श्रीनगर : जम्मू कश्मीर अहराबल में लाखों साल पुराने जीवाश्म स्थल (fossil site) की खोज की गई है. प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि जीवाश्म ऑर्डोविशियन और डेवोनियन (Ordovician and Devonian periods) काल के हैं. हालांकि, अधिक शोध और कार्बन डेटिंग (carbon dating) ठोस जानकारी प्रदान कर सकते हैं.
उन्होंने कहा कि ये जीवाश्म डायनासोर से भी लाखों साल पुराने हैं. उन्होंने कहा कि इस अवधि के दौरान पाए जाने वाले सबसे आम जीव ब्रायोजोआ, त्रिलोबाइट्स, क्रैनियोइड्स, ब्राचिओपोड्स, कोरल और अन्य से संबंधित थे.
यह ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण खोज जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले (Kulgam district) के अहरबल क्षेत्र में हुई है, जहां एक विशाल जीवाश्म स्थल पाया गया है.
विशेषज्ञों का अनुमान है कि जीवाश्म स्थल 488 से 354 मिलियन वर्ष पुराना हो सकता है. हालांकि, सटीक तारीख केवल रेडियोकार्बन डेटिंग (radiocarbon dating) के बाद ही निर्धारित की जा सकती है.
जीवाश्म स्थल की खोज दो लेक्चरार मंजूर जावेद (Manzoor Javed ) और डॉ. रऊफ हमजा (Dr. Rauf Hamza) ने तब की थी जब वे फोसिल हंटिंग की तलाश में यहां आए थे.
बताया जा रहा है कि यह केवल जम्मू-कश्मीर ही नहीं, बल्कि एशिया में किसी भी जीवाश्म स्थल पर मिले भूवैज्ञानिक काल (geological period) की किसी भी जीवित वस्तु के अवशेष हो सकते हैं.
यह स्थल कुलगाम जिले के अहराबल वॉटर फॉल (Aharbal waterfall) से लगभग दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और यह स्थल जीवाश्मों से भरा पड़ा है.
मंजूर जावेद ने कहा कि यहां बिना किसी खुदाई के हजारों जीवाश्म जमीन के ऊपर देखे जा सकते हैं. यह इंगित करता है कि यहां जीवाश्मों का एक बड़ा भंडार जमीन के अंदर दबा हो सकता है.
उन्होंने कहा कि यदि साइट के संभावित क्षेत्रों की खुदाई की गई, तो यह वैज्ञानिक दुनिया (scientific world) के लिए एक अद्भुत जीवाश्म प्रकट कर सकता है.हालांकि, अधिक शोध और कार्बन डेटिंग ठोस जानकारी प्रदान कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि ये जीवाश्म डायनासोर से भी लाखों साल पुराने हैं.
उन्होंने कहा कि इस अवधि के दौरान पाए जाने वाले सबसे आम जीव ब्रायोजोआ, ट्रिलोबाइट्स, क्रैनियोइड्स, बर्चिओपोड्स, कोरल आदि से संबंधित हैं.
उन्होंने मांग की कि सरकार जगह की सुरक्षा सुनिश्चित करे और यहां एक जीवाश्म संग्रहालय (fossil museum) स्थापित करे.
खोज के तुरंत बाद, पुरातत्व विभाग, वन और अन्य संबंधित विभागों (Department of Archeology, Forests and other related departments) के अधिकारियों ने साइट का दौरा किया और खोज के बारे में और जानकारी प्राप्त की.
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विभाग के अनुसार साइट पर एक संग्रहालय का निर्माण कार्य किया जाएगा, ताकि दुनिया भर के जीवाश्म विज्ञानी, भूविज्ञान शोधकर्ता और छात्र साइट का दौरा कर सकें और जम्मू-कश्मीर के इतिहास (history of Jammu Kashmir) को समझ सकें.
पुरातत्व और संग्रहालय के अधिकारियों के अनुसार नमूने बाबा परमाणु अनुसंधान केंद्र (Baba Atomic Research Center) को भेजे जाएंगे. इन जीवाश्मों की उम्र और छापों की अभी पुष्टि नहीं हो सकी है. गंभीर शोध और कार्बन डेटिंग के जरिए इसका पता लगाने की जरूरत है.
हालांकि, जीवाश्म उपस्थिति, क्षेत्र, विविधता और उम्र के मामले में यह जम्मू कश्मीर में सबसे बड़ी खोज है. जम्मू कश्मीर में अधिकांश जीवाश्म स्थलों की खोज विदेशियों या पेशेवरों द्वारा की गई है.
हालांकि, शौकिया जीवाश्म हंटिंग (amateur fossil hunters) द्वारा इस क्षेत्र में यह एकमात्र खोज है. वर्तमान में श्रीनगर के बाहरी इलाके में जियोन क्षेत्र को कश्मीर का सबसे पुराना जीवाश्म स्थल माना जाता है.