जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने योग गुरु बाबा रामदेव की ओर से धर्म विशेष को लेकर की गई टिप्पणी के मामले में बाड़मेर के चौहटन थाने में दर्ज मुकदमे में गिरफ्तारी पर रोक को आगे बढ़ाते हुए 5 अक्टूबर को अनुसंधान अधिकारी के समक्ष पेश होने के निर्देश दिए हैं. जस्टिस कुलदीप माथुर की बेंच में बाबा रामदेव की ओर से पेश विविध आपराधिक याचिका पर सुनवाई के बाद गिरफ्तारी पर 13 अप्रैल 2023 को लगाई गई अंतरिम रोक को 16 अक्टूबर तक बढ़ा दिया है.
16 अक्टूबर को केस डायरी भी पेश करें : याचिकाकर्ता बाबा रामदेव की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता धीरेन्द्र सिंह दासपा, उनके सहयोगी निशांक मदान और प्रियंका बोराणा ने पैरवी करते हुए कहा कि उनके खिलाफ दर्ज मुकदमा बेबुनियादी हैं. याचिकाकर्ता को एफआईआर संख्या 0030/2023 के संबंध में 5 अक्टूबर 2023 को अनुसंधान अधिकारी के समक्ष सुबह 11:30 बजे पेश होने के निर्देश दिए हैं. साथ ही कहा कि जब भी अनुसंधान अधिकारी बुलाना चाहे तो उन्हें उपस्थित रहना होगा. कोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से मौजूद सरकारी अधिवक्ता को निर्देश दिए हैं कि अगली सुनवाई पर 16 अक्टूबर को केस डायरी भी पेश करें.
सौहार्द बिगाड़ने के प्रयास में मुकदमा दर्ज : बता दें कि योग गुरु बाबा रामदेव की ओर से धर्म विशेष को लेकर की गई विवादित टिप्पणी के मामले में बाड़मेर जिले के चौहाटन थाने में उनके खिलाफ सौहार्द बिगाड़ने के प्रयास करने समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था. चौहटन निवासी पठाई खान ने चौहटन पुलिस थाने में बाबा रामदेव के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. बाबा रामदेव के खिलाफ चौहाटन थाने में धारा 153-ए,295-ए और 298 के तहत मामला दर्ज किया गया था.
ये है मामला : 2 फरवरी 2023 को योग गुरु बाबा रामदेव एक धार्मिक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए बाड़मेर पहुंचे थे. इस दौरान जिले में आयोजित एक धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए बाबा रामदेव ने एक धर्म विशेष को लेकर विवादित टिप्पणी की थी, जिसके बाद से विवाद खड़ हो गया था. हाईकोर्ट में राहत के लिए याचिका पेश की गई थी, जिसमें 13 अप्रेल 2023 को कोर्ट ने राहत देते हुए 20 मई 2023 को अनुसंधान अधिकारी के समक्ष पेश होने के निर्देश दिए थे, लेकिन बाबा रामदेव पेश नहीं हुए. ऐसे में पुलिस की ओर से दबाव बनाने पर दोबारा कोर्ट से अनुरोध किया गया, जिस पर अब 5 अक्टूबर को पेश होने के निर्देश दिए गए हैं.