जयपुर. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के पुत्र उदयनिधि स्टालिन की सनातन धर्म को लेकर की गई टिप्पणी पर भाजपा तो उन्हें लगातार घेर ही रही है. राजस्थान के गहलोत सरकार के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी उदयनिधि स्टालिन को सनातन धर्म पर टिप्पणी करने पर आड़े हाथों लिया. मंत्री खाचरियावास ने पहले राम मंदिर को लेकर भाजपा को कहा कि राम मंदिर कोई बीजेपी का कार्यालय नहीं है और फिर उसके बाद उन्होंने एक सांस में श्री राम स्तुति मीडिया के सामने की. उसके आगे मंत्री खाचरियावास ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पुत्र बयान पर भी आपत्ति जताई और कहा कि उनकी मति भगवान ने हर ली जो उन्होंने सनातन धर्म पर टिप्पणी की.
मंत्री खाचरियावास ने कहा कि "जाको प्रभु दारुण दुख देहि, ताकि मति पहले हर लेहि" क्योंकि सनातन धर्म तो सभी प्राणियों का कल्याण चाहता है. उसका किसी धर्म से झगड़ा नहीं है, जो लोग ऐसी बातें कर रहे हैं उनकी मति भगवान ने हर ली है. मंत्री कहा कि कांग्रेस पार्टी हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई,पारसी, बौद्ध हर धर्म का सम्मान करती है. तिरंगा हमारा सबसे बड़ा धर्म है और जो हर किसी से प्यार- प्रेम रखने की बात कहे वही सनातन धर्म है. उन्होंने कहा कि सनातन धर्म भारत की ताकत है, दुनिया की धरोहर है और ब्रह्मांड की ताकत है. ऐसे में किसी नेता के मुंह से ऐसी बातें नहीं निकलनी चाहिए उन्होंने कहा कि "जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है".
इंडिया और भारत एक, क्या नोट से इंडिया हटाकर दोबारा नोटबंदी करना चाहती है केंद्र सरकार : मंत्री प्रसाद सिंह खाचरियावास ने भाजपा पर भी हमला करते हुए कहा कि भारत और इंडिया में कोई अंतर नहीं है. भाजपा ऐसा काम कर क्या देश की जनता को मारना चाहती है? उन्होंने कहा कि देश के हर नोट पर रिजर्व बैंक आफ इंडिया लिखा हुआ है, तो क्या इंडिया का नाम भारत कर पहले ही नोटबंदी कर देश की जनता को प्रताड़ित कर चुकी है. केंद्र सरकार इंडिया शब्द को हटाकर भारत करने के लिए फिर नोटबंदी करके देश की आमजन को मारना चाहती है'
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राजनीति के उतार-चढ़ाव में पार्टी छोड़ने वालों के होते हैं पर्सनल इंटरेस्ट : वहीं ज्योति मिर्धा और सवाई सिंह चौधरी के पार्टी छोड़ने पर भी मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने टिप्पणी करते हुए कहा कि राजनीति में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं. लेकिन मैदान छोड़कर नहीं जाया जाता. अभी जो कांग्रेस पार्टी छोड़कर जा रहे हैं उनके पर्सनल इंटरेस्ट हैं और पर्सनल इंटरेस्ट से राजनीति नहीं होती है. उन्होंने कहा कि नेता का मतलब नैया पार कराने वालों से होता है. लेकिन देश में नेता भी दो प्रकार के है जो भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टी में मिलते हैं. एक तो वह जो खुद को नेता कहते हैं, और एक वह जिनको जनता नेता मानती है.