न्यूयॉर्क : संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) का इस साल का सत्र 14 सितम्बर से अब्दुल्ला शाहिद की अध्यक्षता में शुरू हुआ है. उच्च स्तरीय सप्ताह (सामान्य चर्चा) 21 सितम्बर से शुरू हुई है. शनिवार, 25 सितम्बर को सामान्य चर्चा में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित करेंगे. यह जानकारी संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने दी. उन्होंने बताया कि इस सत्र में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन भी विश्व नेताओं को संबोधित करेंगे.
भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने कहा कि 76वीं यूएनजीए कई कारणों से भारत के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है. ऐसी उम्मीद है कि भारत विकासशील दुनिया की अग्रणी आवाज के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के वर्तमान सदस्य के रूप में वैश्विक मुद्दों को मजबूती से उठाने के लिए अपनी स्थिति का इस्तेमाल करेगा.
उन्होंने कहा कि इनमें जलवायु परिवर्तन, सतत विकास लक्ष्य, टीकों के लिए समान और सस्ती पहुंच, गरीबी उन्मूलन और आर्थिक सुधार, महिला सशक्तिकरण तथा शासन संरचनाओं में भागीदारी, आतंकवाद, शांति स्थापना/शांति निर्माण, हिंद-प्रशांत और संयुक्त राष्ट्र सुधार शामिल हैं. हम निश्चित रूप से ऐसा करेंगे, जैसा कि हमने वास्तव में पहले भी किया है.
उन्होंने कहा कि भारत में महासभा में चर्चा को अधिक सहयोगात्मक और रचनात्मक ढांचे में लाने की क्षमता है ताकि हम भागीदारों के साथ मिलकर, किसी भी विभाजनकारी एजेंडे का विरोध कर सकें या मौजूदा एजेंडे को कमजोर होने से रोक सकें.
उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी भूमिका है, जिसे भारत निभा सकता है. ताकि, हम दुनिया के सामने आने वाले प्रमुख मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखें और संकीर्ण हितों द्वारा मुद्दों से भटकाने के प्रयासों को कामयाब न होने दें.
इस वर्ष की आम चर्चा का विषय है 'कोविड-19 से उबरने की आशा के माध्यम से लचीले रुख का निर्माण, स्थायी रूप से पुनर्निर्माण, ग्रह की जरूरतों का जवाब देना, लोगों के अधिकारों का सम्मान करना और संयुक्त राष्ट्र को पुनर्जीवित करना.
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तिरुमूर्ति ने कहा कि महासभा में प्रधानमंत्री मोदी का भाषण दुनिया के नेताओं में सबसे अधिक प्रतीक्षित है. जबकि उन्होंने जो कहने का फैसला किया है वह पूरी तरह से उनका विशेषाधिकार है और मैं दूसरा अनुमान नहीं लगाना चाहता, प्रधानमंत्री ने हमेशा दुनिया के सामने मौजूद मुख्य मुद्दों, जो हमारे लिए महत्वपूर्ण व चिंता की वजह हैं, के साथ कुछ घरेलू उपलब्धियों को रेखांकित किया है.
तिरुमूर्ति ने कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर और वरिष्ठ अधिकारी सोमवार से न्यूयॉर्क में होंगे.
उन्होंने कहा कि जयशंकर कई सदस्य देशों के अपने समकक्षों से मिलेंगे और जी-20 बैठक में भाग लेंगे, जिसमें अफगानिस्तान पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. इसके अलावा वह जी-4 विदेश मंत्रियों की बैठक में भी हिस्सा लेंगे जिसमें सुरक्षा परिषद में सुधार पर ध्यान दिया जाएगा.
(पीटीआई-भाषा)