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सरिस्का के जंगल में फायर : हेलीकॉप्टर पायलट ने कहा, अब वन कर्मी पैदल बुझाएंगे आग

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Published : Mar 31, 2022, 2:01 PM IST

अलवर में सरिस्का के जंगलों में लगी भीषण आग अब शांत होने लगी है. वायु सेना के हेलीकॉप्टर (sariska forest fire shrinks) दो दिन से आग पर काबू पाने के लिए पानी का छिड़काव कर रहे थे. दोनों हेलीकॉप्टरों ने गुरुवार सुबह सरिस्का के जंगल में तीन राउंड लगाए. उसके बाद पायलट ने कहा कि उनका ऑपरेशन पूरा हो चुका है. तो वहीं एक सप्ताह तक अब वन कर्मी जंगल में घूम कर सुलग रही आग को शांत कराने का काम करेंगे.

फोटो
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अलवर. सरिस्का के जंगल में लगी आग की लपटें अब धीरे-धीरे कम (sariska forest fire shrinks) होने लगी हैं. इस भीषण आग पर काबू पाने के लिए वायु सेना के हेलीकॉप्टर पिछले दो दिन से प्रयासरत थे. इसके साथ ही वनकर्मी भी सरिस्का के जंगल में (Forest workers extinguishing the fire in Sariska) आग को बुझाने में लगे हुए हैं. वन विभाग ने अधिकारियों को जंगल में लगे आग के कारणों का पता करने के आदेश दिए हैं. इसके साथ आग में बड़ी संख्या में पेड़, वन्यजीव का नुकसान हुआ है. विभाग की टीम इसका आकलन कर रही है. जांच पड़ताल के लिए एक अधिकारी की नियुक्ति की गई है.

जंगल में लगी आग विकराल रूप ले रही थी. पहाड़ी के ऊपरी हिस्से में आग बुझाना सरिस्का प्रशासन के लिए चुनौती बन गया था. ऐसे में अलवर प्रशासन ने वायु सेना से मदद मांगी. वायु सेना के दो हेलीकॉप्टर आग बुझाने के लिए अलवर पहुंचे. मंगलवार और बुधवार को दो दिन में वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने करीब एक लाख लीटर पानी सरिस्का में जलती हुई आग पर डाला. सिलीसेढ़ झील से पानी लेकर लगातार हेलीकॉप्टर पानी का छिड़काव करते रहे. दो दिनों तक यह सिलसिला चला. तीसरे दिन गुरुवार सुबह भी हेलीकॉप्टरों ने तीन राउंड लगाए. इसके बाद पायलट ने ऑपरेशन पूरा होने की जानकारी प्रशासन और वन विभाग के अधिकारियों को दी.

सरिस्का के जंगल में आग (वीडियो देखें)

पढ़ें-Major Fire in Sariska : चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन अरविंदम ने कहा- मुख्य जंगल में लगी आग पर पाया गया काबू

नुकसान का किया जा रहा आकलन: वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि अब करीब एक सप्ताह तक वन कर्मी जंगल में घूम कर सुलगते हुए सूखे पेड़ के थूट को बुझाने का काम करेंगे. उसके लिए 400 से ज्यादा वन कर्मी सरिस्का के जंगल के क्षेत्र में लगे हुए हैं. अलवर के अलावा जयपुर, दौसा, भरतपुर और आसपास के जिलों के एनडीआरएफ, वन कर्मी जंगल में घूम कर आग बुझाने का काम कर रहे हैं. वन विभाग के अधिकारियों ने कहा आग लगने के कारण की जांच चल रही है. इसके लिए जिला स्तर के अलावा मुख्यालय स्तर पर भी एक टीम बनाई गई है. पूरे मामले की जांच पड़ताल के लिए अधिकारी भी नियुक्त किया गया है. साथ ही इस आग में हुए नुकसान का आकलन भी किया जा रहा है. आग के कारण सांप, नेवले, चूहे सहित छोटे वन्यजीवों की मौत हुई है और बड़ी संख्या में पेड़ जले हैं. उसका आकलन वन विभाग की टीम कर रही है.

अलवर. सरिस्का के जंगल में लगी आग की लपटें अब धीरे-धीरे कम (sariska forest fire shrinks) होने लगी हैं. इस भीषण आग पर काबू पाने के लिए वायु सेना के हेलीकॉप्टर पिछले दो दिन से प्रयासरत थे. इसके साथ ही वनकर्मी भी सरिस्का के जंगल में (Forest workers extinguishing the fire in Sariska) आग को बुझाने में लगे हुए हैं. वन विभाग ने अधिकारियों को जंगल में लगे आग के कारणों का पता करने के आदेश दिए हैं. इसके साथ आग में बड़ी संख्या में पेड़, वन्यजीव का नुकसान हुआ है. विभाग की टीम इसका आकलन कर रही है. जांच पड़ताल के लिए एक अधिकारी की नियुक्ति की गई है.

जंगल में लगी आग विकराल रूप ले रही थी. पहाड़ी के ऊपरी हिस्से में आग बुझाना सरिस्का प्रशासन के लिए चुनौती बन गया था. ऐसे में अलवर प्रशासन ने वायु सेना से मदद मांगी. वायु सेना के दो हेलीकॉप्टर आग बुझाने के लिए अलवर पहुंचे. मंगलवार और बुधवार को दो दिन में वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने करीब एक लाख लीटर पानी सरिस्का में जलती हुई आग पर डाला. सिलीसेढ़ झील से पानी लेकर लगातार हेलीकॉप्टर पानी का छिड़काव करते रहे. दो दिनों तक यह सिलसिला चला. तीसरे दिन गुरुवार सुबह भी हेलीकॉप्टरों ने तीन राउंड लगाए. इसके बाद पायलट ने ऑपरेशन पूरा होने की जानकारी प्रशासन और वन विभाग के अधिकारियों को दी.

सरिस्का के जंगल में आग (वीडियो देखें)

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नुकसान का किया जा रहा आकलन: वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि अब करीब एक सप्ताह तक वन कर्मी जंगल में घूम कर सुलगते हुए सूखे पेड़ के थूट को बुझाने का काम करेंगे. उसके लिए 400 से ज्यादा वन कर्मी सरिस्का के जंगल के क्षेत्र में लगे हुए हैं. अलवर के अलावा जयपुर, दौसा, भरतपुर और आसपास के जिलों के एनडीआरएफ, वन कर्मी जंगल में घूम कर आग बुझाने का काम कर रहे हैं. वन विभाग के अधिकारियों ने कहा आग लगने के कारण की जांच चल रही है. इसके लिए जिला स्तर के अलावा मुख्यालय स्तर पर भी एक टीम बनाई गई है. पूरे मामले की जांच पड़ताल के लिए अधिकारी भी नियुक्त किया गया है. साथ ही इस आग में हुए नुकसान का आकलन भी किया जा रहा है. आग के कारण सांप, नेवले, चूहे सहित छोटे वन्यजीवों की मौत हुई है और बड़ी संख्या में पेड़ जले हैं. उसका आकलन वन विभाग की टीम कर रही है.

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