जोधपुर : राजस्थान हाईकोर्ट ने बहुचर्चित भंवरी देवी अपहरण और हत्या मामले में आरोपी पूर्व विधायक मलखान सिंह विश्नोई को जमानत दे दी है. मलखान सिंह विश्नोई करीब दस साल से जेल की सजा काट रहे थे.
इससे पहले राजस्थान हाईकोर्ट इस हाई-प्रोफाइल प्रकरण के 6 आरोपियों को जमानत दे चुका है. आने वाले दिनों में इस कांड से जुड़े अन्य आरोपियों की भी याचिका यहां पेश होने वाली है, जबकि पूर्व मंत्री एवं इस प्रकरण के आरोपी महिपाल मदेरणा (Mahipal Maderna) की जमानत पर 23 अगस्त को सुनवाई होगी.
भंवरी मामले के आरोपियों को जमानत का सिलसिला गत दिनों आरोपी परसराम विश्नोई (Parasram Vishnoi) की सुप्रीम कोर्ट में याचिका पर हुई सुनवाई और सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए निर्णय के बाद शुरू हुआ है.
सर्वोच्च न्यायालय ने फैसले में कहा था कि लंबी सुनवाई के चलते किसी आरोपी को जमानत से वंचित नहीं किया जा सकता. इस आधार पर राजस्थान हाईकोर्ट में जमानत मिलना प्रारंभ हुई है.
राजस्थान हाईकोर्ट ने गत दिनों इस प्रकरण के छह आरोपी सहीराम, पुखराज, दिनेश, ओमप्रकाश, अशोक और उमेशराम को जमानत दी थी.
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यह है मामला
1 सितंबर 2010 को नर्स भंवरी देवी (Bhanwari Devi) अपने घर से सोहनलाल से भुगतान लेने निकली थी. इसके बाद उसे किसी ने नहीं देखा. इसको लेकर उसके पति अमरचंद ने बिलाड़ा थाने में एक गुमशुदगी दर्ज करवाई. लेकिन भंवरी का पता नहीं चला और कुछ दिनों बाद ही इस मामले ने तूल पकड़ लिया. गाहे-बगाहे तत्कालीन जल संसाधन मंत्री महिपाल मदेरणा (Mahipal Maderna), तत्कालीन लूणी के विधायक मलखान विश्नोई (Malkhan Vishnoi) का नाम सामने आने लगा.
जिसके बाद दिसंबर 2010 में महिपाल मदेरणा को गिरफ्तार किया गया. जांच सीबीआई को चली गई. सीबीआई ने कड़ियां जोड़ते हुए मलखान विश्नोई व उसके भाई परसराम विश्नोई को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद भंवरी के पति अमरचंद, ठेकेदार सोहनलाल, सहीराम समेत कुल 17 आरोपियों को सीबीआई ने गिरफ्तार किया. सबसे अंत में मलखान विश्नोई की बहन इंद्रा विश्नोई (indra vishnoi ) को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था.
(एजेंसी इनपुट)