमेर ग्रामीण पंचायत समिति की 41 ग्राम पंचायतों में 128 कामों पर 1156 श्रमिक नियोजित किए गए हैं. इसी तरह अरांई की 20 ग्राम पंचायतों में 77 कामों पर 1170, भिनाय की 25 ग्राम पंचायतों में 135 कामों पर 613 श्रमिक लगाए गए हैं। इसी तरह जवाजा की 31 ग्राम पंचायतों में 107 कार्यों पर 735, केकड़ी की 20 पंचायतों मे 314 कामों पर 1214, मसूदा की 37 ग्राम पंचायतों में 133 कार्यों पर 1700 श्रमिक, पीसांगन की 23 ग्राम पंचायतों में 60 कामों पर 987, सरवाड़ की 25 पंचायतों मे 83 कामों पर 802 श्रमिक, सावर की 18 ग्राम पंचायतों 293 कार्यों पर 1357 ,श्रीनगर की 24 पंचायतों में 75 कामों पर 1140 तथा सिलोरा की 33 पंचायतों में 88 कामों पर 1153 श्रमिक लगाए गए हैं.

कोरोना गाइडलाइन की करवाई जाएगी पालना

कलेक्टर ने सभी उपखण्ड अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मनरेगा कार्यो में कोविड गाइडलाइन की पूर्ण पालना करवाई जाए. कोविड उपयुक्त प्रोटोकॉल की पालना कार्य स्थल पर श्रमिकों के आगमन से लेकर प्रस्थान तक पूर्ण रूप से हो. कार्यस्थल पर साबुन, पानी, सैनिटाइजर आदि की समुचित व्यवस्था हो और हाथ अच्छी तरह से साबुन से धोने के बाद भोजन उचित दूरी बनाकर किया जाए. इस तरह श्रमिकों द्वारा ग्रुप में एक ही जगह कार्य न कर पृथक-पृथक न्यूनतम 2 गज की दूरी रखते हुए कार्य कराया जाए. श्रमिकों द्वारा एक दूसरे के कार्य औजारों पर भी अनावश्यक रूप से हाथ नहीं लगाया जाए और न ही एक दूसरे की सामग्री का उपयोग करें. कोई श्रमिक कोविड संभावित लक्षण युक्त हो, तो उसे कार्य पर नहीं लाया जाए. उसके निकट परिजनों को अन्य श्रमिकों से पर्याप्त दूरी रखते कार्य दिया जाए. कार्य स्थल पर बिना मास्क पहने कार्य नहीं कराया जाए.

यह भी पढ़ें- BJP महिला मोर्चा ने की CM गहलोत से इस्तीफे की मांग, उनके लिए चूड़ियां भी कलेक्टर के टेबल पर रखी

उन्होंने बताया कि कार्यस्थल पर मेडिकल किट की समुचित व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी. मेट के पास ब्लॉक एवं ग्राम पंचायत स्तर के अधिकारियों और कन्ट्रोल रूम के आवश्यक टेलीफोन नम्बर उपलब्ध होने चाहिए, ताकि वक्त जरूरत काम में आए. टास्क पूरा करते ही श्रमिकों को एक-एक कर अपने निवास स्थान जाने के लिए कहा जाए. उन्हें कार्यस्थल पर अनावश्यक नहीं रोका जाए.

अजमेर. पिछले साल लॉकडाउन में ग्रामीणों और दूसरे राज्यों से रोजगार बंद होने के बाद गांव लौटे श्रमिकों के लिए वरदान बनी महात्मा गांधी नरेगा योजना इस साल भी गांवों में बड़ा सहारा बन कर उभरी है. राज्य सरकार द्वारा अनुमति दिए जाने के मात्र 3 दिन में जिले में मनरेगा के तहत 297 गांवों में व्यक्तिगत और सामुदायिक श्रेणी के 1493 काम शुरू करवा दिए गए हैं. इन पर 12 हजार से ज्यादा श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध हो रहा है.

कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि हाल ही में राज्य सरकार की ओर से अनुमति मिलने के बाद ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के माध्यम से जिले के गांवों में काम शुरू करवा दिए गए हैं. जिले में 325 में से 297 ग्राम पंचायतों में व्यक्तिगत एवं सामुदायिक श्रेणी के कार्य शुरू करवाए गए हैं. उन्होंने बताया कि जिले की विभिन्न पंचायत समितियों में 12027 श्रमिकों को रोजगार मिला है. अजमेर ग्रामीण पंचायत समिति की 41 ग्राम पंचायतों में 128 कामों पर 1156 श्रमिक नियोजित किए गए हैं. इसी तरह अरांई की 20 ग्राम पंचायतों में 77 कामों पर 1170, भिनाय की 25 ग्राम पंचायतों में 135 कामों पर 613 श्रमिक लगाए गए हैं। इसी तरह जवाजा की 31 ग्राम पंचायतों में 107 कार्यों पर 735, केकड़ी की 20 पंचायतों मे 314 कामों पर 1214, मसूदा की 37 ग्राम पंचायतों में 133 कार्यों पर 1700 श्रमिक, पीसांगन की 23 ग्राम पंचायतों में 60 कामों पर 987, सरवाड़ की 25 पंचायतों मे 83 कामों पर 802 श्रमिक, सावर की 18 ग्राम पंचायतों 293 कार्यों पर 1357 ,श्रीनगर की 24 पंचायतों में 75 कामों पर 1140 तथा सिलोरा की 33 पंचायतों में 88 कामों पर 1153 श्रमिक लगाए गए हैं.

कोरोना गाइडलाइन की करवाई जाएगी पालना

कलेक्टर ने सभी उपखण्ड अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मनरेगा कार्यो में कोविड गाइडलाइन की पूर्ण पालना करवाई जाए. कोविड उपयुक्त प्रोटोकॉल की पालना कार्य स्थल पर श्रमिकों के आगमन से लेकर प्रस्थान तक पूर्ण रूप से हो. कार्यस्थल पर साबुन, पानी, सैनिटाइजर आदि की समुचित व्यवस्था हो और हाथ अच्छी तरह से साबुन से धोने के बाद भोजन उचित दूरी बनाकर किया जाए. इस तरह श्रमिकों द्वारा ग्रुप में एक ही जगह कार्य न कर पृथक-पृथक न्यूनतम 2 गज की दूरी रखते हुए कार्य कराया जाए. श्रमिकों द्वारा एक दूसरे के कार्य औजारों पर भी अनावश्यक रूप से हाथ नहीं लगाया जाए और न ही एक दूसरे की सामग्री का उपयोग करें. कोई श्रमिक कोविड संभावित लक्षण युक्त हो, तो उसे कार्य पर नहीं लाया जाए. उसके निकट परिजनों को अन्य श्रमिकों से पर्याप्त दूरी रखते कार्य दिया जाए. कार्य स्थल पर बिना मास्क पहने कार्य नहीं कराया जाए.

यह भी पढ़ें- BJP महिला मोर्चा ने की CM गहलोत से इस्तीफे की मांग, उनके लिए चूड़ियां भी कलेक्टर के टेबल पर रखी

उन्होंने बताया कि कार्यस्थल पर मेडिकल किट की समुचित व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी. मेट के पास ब्लॉक एवं ग्राम पंचायत स्तर के अधिकारियों और कन्ट्रोल रूम के आवश्यक टेलीफोन नम्बर उपलब्ध होने चाहिए, ताकि वक्त जरूरत काम में आए. टास्क पूरा करते ही श्रमिकों को एक-एक कर अपने निवास स्थान जाने के लिए कहा जाए. उन्हें कार्यस्थल पर अनावश्यक नहीं रोका जाए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.