जयपुर. कल बुधवार 9 अगस्त को राहुल गांधी बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम में जनसभा करने आ रहे हैं. राहुल गांधी का बांसवाड़ा दौरा भले ही 2 सप्ताह पहले तय हो गया था, लेकिन सोमवार 7 अगस्त को जिस तरह से राहुल गांधी को लोकसभा में बहाली के रूप में बड़ी जीत मिली है, उस जीत के बाद 9 अगस्त को राजस्थान के बांसवाड़ा में राहुल गांधी की जनसभा पर हर किसी की नजर होगी. राहुल गांधी के साथ ही बांसवाड़ा की सभा राजस्थान कांग्रेस के संगठन के लिए भी महत्वपूर्ण होने जा रही है, क्योंकि संभवत: यह पहली बार होगा की सरकार होने के बाद कोई सभा करवाने में सरकार, यानी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से ज्यादा संगठन को जिम्मेदारी दी गई है. बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पैर में चोट है, इसके चलते गहलोत ज्यादा सक्रिय नहीं है. इस जनसभा का पूरा काम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ही संभाल रहे हैं. ऐसे में सभा अगर कामयाब होती है तो इससे संगठन के ही नंबर बढ़ेंगे.
आदिवासी क्षेत्र में जीत के लिए चल रही भाजपा और कांग्रेस की रस्साकशी : वागड़ का इलाका यानी राजस्थान का आदिवासी क्षेत्र दोनों ही पार्टियों भाजपा और कांग्रेस के लिए कितनी अहमियत रखता है. इसका पता इसी बात से चलता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 1 नवंबर को मानगढ़ धाम बांसवाड़ा से ही राजस्थान के चुनावी शंखनाद की शुरुआत की थी. जिसके जरिए उन्होंने राजस्थान के साथ ही गुजरात के लिए भी मेसेज दिया था. अब राहुल गांधी भी 9 अगस्त से राजस्थान के विधानसभा चुनाव का शंखनाद मानगढ़ धाम बांसवाड़ा से करने जा रहे हैं.
दावा मोदी की अब तक की सभाओं से ज्यादा होगी भीड़ : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने राहुल गांधी की पूरी सभा का काम अपने हाथ में ले रखा है. कैसे ज्यादा से ज्यादा संख्या में आदिवासी राहुल गांधी की जनसभा में पहुंचे इसको लेकर प्रयास किए जा रहे हैं. गोविंद डोटासरा क्योंकि यह दावा भी कर चुके हैं कि आज तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजस्थान में जितनी रैलियां हुई उनके बराबर संख्या में लोग राहुल गांधी की बांसवाड़ा सभा में पहुंचेंगे.
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मुख्यमंत्री गहलोत करेंगे राहुल गांधी के सामने मानगढ़ धाम से आदिवासियों के लिए घोषणा : बांसवाड़ा का मानगढ़ धाम न केवल राजस्थान बल्कि गुजरात और मध्य प्रदेश के आदिवासियों के लिए आस्था का केंद्र है. मानगढ़ धाम का महत्व देश में इस बात के लिए है कि 17 नवंबर 1913 में गोविंद गुरु के नेतृत्व में अंग्रेजों से लड़ाई लड़ते हुए 1500 से ज्यादा आदिवासी एक साथ यहां शहीद हो गए थे. संभवत: यह देश का एकमात्र एक ऐसा स्थान है जहां देश की रक्षा के लिए 1500 आदिवासी शहीद हुए हों. मानगढ़ धाम को लंबे समय से राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की मांग हो रही है. इसी बीच राजस्थान कांग्रेस के मुखिया गोविंद डोटासरा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से यह मांग रखी है कि केंद्र इस धाम के लिए कुछ नहीं करेगा ऐसे में राजस्थान को ही इसे लेकर कोई बड़ी घोषणा करनी चाहिए. ऐसे में उम्मीद है कि राहुल गांधी जब विश्व आदिवासी दिवस को मानगढ़ धाम पहुंचेंगे, तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मानगढ़ धाम के लिए कोई बड़ी घोषणा जरूर करेंगे, हालांकि राज्य सरकार इसे राष्ट्रीय स्मारक तो घोषित नहीं करेगी लेकिन राज्य सरकार अपने स्तर पर कोई घोषणा ऐसी जरूर करेगी जिससे मानगढ़ धाम का नाम और प्रसिद्धि बढ़ेगी.
राहुल गांधी के जरिए आदिवासी क्षेत्र को साधने की कवायद : आदिवासी वागड़ क्षेत्र कभी कांग्रेस का सबसे महत्वपूर्ण वोट बैंक माना जाता था, लेकिन धीरे-धीरे यह क्षेत्र कांग्रेस के हाथों से खिसकताजा रहा है. 2008 के चुनाव में कांग्रेस के पास 16 में से 11 सीटें थी. मोदी लहर के चलते 2013 में 1 सीट और 2018 में कांग्रेस 3 सीटों पर सिमट गई थी, हालांकि धरियावद उपचुनाव में कांग्रेस को मिली जीत से यह संख्या 4 हो गई. अपने परंपरागत वोट बैंक में लगी सेंध से कांग्रेस अब राहुल गांधी के जरिए बाहर आने का प्रयास कर रही है, अब इसमें कांग्रेस कितना कामयाब होगी यह तो आने वाले चुनाव में ही साफ होगा.